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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में क्रास वोट करने वालों का पता लगाने के लिए भाजपा अध्यक्ष सूद ने बनाई कमेटी

भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने रविवार को पार्टी प्रभारी एवं सांसद दुष्यंत गौतम के निर्देश पर तीन सदस्य कमेटी का गठन किया है। प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र बाहगा को कमेटी का संयोजक बनाया है जबकि प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर और रामवीर भट्टी को सदस्य बनाया है।

By Rohit KumarEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 10:55 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 10:55 AM (IST)
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में क्रास वोट करने वालों का पता लगाने के लिए भाजपा अध्यक्ष सूद ने बनाई कमेटी
पार्टी ने वोट खराब करने वालों की पहचान कर ली है लेकिन वह रिपोर्ट में उनके नाम लाना चाहती है।

चंडीगढ़, जेएनएन। मेयर चुनाव में जिन दो भाजपा पार्षदों ने वोट खराब करके पार्टी से गद्दारी की है, उन्हें तलाश करने के लिए भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने रविवार को पार्टी प्रभारी एवं सांसद दुष्यंत गौतम के निर्देश पर तीन सदस्य कमेटी का गठन किया है। प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र बाहगा को कमेटी का संयोजक बनाया है जबकि प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर और रामवीर भट्टी को सदस्य बनाया है। कमेटी को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। कमेटी के संयोजक नगर निगम के मनोनीत पार्षद रह चुके हैं।

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मेयर चुनाव में रविकांत शर्मा को 17 वोट मिले थे जबकि दो वोट चुनाव अधिकारी ने खारिज बताए थे, क्योंकि इन दोनों भाजपा पार्षदों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवारों को वोट दिए थे, जिससे वोट रद हो गई। अगर यह दो वोट खारिज न होते तो रविकांत शर्मा को सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव की तरह ही 19 पार्षदों के वोट मिलते। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा पार्षदों को वोट डालने के बाद मोबाइल से तस्वीर खींच कर लाने का दबाव बनाया गया था। अगर तस्वीर खींचने का दबाव न बनाया जाता तो कांग्रेस के उम्मीदवार को ज्यादा पार्षदों की वोट पड़ती क्योंकि भाजपा पार्षदों में अपने उम्मीदवार रविकांत शर्मा को लेकर भारी रोष था।

सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने वोट खराब करने वाले पार्षदों की पहचान कर ली है लेकिन वह रिपोर्ट में उनके नाम लाना चाहती है। पार्टी के अनुसार जिन दो पार्षदों ने वोट खराब किए हैं उन्हें इस साल होने वाले नगर निगम चुनाव में फिर से टिकट नहीं दी जाएगी। गठित कमेटी महापौर चुनाव के सभी तथ्यों का आंकलन करके अपनी रिपोर्ट पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद को सौंपेगी।

भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा कि जिन दो पार्षदों ने वोट खारिज की है जल्द ही उनके नाम सामने आ जाएंगे। ऐसे पार्षदों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में फिर से कोई पार्टी के साथ धोखा न कर सके। उनका कहना है कि कमेटी को जल्द जांच करके रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

पिछली कमेटी की रिपोर्ट का क्या बना किसी को नहीं पता

इससे पहले साल 2019 में जब भाजपा ने मेयर पद का उम्मीदवार राजेश कालिया को बनाया था तो सतीश कैंथ ने बागी होकर कांग्रेस के समर्थन से चुनाव लड़ा था। उस समय पार्टी ने छह पार्षदों ने वोट क्रास किए थे। सतीश कैंथ को 11 वोट हासिल हुए थे। उसके बाद कैंथ को भाजपा से बाहर करते हुए कमेटी का गठन किया था। कमेटी के चेयरमैन वर्तमान मेयर रविकांत शर्मा थे। जिन्होंने अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंप दी थी। उस रिपोर्ट पर पार्टी ने आजतक कोई कार्रवाई नहीं की है। सतीश कैंथ इस समय कांग्रेस पार्टी में हैं।


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