भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का चंडीगढ़ से है पुराना नाता Chandigarh news
नड्डा भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष जिनका चंडीगढ़ से पुराना नाता है।
By Edited By: Published: Tue, 18 Jun 2019 09:22 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 10:16 AM (IST)
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। जगत नारायण नड्डा भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष जिनका चंडीगढ़ से पुराना नाता है। चंडीगढ़ के हर प्रमुख नेता और सक्रिय कार्यकर्ता को वे नाम से जानते हैं। यहां तक कि चंडीगढ़ की हर समस्या से भी भलीभांति परिचित हैं। 2011 में हुए निगम चुनाव में पार्टी हाईकमान की ओर से उन्हें प्रभारी बनाया गया था, उस समय नड्डा ने खुद सभी उम्मीदवारों की टिकट फाइनल की थी और 26 में से 13 सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया था। हालांकि उस समय ज्यादा सीट होने के बावजूद भाजपा अपना मेयर नहीं बनवा पाई क्योंकि उस समय नौ मनोनीत पार्षदों के पास वोटिंग राइट था और अधिकतर मनोनीत कांग्रेस के साथ थे। उस समय शहर के सांसद पवन बंसल केंद्र में मंत्री थे। भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन भी नड्डा के करीबी हैं।
चंडीगढ़ भाजपा के सीनियर नेताओं के अलावा यहां की गुटबाजी को भी वे जानते हैं। भाजपा का मेयर बनवाने में निभाई अहम भूमिका 15 साल बाद 2016 में जब नगर निगम के मेयर पद पर भाजपा ने कब्जा किया था, उस समय भी जेपी नड्डा ने अहम भूमिका निभाई थी। नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा उस समय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे, इसके बावजूद वे उस समय के मेयर पद के उम्मीदवार अरुण सूद के लिए मनोनीत पार्षदों से वोट मांगने के लिए आए थे। उस समय नड्डा ने तत्कालीन पार्षद एमपी कोहली के घर पर सभी मनोनीत पार्षदों के साथ बैठक करके मेयर पद जीतवाने के लिए लॉ¨बग की थी। नड्डा कई बार चंडीगढ़ में आ चुके हैं। प्रभारी न रहते हुए भी चंडीगढ़ भाजपा द्वारा नड्डा को अलग-अलग कार्यक्रम में बुलाया जाता रहा है। दूसरी बार के कार्यकाल के लिए जब संजय टंडन को फिर से अध्यक्ष घोषित किया गया था, उस समय साल 2013 यह घोषणा नड्डा ने ही सेक्टर-33 पार्टी कार्यालय में की थी। उस समय नड्डा के पास राष्ट्रीय महासचिव का प्रभार था।
रिश्तेदार भी रहते हैं चंडीगढ़ में
नवनियुक्त अध्यक्ष जेपी नड्डा के चंडीगढ़ में दो रिश्तेदार भी रहते हैं। पूर्व मेयर अरुण सूद का कहना है कि उनके रिश्ते में भाई की बहन चंडीगढ़ में रहती है। एक रिश्तेदार सेक्टर-35 में रहते हैं। सूद का कहना है कि नड्डा का चंडीगढ़ से पुराना नाता है। नड्डा हिमाचल के रहने वाले हैं। जबकि चंडीगढ़ में हिमाचल से संबंध रखने वाले एक लाख लोग रहते हैं। चंडीगढ़ भाजपा में जो हिमाचल से संबंध रखने वाले नेता हैं, वे नड्डा के करीबी हैं। भाजपा के कार्यालय सचिव गजेंद्र सिंह के भी नड्डा के साथ करीबी संबंध हैं। गजेंद्र सिंह खुद भी हिमाचल के रहने वाले हैं। गजेंद्र सिंह उन्हें साल 1983 से जानते हैं। गजेंद्र सिंह का कहना है कि उस समय नड्डा शिमला विश्वविद्यालय के अध्यक्ष पद पर थे। स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए नड्डा समय-समय पर पीजीआइ और सेक्टर-32 जीएमसीएच में अलग अलग कार्यक्रम में आते रहते हैं।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मिल सकती है जगह
नड्डा के अध्यक्ष बनने पर यह संभावना जताई जा रही है कि चंडीगढ़ से किसी नेता को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिल सकती है। जिस समय 2011 में नड्डा को नगर निगम चुनाव का प्रभारी बनाया गया था, उस समय कई उम्मीदवार ऐसे भी थे जोकि चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन उन्हें नड्डा ने तैयार किया और वह चुनाव जीते भी। भाजपा के उपाध्यक्ष रामवीर भट्टी का कहना है कि नड्डा उनके घर भी आ चुके हैं। नए अध्यक्ष की पृष्ठभूमि को अच्छी तरह से जानते होंगे नड्डा चंडीगढ़ भाजपा के नए अध्यक्ष की भी नियुक्ति होनी है क्योंकि भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष संजय टंडन एक्सटेंशन पर चल रहे हैं। वे पिछले नौ साल से अध्यक्ष हैं। अक्तूबर तक उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है। ऐसे में जो भी नए अध्यक्ष बनने के दावेदार होंगे, सभी की पृष्ठभूमि को नड्डा भलीभांति जानते होंगे।
चंडीगढ़ भाजपा के सीनियर नेताओं के अलावा यहां की गुटबाजी को भी वे जानते हैं। भाजपा का मेयर बनवाने में निभाई अहम भूमिका 15 साल बाद 2016 में जब नगर निगम के मेयर पद पर भाजपा ने कब्जा किया था, उस समय भी जेपी नड्डा ने अहम भूमिका निभाई थी। नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा उस समय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे, इसके बावजूद वे उस समय के मेयर पद के उम्मीदवार अरुण सूद के लिए मनोनीत पार्षदों से वोट मांगने के लिए आए थे। उस समय नड्डा ने तत्कालीन पार्षद एमपी कोहली के घर पर सभी मनोनीत पार्षदों के साथ बैठक करके मेयर पद जीतवाने के लिए लॉ¨बग की थी। नड्डा कई बार चंडीगढ़ में आ चुके हैं। प्रभारी न रहते हुए भी चंडीगढ़ भाजपा द्वारा नड्डा को अलग-अलग कार्यक्रम में बुलाया जाता रहा है। दूसरी बार के कार्यकाल के लिए जब संजय टंडन को फिर से अध्यक्ष घोषित किया गया था, उस समय साल 2013 यह घोषणा नड्डा ने ही सेक्टर-33 पार्टी कार्यालय में की थी। उस समय नड्डा के पास राष्ट्रीय महासचिव का प्रभार था।
रिश्तेदार भी रहते हैं चंडीगढ़ में
नवनियुक्त अध्यक्ष जेपी नड्डा के चंडीगढ़ में दो रिश्तेदार भी रहते हैं। पूर्व मेयर अरुण सूद का कहना है कि उनके रिश्ते में भाई की बहन चंडीगढ़ में रहती है। एक रिश्तेदार सेक्टर-35 में रहते हैं। सूद का कहना है कि नड्डा का चंडीगढ़ से पुराना नाता है। नड्डा हिमाचल के रहने वाले हैं। जबकि चंडीगढ़ में हिमाचल से संबंध रखने वाले एक लाख लोग रहते हैं। चंडीगढ़ भाजपा में जो हिमाचल से संबंध रखने वाले नेता हैं, वे नड्डा के करीबी हैं। भाजपा के कार्यालय सचिव गजेंद्र सिंह के भी नड्डा के साथ करीबी संबंध हैं। गजेंद्र सिंह खुद भी हिमाचल के रहने वाले हैं। गजेंद्र सिंह उन्हें साल 1983 से जानते हैं। गजेंद्र सिंह का कहना है कि उस समय नड्डा शिमला विश्वविद्यालय के अध्यक्ष पद पर थे। स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए नड्डा समय-समय पर पीजीआइ और सेक्टर-32 जीएमसीएच में अलग अलग कार्यक्रम में आते रहते हैं।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मिल सकती है जगह
नड्डा के अध्यक्ष बनने पर यह संभावना जताई जा रही है कि चंडीगढ़ से किसी नेता को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिल सकती है। जिस समय 2011 में नड्डा को नगर निगम चुनाव का प्रभारी बनाया गया था, उस समय कई उम्मीदवार ऐसे भी थे जोकि चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन उन्हें नड्डा ने तैयार किया और वह चुनाव जीते भी। भाजपा के उपाध्यक्ष रामवीर भट्टी का कहना है कि नड्डा उनके घर भी आ चुके हैं। नए अध्यक्ष की पृष्ठभूमि को अच्छी तरह से जानते होंगे नड्डा चंडीगढ़ भाजपा के नए अध्यक्ष की भी नियुक्ति होनी है क्योंकि भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष संजय टंडन एक्सटेंशन पर चल रहे हैं। वे पिछले नौ साल से अध्यक्ष हैं। अक्तूबर तक उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है। ऐसे में जो भी नए अध्यक्ष बनने के दावेदार होंगे, सभी की पृष्ठभूमि को नड्डा भलीभांति जानते होंगे।
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