...तो सिद्धू भाजपा के लिए अब भी अपने, नवजोत को छोड़ सभी मंत्रियों को बताया फेल
भाजपा ने पंजाब सरकार को पूरी तरह से फेल करार दिया। कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को छोड़कर कोई भी मंत्री जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए।
जेएनएन, चंडीगढ़। दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू भले ही कड़वे अनुभवों के बाद भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ चुके हों, लेकिन कांग्रेस में मंत्री बनने के बावजूद भाजपा अभी तक उनको 'अपना' मानती है। भाजपा की ओर से शनिवार को कांग्रेस सरकार के छह माह का कार्यकाल पूरा होने पर जारी रिपोर्ट कार्ड को देखकर तो ऐसा ही लगता है।
भाजपा ने नवजोत सिंह सिद्धू को छोड़ कर सरकार के अन्य सभी आठ मंत्रियों को रिपोर्ट कार्ड में फेल करार दिया है, जबकि सिद्धू का जिक्र तक नहीं किया गया है। पार्टी सचिव विनीत जोशी व उपप्रधान हरजीत ग्रेवाल ने शनिवार को कांग्रेस सरकार के छह माह के कार्यकाल का लेखा-जोखा पेश किया। इसमें सिद्धू के बारे में कोई टिप्पणी तक नहीं की गई है। कई बार पूछने पर ग्रेवाल ने इतना ही कहा, 'सिद्धू तो हमारा ही है।'
180 दिनों सिर्फ लूटने व पीटने का काम
जोशी ने कहा कि सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले पूर्ण कर्ज माफी सहित एक माह में नशे का खात्मा, घर-घर नौकरी और जब तक नौकरी। स्मार्टफोन, बुजुर्गों को 1500 रुपए पेंशन का वादा किया था। इन्हीं वादों के दम पर चुनाव जीतने के बाद छह माह में सरकार अपने किसी भी वादे पर खरा नहीं उतरी। उन्होंने कहा कि कैप्टन के 6 माह धोखे के, विश्वासघात के, उम्मीद तोडऩे, सपनों को चूर-चूर करने के रहे। इन 180 दिनों में कैप्टन व उनके मंत्री व कांग्रेस नेताओं ने अगर कुछ किया है तो वह है, पंजाब को लूटने का व अपने विरोधियों को पीटने का काम।
किसान कैप्टन से निराश
जोशी ने कहा कि किसान कैप्टन से बुरी तरह निराश हैं। 6 माह गुजरने पर एक दिन में दो किसान आत्महत्या कर रहे हैं। 180 दिनों में 237 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। तहसील अजनाला के गांव तेड़ाकलां के किसान मेजर सिंह ने अपने सुसाइड नोट में कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराकर सब स्पष्ट कर दिया है। कहा कि पूर्ण कर्जा माफी के वादे से मुकरते हुए कैप्टन ने 19 जून की शाम को विधानसभा में अधूरी कर्जा माफी की घोषणा की थी।
सरेआम बिक रहा नशा
भाजपा सचिव ने आरोप लगाया कि पंजाब में नशा सरेआम बिक रहा है। मुख्यमंत्री कैप्टन के अपने ही विधायक सुरजीत सिंह धीमान बोल रहे हैं कि नशा खत्म नहीं हुआ। वे स्पष्ट तौर पर कांग्रेसी नेताओं व पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का नाम ले रहे हैं। इतना ही नहीं तरनतारन का एक नशा तस्कर दो कांग्रेसी विधायकोंं की सहायता से नशे का व्यापार कर रहा है और यह उसकी चार मिनट की ऑडियो रिकॉर्डिंग से स्पष्ट हो गया है। तरनतारन के खेमकरण में कांग्रेसी नेता की जमीन पर अफीम की खेती का जगजाहिर हो चुकी है।
मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड
मनप्रीत सिंह बादल, वित्त मंत्री- फेल
क्योंकि: पंजाब सरकार के खाते फ्रीज हुए। जीएसटी पूरे देश में लागू हुआ है, तो सिर्फ पंजाब सरकार ने ही वेतन लेट क्यों किया। बजट प्रावधान के बावजूद किसानों के कर्ज माफी के लिए बैंकों को एक पैसा नहीं दिया। युवाओं को स्मार्टफोन नहीं दिया। विकास कार्य रुकवाकर पैसा वापस मंगवा लिया।
राणा गुरजीत, सिंचाई मंत्री - फेल
क्योंकि: 1500 किलोमीटर की ड्रेन को बरसात आने से पहले साफ नहीं करवा पाए। बारिश आने के बाद बाढ़ आई, जिसमें कई हजार एकड़ खेत पानी में डूब गए। उनका रेत के प्रति प्यार खेतों को ले डूबा।
अरुणा चौधरी, शिक्षा मंत्री - फेल
क्योंकि: 6 माह बीत गए हैं और अभी तक सरकारी स्कूलों में न तो किताबें पहुंची हैं न ही स्कूली ड्रेस। टीचर न होने के कारण से मां-बाप स्कूलों पर ताले जड़ रहे हैं। मिड-डे-मील विभागीय गलतियों के कारण कभी भी बंद हो सकती है। मंत्री के गृह जिले गुरदासपुर में 25 स्कूल बिना सरकारी इमारतों के हैं।
साधू सिंह धर्मसोत, समाजिक सुरक्षा मंत्री - फेल
क्योंकि: केंद्र प्रायोजित पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के पैसे बच्चों को नहीं मिल रहे। बेघर दलितों को घर नहीं दिए, न ही प्रत्येक दलित परिवार में एक सदस्य को रोजगार मिला। न शगुन योजना की राशि 51000 रुपये की। न गरीब एससी का 50000 रुपये तक का कर्ज माफ हुआ। 300 यूनिट मुफ्त बिजली नहीं मिली।
चरणजीत सिंह चन्नी, तकनीकी शिक्षा मंत्री - फेल
क्योंकि: घर-घर नौकरी का वादा पूरा करने के नाम पर प्राइवेट कॉलेजों की ओर से 15 वर्षों से चलाए जा रहे रोजगार मेलों पर अपना बोर्ड लगाकर गुमराह किया। इनमें एमए, बीटेक, इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को चपरासी, लेबर व गार्ड बनाकर उनको 6000 रुपये वाली नौकरी के ऑफर मिले।
ब्रह्म मोहिंदरा, संसदीय मामले बारे मंत्री - फेल
क्योंकि: पंजाब विधानसभा के इतिहास में संसदीय परंपराओं को तार-तार करते हुए विपक्षीय विधायकों को बोलने से रोकने के लिए उन्हें उठाकर विधानसभा से बाहर फेंका गया। पंथक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ाते हुए विधायकों की पगडिय़ां उछाली गईं। महिलाएं विधायकों की चुन्नियां उतरीं।
तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री - फेल
क्योंकि: चुनाव घोषणा पत्र में पंचायती राज संस्थाओं को और शक्तिशाली करने का वादा किया, लेकिन हकीकत में पंचायती राज एक्ट में संशोधन कर पंचों-सरपंचों को बर्खास्त करने का अधिकार डायरेक्टर पंचायत से लेकर जिले के डीसी को सौंपने की तैयारी की जा रही है।
रजिया सुल्तान, समाजिक सुरक्षा मंत्री - फेल
क्योंकि: अपने चुनावी वादे के अनुसार बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांग की पेंशन 1500 रुपए प्रतिमाह करना तो दूर अकाली-भाजपा सरकार के समय में लगभग 19 लाख लाभपात्रियों को दी जा रही 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन भी नहीं दी गई। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के पैसे बच्चों को नहीं मिल पा रही है।
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