पंजाब में जनाधार बढ़ाने के लिए गांव-गांव जाएगी भाजपा, जानें पार्टी कैसे कर रही चुनाव की तैयारी
पंजाब में भाजपा जनाधार बढ़ाने के लिए गांव-गांव जाएगी। पार्टी ने 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। पार्टी चुनाव में दमखम से उतरने की तैयारी में है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। भारतीय जनता पार्टी पंजाब में अपना जनाधार बढ़ाने के लिए अब गांवों पर ज्यादा फोकस करेगी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंजाब भाजपा को इसके लिए 'मंडल, शक्ति केंद्र और बूथ' का मूल मंत्र दिया है। उन्होंने जहां गांवों पर ज्यादा जोर दिया है वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव का नाम लिए बिना कहा, 'आने वाला समय भाजपा के लिए अच्छा है।'
2022 के चुनाव में पार्टी कर सकती है अकाली दल से ज्यादा सीटों की मांग
नड्ड़ा का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2022 में ज्यादा सीटों पर लडऩे की मांग भाजपा में लगातार उठती रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन मोहन मित्तल यह मांग उठाते रहे हैं कि भाजपा को पंजाब में 58 सीटों पर लडऩा चाहिए। हालांकि भाजपा हाईकमान ने कभी भी इस पर कुछ नहीं कहा, लेकिन पार्टी की वर्चुअल बैठक में नड्डा ने भाजपा को पंजाबियों की पार्टी बनने की दिशा में बढऩे को लेकर निर्देश दिए। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि पंजाब में भाजपा 23 सीटों तक ही अपने कद को नहीं रखना चाहती है। उल्लेखनीय है कि पार्टी अभी 117 में 23 विधानसभा सीटों पर ही लड़ती है, बाकी पर अकाली दल लड़ता है।
अभी प्रदेश की 117 विधानसभा सीटों में से 23 सीटों पर ही लड़ती है भाजपा
भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पंजाब में भाजपा को मजबूत और सभी विधानसभा सीटों पर सशक्त पार्टी के रूप में देखना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने पार्टी के विस्तार पर जोर दिया है। एक सवाल के जवाब में शर्मा कहते हैं कि निश्चित रूप से भाजपा 23 सीटों पर लड़ती है, लेकिन पार्टी पंजाब में केवल शहरी क्षेत्र का नेतृत्व नहीं करती है। उन्होंने कहा कि भोआ, दीनानगर, सुजानपुर, दसूहा ग्रामीण क्षेत्र में ही आते हैं जहां पार्टी जीतती रही है।
नड्डा 2012 के पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रभारी थे
उल्लेखनीय है कि जेपी नड्डा का पंजाब से सीधा संबंध रहा है। 2012 के विधानसभा चुनाव में वह प्रदेश के प्रभारी थे। तब 12 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। इसी वजह से अकाली दल और भाजपा ने पंजाब में रिकार्ड बनाते हुए दोबारा सरकार बनाई थी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कोई भी सरकार इससे पहले रिपीट नहीं हुई थी।
ज्यादा सीटों की मांग वर्षों पुरानी
पार्टी के वरिष्ठ नेता बताते हैं कि भाजपा में अकाली दल से 23 से ज्यादा विधानसभा सीटों की मांग वर्षों पुरानी है। यह अलग बात है कि पार्टी हाईकमान ने कभी भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया। चूंकि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पंजाब से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं, इसलिए वह यहां की वास्तविक स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं। शुक्रवार की बैठक में उन्होंने पार्टी के सभी नेताओं को नाम से बुलाया। 2012 का भी जिक्र किया। पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि समय आगे निकल चुका है। लोगों की आंखों पर चश्मे हैैं और बाल सफेद हो गए हैं। नड्डा ने ऐसा कहकर पंजाब के नेताओं को 'पर्सनल टच' दिया। इसके साथ ही आपसी मनमुटाव छोडऩे की भी अपील की।
नड्डा ने कहा- वरिष्ठ नेता अपने क्षेत्र तक सीमित न रहेें
नड्डा ने प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा को स्पष्ट रूप से कहा कि वरिष्ठ नेताओं को अपने ही विधानसभा क्षेत्रों तक सीमित न रखा जाए। उनकी ड्यूटी पूरे प्रदेश में लगाई जाए। उन्होंने यह कहकर पार्टी पर दबाव भी बनाया कि वह जल्द ही पंजाब आकर सारी कार्यवाही की समीक्षा भी करेंगे।
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