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रिश्वतखोर सरकारी मुलाजिमों को पकड़ने के लिए विजिलेंस को मंजूरी की जरूरत नहीं

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: विजिलेंस के डायरेक्टर बीके उप्पल ने कहा है कि अब विजिलेंस को किसी स

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 11:03 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 11:03 PM (IST)
रिश्वतखोर सरकारी मुलाजिमों को पकड़ने के लिए विजिलेंस को मंजूरी की जरूरत नहीं
रिश्वतखोर सरकारी मुलाजिमों को पकड़ने के लिए विजिलेंस को मंजूरी की जरूरत नहीं

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: विजिलेंस के डायरेक्टर बीके उप्पल ने कहा है कि अब विजिलेंस को किसी सरकारी मुलाजिम को रंगे हाथ गिरफ्तार करने से पहले सरकार की मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी। रिश्वतखोरी को लेकर कानून में किए गए संशोधन पर विजिलेंस अफसरों व मुलाजिमों की चंडीगढ़ में आयोजित वर्कशॉप में उप्पल ने कहा कि अब रिश्वत देने के एक हफ्ते में विजिलेंस को अगर सूचित नहीं किया गया, तो भी व्यक्ति की गिरफ्तारी व सात साल की सजा का प्रावधान कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी मुलाजिमों के खिलाफ विजिलेंस जाच से पहले सरकार की मंजूरी जरूरी है। निजी संस्थानों के लिए भी बने कानून के तहत रिश्वत देने वाले को तीन साल की सजा का प्रावधान कर दिया गया है। साथ ही ऐसे मामलों का निपटारा भी अदालतों में दो साल के अंदर करना लाजिमी कर दिया गया है। विशेष स्थितियों में इस अवधि को चार साल बढ़ाया जा सकता है। संशोधन के बाद रिटायर मुलाजिमों के खिलाफ कारवाई के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।

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