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वाहन पर आर्ट वर्क है तो रजिस्ट्रेशन से नहीं किया जा सकता इन्कार : हाई कोर्ट

पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यदि वाहन पर कोई आर्ट वर्क है और उसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं की गई तो उस सूरत में वाहन का रजिस्ट्रेशन करने से इन्कार नहीं किया जा सकता। मामले में चंडीगढ़ निवासी रणजीत मल्होत्रा ने हाई कोर्ट को बताया कि उन्होंने दिल्ली से एंबेसडर कार यूरोपियन यूनियन के काउंसलर से खरीदी थी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 06:39 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 06:09 AM (IST)
वाहन पर आर्ट वर्क है तो रजिस्ट्रेशन से नहीं किया जा सकता इन्कार : हाई कोर्ट
वाहन पर आर्ट वर्क है तो रजिस्ट्रेशन से नहीं किया जा सकता इन्कार : हाई कोर्ट

दयानंद शर्मा, चंडीगढ़

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पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यदि वाहन पर कोई आर्ट वर्क है और उसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं की गई तो उस सूरत में वाहन का रजिस्ट्रेशन करने से इन्कार नहीं किया जा सकता। मामले में चंडीगढ़ निवासी रणजीत मल्होत्रा ने हाई कोर्ट को बताया कि उन्होंने दिल्ली से एंबेसडर कार यूरोपियन यूनियन के काउंसलर से खरीदी थी। कार को खरीदने का कारण इस कार पर मेक्सिको के आर्टिस्ट सैन कोई द्वारा किया गया आर्टवर्क था। जुलाई 2019 में खरीदी गई कार के रजिस्ट्रेशन के लिए चंडीगढ़ के यूटी प्रशासन को आवेदन किया गया था, लेकिन इंस्पेक्टर ने यह कहकर कार का रजिस्ट्रेशन करने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया कि उसका असल रंग सफेद था। मगर अब पेंट कर दिया गया है और यह कार के वास्तविक स्वरूप में परिवर्तन की श्रेणी में आता है। इस पर चंडीगढ़ यूटी प्रशासन के सीनियर स्टैंडिग काउंसिल पंकज जैन ने कहा कि अभी तक रजिस्ट्रेशन के आवेदन पर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। ऐसे में यह याचिका प्रीमेच्योर है।

हाई कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद कहा कि अक्सर ट्रकों पर विभिन्न स्लोगन व डिजाइन जैसे हम दो हमारे दो, ओके टाटा, हॉर्न प्लीज आदि बने होते हैं। कारों के पीछे विभिन्न तरह के डिजाइन बने होते हैं। फिर भी इनको वाहन के मूल स्वरूप में छेड़छाड़ की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। जैसे कैनवास पर रंगों के माध्यम से विभिन्न तरह की पेंटिग बनाई जाती है, जिससे कैनवास का मूल स्वरूप प्रभावित नहीं होता है। वैसे ही इस समय कार का मूल रंग सफेद है, जिस पर पेंट किया गया है। ऐसे में इसे वाहन के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन को आदेश दिया कि वह दो सप्ताह के भीतर इस वाहन का रजिस्ट्रेशन करे।


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