चंडीगढ़ में रोजाना बढ़ रहे डॉग बाइट केस
शहर में डॉग बाइट की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। रोजाना शहर में औसतन 30 से 35 कुत्तों के काटने के केस सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद नगर निगम इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। नगर निगम की डॉग वैन आवारा कुत्तों को उठाने आती है और कुछ देर बाद उनको दूसरी जगह पर छोड़ जाती है।
जासं, चंडीगढ़ : शहर में डॉग बाइट की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। रोजाना शहर में औसतन 30 से 35 कुत्तों के काटने के केस सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद नगर निगम इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। नगर निगम की डॉग वैन आवारा कुत्तों को उठाने आती है और कुछ देर बाद उनको दूसरी जगह पर छोड़ जाती है।
पिछले चार साल की बात करें तो कुत्तों के काटने का आंकड़ा 50,156 है। शहर के सेक्टर-19 में डिस्पेंसरी के एक डाक्टर ने बताया कि उनके पास रोजाना करीब 70 से 80 लोग डॉग बाइट के बाद इलाज के लिए आते हैं। लॉकडाउन में कम हुए थे डॉग बाइट के मामले साल 2020 में 10 हजार 588 लोगों को कुत्तों ने काटा है। यह आंकड़ा और भी ज्यादा होता अगर लॉकडाउन न लगता। 23 मार्च 2020 को लॉकडाउन के बाद कोई भी इंसान घर से बाहर नहीं निकला। इस कारण भी कुत्तों के काटने के मामलों में कमी आई थी। शहर में बढ़ कुत्तों की संख्या नगर निगम ने दावा किया है कि उन्होंने वर्ष 2015 तक 16 हजार 300 कुत्तों का स्टर्लाइज्ड किया गया है। बावजूद इसके इस समय शहर में कुत्तों की संख्या में भी इजाफा हो रहा हैं। जिसको नगर निगम गंभीरता से नहीं ले रहा है। निगम की लापरवाही की वजह से शहर में डॉग बाइट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 2018 की गणना के अनुसार शहर में कुत्तों की संख्या 12 हजार 920 थी। मौजूद समय में यह आंकड़ा काफी बढ़ गया है। काटने वालों में बुजुर्ग से लेकर छोटे बच्चे शामिल शहर में कुत्तों ने बुजुर्ग से लेकर छोटे बच्चों तक को शिकार बनाया है। इन हमलों में कई बच्चों ने जान भी गंवाई और कई गंभीर रूप से घायल हुए हैं। शहर के पार्क, होटल, मार्केट से लेकर सेक्टरों और कॉलोनियों में आवारा कुत्ते लोगों को काट रहे हैं और निगम के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।