हाई कोर्ट में बोले BSF डीआइजी, तेज बहादुर के वायरल वीडियो से हो सकती थी बगावत
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में बीएसएफ डीआइजी ने कहा कि जवानों के खाने पर सवाल उठाने वाले तेज बहादुर के वीडियो से बल में बगावत हो सकती थी।
जेएनएन, चंडीगढ़। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में जवानों के खाने पर सवाल उठाने वाले तेज बहादुर के वीडियो से बल में बगावत हो सकती थी। बीएसएफ ने तेज बहादुर के निष्कासन से संबंधित याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में यह जवाब दिया है।
बीएसएफ ने कहा कि याचिकाकर्ता जवान ने सोशल मीडिया पर रिकॉर्डिंग अपलोड कर बीएसएफ की लोकेशन को सार्वजनिक किया जो देश की सुरक्षा व सेना में अनुशासन के लिहाज से गंभीर भूल थी। अगर केंद्र सरकार और बीएसएफ इस मामले पर समय पर कार्रवाई न करते तो इससे सेना में बगावत भी हो सकती थी।
बीएसएफ के फिरोजपुर रेंज के डीआइजी ने अपने जवाब में कहा है कि बीएसएफ की वर्दी पहने जवान ने वीडियो अपलोड कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को धूमिल किया है। वीडियो पर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की जांच के तथ्यों को शामिल करते हुए बीएसएफ ने कहा है कि तेज बहादुर की फेसबुक फ्रेंड्स लिस्ट में पाकिस्तान, सऊदी अरब, कनाडा, अमेरिका, बांग्लादेश, रूस सहित कई देशों के लोग शामिल हैं।
कुल 2941 फ्रेंड्स हैं, जिनमें से 18 या तो पाकिस्तान के निवासी या फिर मूलरूप से पाकिस्तान के हैं। हालांकि, तेज बहादुर के फेसबुक अकाउंट से किसी प्रकार के राष्ट्रीय अहित का कोई सुबूत नहीं मिला है, लेकिन लाइन ऑफ कंट्रोल पर तैनाती के दौरान फेसबुक पर अपनी लोकेशन से वीडियो अपलोड करना गंभीर विषय है। दुश्मनों की निगाहें इन अति संवेदनशील क्षेत्रों पर लगी रहती हैं।
अधिकारियों को बताना चाहिए था
बीएसएफ ने कहा तेज बहादुर का फेसबुक पर वीडियो अपलोड करना सस्ती लोकप्रियता कमाने का प्रयास है। अगर याचिकाकर्ता को खाने में किसी प्रकार की दिक्कत थी तो उसे अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बताना चाहिए था। निवारण न होने पर वो अपनी शिकायत दिल्ली स्थित बीएसएफ के शिकायत प्रकोष्ठ को भेज सकता था।
हो सकती थी 14 साल की जेल
तेज बहादुर की बर्खास्तगी को हल्की सजा बताते हुए बीएसएफ ने कहा है कि उसे 14 साल के कारावास की सजा दी जा सकती थी, लेकिन सिर्फ बर्खास्तगी की सजा दी गई। तेज बहादुर के अलावा किसी जवान ने खाने को लेकर शिकायत नहीं की।
चार बार जेल जा चुका है तेज बहादुर
बीएसएफ ने कहा है कि तेज बहादुर को अनुशासनहीनता के लिए चार बार जेल की सजा दी जा चुकी है। 2010 में उसे अपने वरिष्ठ अधिकारी के साथ बल प्रयोग के लिए 89 दिन की जेल की सजा दी गई थी। उसकी तीन साल की सेवा की वरिष्ठता में भी कटौती की गई थी। जस्टिस शेखर धवन ने बीएसएफ के इस जवाब को अदालत के रिकॉर्ड में रखते हुए मामले की सुनवाई 27 फरवरी तक स्थगित कर दी है।
यह था मामला
बीएसएफ में जवानों को घटिया भोजन दिए जाने की शिकायत करते हुए तेज बहादुर ने जम्मू-कश्मीर की एक लोकेशन से अपने खाने का वीडियो बनाकर फेसबुक पर अपलोड किया था। इस पर काफी हो-हल्ला मचा था। बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत तेज बहादुर को सेवा से बर्खास्त कर दिया, जिसे तेज बहादुर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें