चंडीगढ़ में फिर गरमाने लगा बिल्डिंग बायलाज मामला, व्यापारी और गांव वाले चाहते हैं संशोधन
शहर में बिल्डिंग बायलाज का मामला एक बार फिर से गरमाने लग गया है। व्यापारी अपनी कमर्शियल इमारतों के बिल्डिग बायलाज में संशोधन की मांग कर रहे हैं। वहीं ग्रामीण अपने मकानों में किए गए निर्माण में संशोधन की मांग कर रहे हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर में बिल्डिंग बायलाज का मामला एक बार फिर से गरमाने लग गया है। व्यापारी अपनी कमर्शियल इमारतों के बिल्डिग बायलाज में संशोधन की मांग कर रहे हैं। वहीं ग्रामीण अपने मकानों में किए गए निर्माण में संशोधन की मांग कर रहे हैं। व्यापार मंडल का कहना है कि कोरोना काल में प्रशासन को बिल्डिंग बायलाज में संशोधन करके राहत देनी चाहिए। क्योंकि व्यापारी पहले से काफी परेशान चल रहे हैं।
इस मांग को लेकर चंडीगढ़ व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष चरणजीव सिंह के नेतृत्व में नवनियुक्त वित्त सचिव से मिला। व्यापार मंडल ने बिल्डिंग बायलाज में संशोधन के लिए अलग से बैठक करने की मांग की है। इस प्रतिनिधिमंडल में चेयरमैन सतपाल गुप्ता, दिवाकर सहूजा, सलाहकार रामकरण गुप्ता और राधेय लाल बजाज भी मौजूद थे। चरणजीव सिंह ने बताया कि व्यापार मंडल के साथ शहर की 125 मार्केट एसोसिएशन जुड़ी हुई हैं। चेयरमैन सतपाल गुप्ता ने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए हर मार्केट में नो मास्क नो एंट्री के भी स्टीकर लगाए जा रहे हैं।
भेजे जाने वाले नोटिस वापस लिए जाएं
प्रशासन की ओर से मिसयूज और वायलेशन के जुर्माने रेट कम कर दिए गए, लेकिन अब भी यह काफी ज्यादा हैं। कई व्यापारियों के पास इमारत की कीमत से ज्यादा जुर्माने के नोटिस भेजे गए हैं। मिसयूज और वायलेशन के जुर्माने का रेट जो 500 रुपये स्क्वेयर फीट के हिसाब से था, वह हाल ही में प्रशासन ने 180 से 210 रुपये प्रति माह किया है। लेकिन अब भी यह रेट काफी ज्यादा हैं जो हर व्यापारी की पहुंच से बाहर है। शोरूम के ऊपर की इमारत में हर तरह के कारोबार करने की मंजूरी नहीं है। अलग तरह का ट्रेड करने पर मिसयूज का नोटिस भेजा जाता है। व्यापारियों का कहना है कि जो नोटिस भेजे गए हैं वह खारिज किए जाने चाहिए और भविष्य में कोई नोटिस न भेजा जाए।
नगर निगम ने बिल्डिंग बायलाज का प्रस्ताव किया पास, प्रशासन से नहीं मिली मंजूरी
नगर निगम ने चार माह पहले गांव की इमारतों के बिल्डिंग बायलाज में संशोधन करने का प्रस्ताव पास किया है। अभी संशोधन लागू नहीं हुए हैं। अभी प्रशासन ने इसकी मंजूरी नहीं दी है। जब तक विभाग मंजूरी नहीं दे देता तब तक यह लागू नहीं होगा, तब तक अगर किसी ने कोई निर्माण किया हुआ है तो उसे अवैध ही माना जाएगा। सबसे बड़ा संशोधन नगर निगम के सदन ने यह किया है कि मकानों की ऊंचाई 34 फीट से ऊपर बढ़ा दी है। इसके तहत ग्राउंड फ्लोर सहित चार मंजिल का निर्माण करने की मंजूरी देने का प्रस्ताव पास किया गया है। प्रशासन इससे पहले मंजूरी देने की मांग को खारिज कर चुका है। इस समय गांव में अधिकतर इमारतें पहले से 34 फीट ऊंची से ज्यादा बनी हुई हैं। इसके साथ ही इमारतों में बेसमेंट बनाने की मंजूरी देने का भी प्रस्ताव शामिल है। असल में यह प्रस्ताव अवैध को वैध कर देगा। भाजपा इस प्रस्ताव को पास करके अगले साल होने वाले नगर निगम चुनाव में गांव वालों के वोट बंटोरना चाहती है। नगर निगम के अधीन 22 गांव है। बायलाज में संशोधन करने के लिए डिप्टी मेयर जगतार जग्गा के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी की सिफारिशों पर ही प्रस्ताव तैयार किया है। अकाली पार्षद हरदीप सिंह का कहना है कि प्रशासन को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार गांव वालों को राहत देनी चाहिए।