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पंजाब में BSF का दायरा 50 किमी बढ़ा, उप मुख्यमंत्री रंधावा बोले, राज्य से विचार किए बिना लिया फैसला, डीजीपी से मांगी रिपोर्ट

पंजाब में बीएसएफ का दायरा 50 किमी बढ़ाने के इस आदेश को पंजाब सरकार और विपक्ष ने राज्यों के अधिकारों पर जबरन कब्जा करना बताया है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र के फैसले को सही बताया है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 10:52 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 10:58 AM (IST)
उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि केंद्र ने फैसला लेने से पहले राज्यों से विचार भी नहीं किया।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। केंद्र सरकार ने आतंकवाद और सीमा पार से होने वाले अपराध पर नकेल कसने के उद्देश्य से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी भीतर तक तलाशी, संदिग्धों की गिरफ्तारी और जब्ती करने का अधिकार दिया है। भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर यह व्यवस्था पंजाब सहित 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगी। इससे बीएसएफ को राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ होने वाली अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कार्रवाई करने की अनुमति मिल गई है। वहीं, इस आदेश को पंजाब सरकार और विपक्ष ने राज्यों के अधिकारों पर जबरन कब्जा करना बताया है। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र के फैसले को सही बताया है।

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उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा (गृह विभाग का चार्ज भी) ने कहा कि केंद्र का यह फैसला राज्यों के अधिकार पर कब्जा करने वाला और संघवाद पर हमला है। केंद्र ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले राज्यों से विचार भी नहीं किया। अमन-कानून राज्यों का विषय है और केंद्र इसमें अपना हस्तक्षेप बंद करे। उन्होंने कहा कि केंद्र पंजाब को आपातकाल की ओर धकेल रहा है, क्या केंद्र को पंजाब की देशभक्ति पर संदेह है। इस अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। यह फैसला आजादी के बाद राज्यों को मिले अधिकारों पर हमला है।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी केंद्र के इस फैसले की निंदा की है। चन्नी ने फैसले को एकतरफा बताया है। उन्होंने कहा मैं भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार दिए जाएं, जो कि संघवाद पर सीधा हमला है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करता हूं कि इस तर्कहीन फैसले को तुरंत वापस लें।

रंधावा ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने केंद्र से ऐसी कोई मांग नहीं की थी। आखिर बीएसएफ 50 किमी में आकर क्या देखना चाहती है। वह तो सात किमी में भी दिखाई नहीं देती। रंधावा ने मुख्यमंत्री चन्नी के साथ लंबी बैठक करने के बाद डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता से केंद्र के नए फैसले पर पूरी रिपोर्ट बनाकर देने को कहा है।

यह है फैसला

पंजाब में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का दायरा अंतरराष्ट्रीय सीमा के भीतर 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी किया है।

यह होगा असर

अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते पंजाब के छह जिले अमृतसर, पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का बीएसएफ अधीन हो जाएंगे। पंजाब पुलिस और बीएसएफ में अपने अधिकारों को लेकर विवाद हो सकते हैं।

कैप्टन बोले, बीएसएफ मजबूत होगी

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि बीएसएफ को राजनीति में न घसीटें। हमारे जवान मारे जा रहे हैं और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हथियार व नशीले पदार्थ पंजाब में भेज रहे हैं। बीएसएफ की बढ़ी उपस्थिति व शक्तियां हमें और मजबूत करेंगी। देश की सुरक्षा दांव पर नहीं लगाई जा सकती। पक्षपातपूर्ण विचार राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर हमारे रुख को निर्धारित नहीं कर सकते। 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के समय भी मैंने कहा था कि हमें राजनीति से ऊपर उठना होगा।

चन्नी कार्रवाई करें या पद छोड़ दे: बादल

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि मुख्यमंत्री चन्नी की केंद्रीय गृह मंत्री के साथ हुई बैठक ने अत्यधिक भड़काने वाले और खतरनाक कदम के लिए रास्ता साफ कर दिया। अब चन्नी या तो कार्रवाई करें और या पद छोड़ दें। क्योंकि यह संभव नहीं है कि केंद्र ने राज्य सरकार की जानकारी और पूर्व सहमति के बिना इतना कठोर निर्णय लिया हो।

जाखड़ का तंज, चन्नी कहीं पंजाब का हिस्सा केंद्र को तो नहीं सौंप आए

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने ट्वीट करके मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के उस ट्वीट को टैग किया है जो उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के बाद किया था। जाखड़ ने कहा कि कहीं चन्नी अनजाने में पंजाब का आधा हिस्सा केंद्र को तो नहीं सौंप आए। अब 50 हजार किलोमीटर में 25 हजार किलोमीटर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में चला गया है। अब क्या पंजाब पुलिस मूक दर्शक बनकर खड़ी रहेगी। क्या हम अब भी राज्यों को अधिक स्वायत्तता चाहते हैं।


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