सीबीआइ ने हाई कोर्ट की पूर्व जज की बेटी को लिखा प्राइम सस्पेक्ट. .अब गुपचुप फाइल कर दी अनट्रेस रिपोर्ट
नेशनल शूटर और एडवोकेट सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी के पांच साल पुराने हाईप्रोफाइल मर्डर केस में सीबीआइ ने गुपचुप तरीके से मजिस्ट्रेट कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट फाइल कर दी है।
कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़
नेशनल शूटर और एडवोकेट सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी के पांच साल पुराने हाईप्रोफाइल मर्डर केस में सीबीआइ ने गुपचुप तरीके से मजिस्ट्रेट कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट फाइल कर दी है। सीबीआइ ने रिपोर्ट में एक युवती को बाइनेम प्राइम सस्पेक्ट लिखा है, जो पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जज की बेटी है। लेकिन, कोर्ट में फाइल रिपोर्ट में आरोपित युवती के खिलाफ सुबूत पेश नहीं किया गया है। सिप्पी के स्वजनों द्वारा तत्कालीन हाई कोर्ट की जस्टिस की बेटी पर आरोप लगाने के बाद उनका राजस्थान हाई कोर्ट के लिए तबादला हो गया था।
हत्याकांड में यूटी पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की लीपापोती कर नाकामी के बाद स्वजनों की अपील पर केस सीबीआइ को ट्रांसफर किया गया था। अब चार वर्ष 10 माह की लंबी पड़ताल के बाद सीबीआइ ने घुमावदार तरीके से अनट्रेस रिपोर्ट फाइल कर दी। क्योंकि, सीबीआइ ने इसे क्लोजर रिपोर्ट नहीं, बल्कि अनट्रेस रिपोर्ट बताया है। साथ ही मामले में जांच भी जारी होने की बात कही है।
कोर्ट ने रिपोर्ट पर सवाल उठते हुए सीबीआइ के एसपी क्राइम ब्रांच को कोर्ट में पेश होकर उनसे इसे फाइनल रिपोर्ट या क्लोजर रिपोर्ट होने के बाबत सवाल पूछा है। कहा है कि क्या इसे सिर्फ स्टेटस रिपोर्ट माना जाए।
मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट की तरफ से सीबीआइ एसपी (क्राइम ब्रांच) एमके पूरी को पेश होने को कहा था, जिसके बाद सोमवार को कोर्ट में पेश होकर एसपी एमके पूरी ने मामले से संबंधित दस्तावेज सौंपे। कोर्ट इस रिपोर्ट पर अगली तारीख पर सुनवाई करेगी। पिछले सप्ताह लाई डिटेक्टर टेस्ट की मंजूरी, अब यह रिपोर्ट -
सीबीआइ ने इसी केस से जुड़े दो लोगों के लाई डिटेक्टर टेस्ट करने के लिए सीबीआइ कोर्ट में एक याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट ने पिछले सप्ताह ही मंजूरी दे दी है। जिन दो लोगों के टेस्ट करवाने के लिए सीबीआइ ने यह याचिका लगाई है, उनकी पहचान सिमरनदीप और कर्मपाल के रूप में हुई है। यह है मामला
20 सितंबर 2015 की रात को सेक्टर-27 स्थित नेबरहुड पार्क के समीप एडवोकेट और नेशनल शूटर सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी सिद्धू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हाईप्रोफाइल केस में यूटी पुलिस ने तत्काल एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम गठित कर जांच शुरू करवा दी। जबकि मामले में एक तत्कालीन पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट के जज की बेटी का नाम संदिग्ध आरोपित के तौर पर आने के बाद केस में नया मोड़ आ गया। इसके बाद एसआइटी की नाकामी के बाद स्वजनों ने कैंडल मार्च, सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने के बाद केस ट्रांसफर की अपील दायर की। 22 जनवरी 2016 को यूटी पुलिस ने जिला अदालत में बताया कि मामला सीबीआइ को ट्रांसफर कर दिया गया है। सीबीआइ ने 13 अप्रैल 2016 को अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की थी। इसके साथ ही सीबीआइ ने मामले में कोई भी सुराग देने वाले के लिए पांच लाख रुपये के इनाम की घोषणा भी की है। कब क्या हुआ
20 सितंबर 2015: सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी की सेक्टर-27 स्थित पार्क के समीप गोली मारकर हत्या की गई।
29 नवंबर 2015: सिप्पी के स्वजनों ने न्याय के लिए चंडीगढ़ के वारदात स्थल पर कैंडल मार्च किया।
24 नवंबर 2015: सिप्पी के स्वजनों ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास के पास मौन प्रदर्शन कर ढीली कार्रवाई के खिलाफ विरोध और न्याय की मांग की।
22 जनवरी 2016 : सिप्पी हत्याकांड सीबीआइ को ट्रांसफर किया गया।
16 अप्रैल 2016: सीबीआइ ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया।
05 दिसंबर 2020: सीबीआइ कोर्ट ने दो लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति दी।
दिसंबर 2020: सीबीआइ ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट फाइल कर दी। इस केस में एक-एक प्वाइंट पर हम रोजाना अपडेट्स लेते हैं। सीबीआइ ने अनट्रेस रिपोर्ट फाइल करने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। हम न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।
- दिपेंदर कौर सिद्धू, सिप्पी सिद्धू की मां