Move to Jagran APP

रेत खनन पर सिद्धू की रिपोर्ट से बाजवा नाराज

-कॉर्पोरेशन बनाने के सवाल पर कहा, रिपोर्ट अभी तैयार नहीं -सिद्धू ने सोमवार को सीएम को सौंपी थी सब कम

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 10:05 PM (IST)Updated: Tue, 08 May 2018 10:05 PM (IST)
रेत खनन पर सिद्धू की रिपोर्ट से बाजवा नाराज
रेत खनन पर सिद्धू की रिपोर्ट से बाजवा नाराज

-कॉर्पोरेशन बनाने के सवाल पर कहा, रिपोर्ट अभी तैयार नहीं -सिद्धू ने सोमवार को सीएम को सौंपी थी सब कमेटी की रिपोर्ट

loksabha election banner

---

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: रेत खनन पर कॉर्पोरेशन बनाने के मामले में स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से सोमवार को मुख्यमंत्री को सौंपी गई कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट से कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा नाराज हो गए हैं। बाजवा कमेटी के सदस्य भी हैं। उन्होंने कॉर्पोरेशन बनाने के सवाल पर कहा, 'मुझे इस रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अभी कोई रिपोर्ट तैयार ही नहीं हुई है। मैं कमेटी का मेंबर हूं, मुझे पता है कि अभी इसकी रिपोर्ट तैयार होनी है। फिर वह कैबिनेट में विचार के लिए रखी जाएगी। तब पता चलेगा कि रेत खनन को लेकर क्या नीति अपनानी है।'

गौरतलब है कि नवजोत सिद्धू ने सोमवार को रिपोर्ट फाइनल करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी की अंतिम बैठक बुलाई थी, लेकिन उसमें न तो वित्तमंत्री मनप्रीत बादल शामिल हुए और न ही ग्रामीण विकास मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा। मनप्रीत वित्तमंत्रियों की मीटिंग में शामिल होने के लिए हैदराबाद गए हुए थे, जबकि तृप्त बाजवा अपने हलके कादियां के कार्यक्रम में व्यस्त थे। सिद्धू ने अकेले ही रिपोर्ट सीएम को सौंप दी। साफ जाहिर है कि कमेटी के मंत्री आपस में ही सहमत नहीं हैं।

रिपोर्ट में रेत के दाम घटाने की सिफारिश

रिपोर्ट में प्रति ट्रॉली एक हजार रुपये रेट फिक्स करने की सिफारिश की गई है। गौरतलब है कि पंजाब में 1150 किलोमीटर लंबे और 500 मीटर चौड़े तीन दरिया हैं, जिनमें कुल एरिया 575 स्कवेयर किलोमीटर बनता है। अगर दस फुट तक गहरी खुदाई की जाए, तो 32 लाख टन प्रति स्कवेयर किलोमीटर से निकल सकता है। यानी कुल 184 करोड़ टन रेत पंजाब के दरियाओं में पड़ी है, जबकि पंजाब की कुल मांग 2 करोड़ टन सालाना है। लगभग यही हाल बजरी का है। कमेटी ने सिफारिश की है कि जिन किसानों की जमीन में यह पत्थर पड़ा है, वे जिसे चाहे बजरी बनाने की इजाजत दे सकते हैं। सरकार केवल बिजली के रेट के अनुसार उनसे रॉयल्टी लेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.