रिश्वत मामलाः Estate Office के इंस्पेक्टर जगजीत को जाना ही होगा सलाखों के पीछे, CBI कोर्ट में याचिका खारिज
जगजीत ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि वह बीमार है और पीजीआइ में एडमिट है। इसलिए उसकी सजा को 30 दिन के लिए निलंबित किया जाए। लेकिन अब जगजीत को सलाखों के पीछे जाना ही पड़ेगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। 15 हजार रुपये रिश्वत मामले में एस्टेट ऑफिस के इंस्पेक्टर जगजीत ङ्क्षसह को सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने दोषी करार देते हुए पांच दिसंबर 2019 को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। साथ ही 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था। लेकिन जगजीत ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि वह बीमार है और पीजीआइ में एडमिट है। इसलिए उसकी सजा को 30 दिन के लिए निलंबित किया जाए। लेकिन अब जगजीत को सलाखों के पीछे जाना ही पड़ेगा। सीबीआइ अदालत ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया है।
हाई कोर्ट में दायर करने को कहा था याचिका के लिए
दरअसल सीबीआइ की स्पेशल अदालत ने जगजीत को यह याचिका पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में दायर करने के लिए कहा था। इसी दौरान जगजीत ने सीबीआइ अदालत में एक और याचिका दायर कर कहा कि सजा को 30 दिन तक निलंबित करने का फैसला अभी हाई कोर्ट में पेंडिग है, इसलिए उसे थोड़ा समय और दिया जाए। अब शनिवार को सीबीआइ अदालत ने उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि हाई कोर्ट ने उसकी सजा निलंबित करने वाली याचिका को 16 जनवरी को खारिज कर दिया और उसने जब वह याचिका लगाई थी, उसे भी 30 दिन से ऊपर का समय हो गया है। इसलिए अदालत ने अब उसके खिलाफ 23 जनवरी तक के लिए गैरजमानती वारंट जारी कर दिए है ताकि उसे सलाखों के पीछे सजा भुगतने के लिए भेजा जा सके।
सरकारी कर्मचारी ने दी थी शिकायत
20 मार्च, 2013 को सेक्टर-24 निवासी राजिंद्र कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। राजिंद्र ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह और उसका पड़ोसी विजय कुमार सरकारी कर्मचारी हैं और प्रशासन की तरफ से उन्हें सरकारी घर मिला हुआ है। लेकिन इस घर को उन्होंने किसी को किराये पर दिया हुआ था। जिस पर एस्टेट ऑफिस ने उन्हें शोकॉज नोटिस जारी कर दिया था।
30 हजार रुपये मांगी थी रिश्वत
जगजीत इसी विभाग में वर्क इंस्पेक्टर के रूप में काम करता था। जगजीत ने नोटिस से बचाने के लिए राङ्क्षजद्र से 30 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी जिसकी पहली 15 हजार रुपये देने के लिए जगजीत ने उसे अपने ऑफिस में बुलाया था। जैसे ही जगजीत ने पैसे हाथ में लिए, ट्रैप लगाकर बैठी सीबीआइ टीम ने तुरंत उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।
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