बेअदबी मामले पर बाजवा बाजवा बोले- नंदा कर रहे गुमराह तो कैप्टन ने दिया यह जवाब
बरगाड़ी बेअदबी केस सीबीआइ से वापस लेने के मामले में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रधान प्रताप सिंह बाजवा ने सवाल उठाया तो कैप्टन ने यह बात कह दी।
जेएनएन, चंडीगढ़। बरगाड़ी बेअदबी केस सीबीआइ से वापस लेने के मामले में अब कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य एवं पूर्व प्रदेश प्रधान प्रताप सिंह बाजवा भी कूद पड़े हैं। बाजवा ने इस मामले में एडवोकेट जनरल (एजी) अतुल नंदा पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बाजवा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
कैप्टन ने बाजवा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह या तो इस मामले से अनजान हैं या फिर जानबूझ कर शरारत कर रहे हैं। कैप्टन ने कहा कि सीबीआइ से केस वापस लेने का फैसला विधानसभा में लिया गया था। यह मेरिट के आधार पर और एडवोकेट जनरल कार्यालय की सिफारिशों के अनुसार था।
कैप्टन ने कहा कि उनकी सरकार ने केंद्रीय एजेंसी से केस वापस लेने संबंधी सदन में प्रस्ताव लाने से पहले एजी कार्यालय की सलाह मांगी थी। एजी की रिपोर्ट सदन में पेश नहीं की गई थी, बल्कि इस संबंधी मेरिट के आधार पर सहमति से स्वतंत्र फैसला लिया गया था। बाजवा को इसकी कोई जानकारी नहीं कि एजी ने क्या सिफारिश की थी। उनके आरोप सरासर बेबुनियाद व तथ्यों से परे हैं।
कैप्टन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि बाजवा ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को समझने की जरूरत नहीं समझी, जबकि सीबीआइ से केस वापस लेने के राज्य सरकार के फैसले की कानूनी हैसियत को अदालत ने भी कायम रखा। हाईकोर्ट ने 25 जनवरी, 2018 को दिए फैसले में एसआइटी पर भरोसा जताया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआइ ने इस फैसले को चुनौती नहीं दी। इस कारण इस कार्यवाही की कानूनी हैसियत के संबंध में अब कोई सवाल पैदा नहीं होता।
गलतफहमी पैदा कर रहे बाजवा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजवा लोगों को गुमराह कर गलतफहमी पैदा कर रहे हैं। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि तत्काल केस में राज्य पुलिस की ओर से एफआइआर पहले ही दर्ज की जा चुकी है। इस कारण नोटिफिकेशन के अमल को वापस लेने की सहमति का सवाल नहीं उठता। दोरजी मामले में जारी हुए नोटीफिकेशन के संदर्भ में स्पष्ट विभिन्नताएं देखी जा सकती हैं। तत्काल केस में पंजाब की सहमति विशेष एफआइआर के संबंध में थी और वास्तव में जांच एक एजेंसी से दूसरी जांच एजेंसी को तबदील करने तक थी।
अन्य नेताओं को भी नसीहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बाजवा ने ठोस तथ्य व कानूनी स्थिति की जांच-पड़ताल किए बिना ही इस गंभीर मुद्दे पर अपनी बात कह दी। उन्होंने बाजवा व अन्य राजनेताओं को राज्य के हित से जुड़े इस अहम मद्दे पर लोगों को गुमराह करने से संयम बरतने के लिए कहा, क्योंकि इससे बेचैनी वाला माहौल पैदा हो सकता है।