आइटीआइ को निजी हाथों में देने की तैयारी, अकाली दल ने किया विरोध
पंजाब सरकार राज्य में आइटीआइ को निजी हाथों में देने की तैयारी में है। सरकार इसे पीपीपी मॉडल पर चलाना चाहती है। श्ािरोमणि अकाली दल ने विधानसभा में इसका विरोध किया।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने आइटीआइ को निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के रूप में चलाने के लिए केस पंजाब इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड को भेजा है। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अकाली दल ने इसका विरोध किया। तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पूरे मामले में बैकफुट पर नजर आए और विपक्ष हावी दिखा।
चन्नी दिखे बैकफुट पर, बोले- पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के रूप में चलाने पर विचार
कांग्रेस विधायक लखबीर सिंह लक्खा के एक सवाल के जवाब में चन्नी ने सदन को बताया कि आइटीआइ में पेशेवर प्रबंधन को यकीनी बनाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के साथ चलाने पर विचार किया जा रहा है। इस पर अकाली विधायक पवन टीनू ने विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आइटीआइ को निजी हाथों में सौंपने जा रही है। चन्नी ने सफाई दी कि सरकार की मंशा इंडस्ट्री को साथ में लेकर आइटीआइ चलाने की है। वे यह नहीं कह रहे कि इसे निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा।
गन्ने की पेमेंट पर घिरी सरकार, सुखबीर व संधू ने बोला हमला
गन्ना उत्पादक किसानों को समय पर पेमेंट न मिलने के कारण सदन में कांग्रेस सरकार घिर गई। अकाली विधायक डा. सुखविंदर कुमार के एक सवाल के जवाब में सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बताया कि सहकारी शुगर मिल नवांशहर को 33.03 करोड़ रुपये किसानों को देने हैं। किसानों के इस मुद्दे पर न सिर्फ अकाली दल बल्कि आप के कंवर संधू ने भी आक्रामक हमला बोला।
संधू ने मांग की कि सरकारी व प्राइवेट मिलों को किसानों के बकाया पर ब्याज देना चाहिए क्योंकि किसान भी बैंकों को ब्याज देते हैैं। अकाली दल की कमान संभालते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि वर्तमान में 750 करोड़ रुपये गन्ना किसानों का बकाया है। नवंबर में गन्ने की पिराई शुरू हो जानी है, लेकिन न तो सरकार और न ही प्राइवेट मिलों ने किसानों को भुगतान किया है। रंधावा ने कहा कि नई पिराई शुरू होने से पहले सारी पेमेंट कर दी जाएगी।
रजिया सुल्ताना बोलीं- कॉलेज की जमीन पर कब्जा है, विधायक हरमिंदर गिल ने खारिज किया
तरनतारन के पïट्टी में सरकारी कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री रजिया सुल्ताना और कांग्र्रेस विधायक हरमिंदर सिंह गिल उलझ गए। मंत्री ने कहा कॉलेज वाली जगह पर कब्जा है जिसे छुड़वाने में दो से तीन साल लग जाएंगे। विधायक गिल का कहना था कि कब्जा नहीं है।
इस पर आप विधायक सरबजीत कौर माणुके ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह हैरानीजनक है, पूरी सरकार यहां बैठी है और मंत्री कह रही हैं कि नाजायज कब्जा छुड़वाने में दो साल लग जाएंगे। आप विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि सरकार जब विधायकों के लाभ के पद का बिल ला सकती है तो नाजायज कब्जा क्यों नहीं छुड़वा सकती। स्पीकर ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि कानूनी लड़ाई कानून के माध्यम से ही लड़ी जाएगी।