कार सेवकों ने जताई खुशी
मंदिर का निर्माण करने के फैसले से चंडीगढ़ के कार सेवक भी खुश हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सुप्रीम कोर्ट की ओर से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने के फैसले से चंडीगढ़ के कार सेवक भी खुश हैं। ये वे कार सेवक हैं जोकि छह दिसंबर 1992 में रामजन्म भूमि आंदोलन के दिन भी मौजूद थे। पूर्व सांसद एवं एडशिनल सॉलिसिटर सत्यपाल जैन ने भी कार सेवक के तौर पर भाग लिया था। कार सेवकों में चंडीगढ़ की महिलाएं भी पीछे नहीं रही।
-पूर्व मेयर अरुण सूद का कहना है कि उस समय चंडीगढ़ से 150 लोग कार सेवक के तौर पर गए थे। भाजपा के वर्तमान महासचिव चंद्रशेखर भी मौजूद थे। सूद ने बताया कि इससे पहले भी दो बार वह आंदोलन में शामिल होने के लिए अयोध्या में पहुंचे थे। उनके साथ पार्षद सुनीता धवन के पति भूपेंद्र धवन, नवीन कोच्छड़ के अलावा राजेंद्र जैन जोकि इस समय आरएसएस के चंडीगढ़ महानगर के कार्यवाहक हैं, साथ थे। इसके अलावा संजय शर्मा, अतीत कक्कड़, संदीप चुघ, ललित संगर, अजय महाजन, सुरेंद्र सूद, राजेंद्र मित्तल, ओमप्रकाश गुप्ता ,जितेंद्र चोपड़ा, भाजपा के पूर्व पार्षद सतिदर सिंह सहित कई लोगों ने कार सेवक के तौर पर भाग लिया था। इन सभी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। सूद ने बताया कि आंदोलन के दौरान उनके सिर पर एक ईट भी लगी थी, वहां पर आज भी बाल नहीं आते हैं। उनके पास मस्जिद विध्वंस कांड की तस्वीरें भी हैं। इस फैसले का पूरे देशवासी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। आज उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि वह राम मंदिर आंदोलन का हिस्सा रह चुके हैं।
-महासचिव चंद्रशेखर का कहना है कि उन्हें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनो पक्षों को ध्यान में रखते हुए अच्छा फैसला सुनाया है। 1992 में मंदिर तो बना दिया गया था लेकिन अब भव्य मंदिर बनेगा और वह भव्य मंदिर के दर्शन के लिए जाएंगे।
-पूर्व सांसद एवं एडिशनल सॉलिसिटर सत्यपाल जैन ने कहा कि आंदोलन के समय वह वहीं मौजूद थे। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से बाद में जांच के लिए लिबर्हन कमीशन भी बनाया। इसके समक्ष उन्होंने भाजपा का पक्ष रखा था। ये जो का निर्णय आया है, वह भारत के संविधान, धर्म निरपेक्षता, न्यायपालिका की विजय है। अब सबको मिलकर आगे बढ़ना चाहिए।