गुड़िया मर्डर केस : आरोपितों का नार्को टेस्ट करने वाले डॉक्टरों को कोर्ट में पेश होने के आदेश Chandigarh News
सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने शिमला में गुड़िया मर्डर केस के बाद पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के मामले में गुजरात के दो डॉक्टरों को अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किए
चंडीगढ़, जेएनएन। सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने शिमला में गुड़िया मर्डर केस के बाद पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के मामले में गुजरात के दो डॉक्टरों को अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किए हैं। ये वही डॉक्टर हैं, जिन्होंने गुडि़या दुष्कर्म और मर्डर केस के आरोपितों का नार्को टेस्ट किया था। डॉ. एचवी आचार्य और एचआर शाह गुजरात के गांधीनगर स्थित डायरेक्टरेट ऑफ फॉरेंसिक साइंस में कार्यरत हैं। वहीं आरोपित आइजी जहूर हैदर जैदी ने स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर कर उक्त डॉक्टरों द्वारा गुडिया मर्डर केस के पांचों आरोपितों का नार्को टेस्ट करते समय जो ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिग की गई थी, वह मुहैया कराने की अपील की है। हालांकि सीबीआइ वकील ने दलील दी कि उसकी रिपोर्ट की कॉपी चालान के साथ संलग्न कर आरोपित को दी गई थी। सरकारी वकील की दलील के बाद स्पेशल कोर्ट ने जैदी की याचिका खारिज कर दी। मामले की अगली सुनवाई नौ अक्टूबर को होगी।
यह है मामला
चार जुलाई 2017 को कोटखाई के एक स्कूल की छात्रा अचानक लापता हो जाती है। दो दिन बाद जंगल से छात्रा का शव बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी। आइजी जैदी की अगुवाई में बनी एसआइटी ने केस को सुलझाने का दावा करते हुए एक स्थानीय युवक और पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया था। इनमें नेपाली मूल का सूरज नामक युवक भी था। कोटखाई थाने में सूरज की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। सीबीआइ जांच में सामने आया कि पुलिस के टॉर्चर से ही सूरज की मौत हुई थी। मामले में सीबीआइ ने आइजी जहुर हैदर जैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठयोग डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंदर सिंह, एएसआइ दीप चंद, हेड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रफिक अली और कांस्टेबल रंजीत समेत कुल नौ लोगों को आरोपित बनाया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केस को चंडीगढ़ स्थित सीबीआइ की विशेष कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था।
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