आधार कार्ड से प्रॉपर्टी लिंक करने के प्रोजेक्ट पर लगी ब्रेक
बलवान करिवाल, चंडीगढ़:आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर चंडीगढ़ के अहम प्रोजेक्ट पर भी पड़ा है।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़:आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर चंडीगढ़ के अहम प्रोजेक्ट पर भी पड़ा है। प्रॉपर्टी रिकॉर्ड से आधार से जोड़े जाने का प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है। अब लोगों को प्रॉपर्टी से आधार जुड़वाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। डीसी अजीत बालाजी जोशी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था। 2015 में चंडीगढ़ ज्वाइन करने के बाद उन्होंने हरियाणा के जींद जिले के बाद चंडीगढ़ की प्रॉपर्टी को आधार से लिंक करने का प्रोजेक्ट शुरू किया था। बताया जा रहा है कि बहुत सी प्रॉपर्टी आधार से जोड़ी भी जा चुकी है। आधार से लिंक करने की शुरुआत गांव की प्रॉपर्टी से हुई थी। जिनकी प्रॉपर्टी आधार से लिंक नहीं हुई थी, उन्हें जल्द इसे जुड़वाने के लिए कहा जा रहा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब किसी को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। आधार से प्रॉपर्टी रिकॉर्ड लिंक नहीं होने की वजह से जीआइएस मैपिंग और कई दूसरे प्रोजेक्ट पर भी असर पड़ेगा। जीआइएस मैपिंग का काम भी शहर में चल रहा था। कई सेक्टर इसके तहत कवर किए जा चुके हैं। लेकिन अब यह प्रोजेक्ट भी इससे प्रभावित होगा।
प्रॉपर्टी की धोखाधड़ी रुकती
प्रॉपर्टी रिकॉर्ड को आधार नंबर से जोड़े जाने के बाद शहरवासियों को सीधा लाभ मिलता। इससे प्रॉपर्टी से जुड़े धोखाधड़ी के मामले कम हो जाते। कोई व्यक्ति धोखाधड़ी कर किसी की प्रॉपर्टी रजिस्ट्री अपने नाम नहीं करवा सकता। ऐसा करते ही उसका पता चल जाता। किसी भी व्यक्ति के फिंगरप्रिंट और आखों की पुतलिया दूसरे से कभी मेल नहीं खातीं। जिस कारण धोखाधड़ी तुरंत पकड़ी जा सकती है। इन्हीं चीजों को देखते हुए प्रॉपर्टी को आधार से लिंक किया जा रहा था।
एस्टेट ऑफिस में हजारों प्रॉपर्टी विवाद
एस्टेट ऑफिस में हजारों ऐसे मामले हैं जो प्रॉपर्टी विवाद से संबंधित हैं। इतने ही कोर्ट में भी विचाराधीन हैं। सालों से इनकी सुनवाई चल रही है। आधार लिंक होने के बाद इस तरह के विवाद कम होने की संभावना जताई गई थी।