Punjab By Election Result: गुटबाजी से जूझती रही BJP, समय रहते स्थिति संभाल नहीं सके प्रदेश प्रधान
फगवाड़ा और मुकेरियां में हुई हार के साथ ही भारतीय जनता पार्टी की गुटबाजी पर पड़ा पर्दा भी हट गया है। चुनाव के अंत तक भाजपा के वरिष्ठ नेता आपस में ही जूझते रहे।
चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। फगवाड़ा और मुकेरियां में हुई हार के साथ ही भारतीय जनता पार्टी की गुटबाजी पर पड़ा पर्दा भी हट गया है। चुनाव के अंत तक भाजपा के वरिष्ठ नेता आपस में ही जूझते रहे। भाजपा के प्रदेश प्रधान श्वेत मलिक इसे नहीं रोक पाए। फगवाड़ा में भाजपा प्रत्याशी राजेश बाघा की 26,116 वोटों से हार का सीधा असर केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश पर भी पड़ सकता है। महज पांच माह पहले ही सोम प्रकाश को लोकसभा चुनाव में फगवाड़ा में 5,146 वोटों की लीड मिली थी।
चुनाव की घोषणा के साथ ही टिकट पाने के लिए सोमप्रकाश और विजय सांपला के बीच विवाद शुरू हो गया था। विजय सांपला अपने बेटे तो सोमप्रकाश अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने दोनों को ही दरकिनार करके राजेश बाघा को टिकट दे दिया, लेकिन दोनों ही नेता की टसल चलती रही। भाजपा के पार्षद कांग्रेस में चले गए और प्रदेश प्रधान श्वेत मलिक स्थिति को कंट्रोल करने में कामयाब नहीं हो पाए। अंतत: अंतिम समय में भाजपा के प्रदेश प्रभारी प्रभात झा ने कमान संभाली, लेकिन तब तक फगवाड़ा की तस्वीर काफी बदल चुकी थी। वहीं, भाजपा पूर्णरूप से फगवाड़ा पर ही केंद्रित होकर रह गई, जिसका असर मुकेरियां पर भी देखने को मिला।
मुकेरियां में 2017 का इतिहास दोहराया
मुकेरियां में जंगी लाल महाजन को भी अपनी ही पार्टी के नेताओं की मुखालफत का सामना करना पड़ा। मुकेरियां में 2017 का इतिहास फिर से दोहराया गया। इस चुनाव में भाजपा ने अरुणेश शाकर को चुनाव मैदान में उतारा था। तब जंगी लाल महाजन आजाद चुनाव लड़े थे। महाजन ने 20,542 वोट लेकर अरुणेश शाकर को जीत से दूर कर दिया था। फगवाड़ा में उलझी भाजपा मुकेरियां में महाजन की राह में बिखरे कांटे को हटा नहीं सकी है।
मलिक पर पड़ेगा हार का असर
भाजपा की इस हार का सीधा असर भाजपा के प्रदेश प्रधान श्वेत मलिक पर पड़ेगा। दिसंबर में भाजपा के नए प्रदेश प्रधान का चयन होना है। लोकसभा चुनाव में भी अमृतसर सीट हारने के कारण मलिक की खासी निंदा हुई थी। सरकार की एंटी इनकंबेंसी और लोकसभा चुनाव में मुकेरियां और फगवाड़ा में लीड लेने के बावजूद भाजपा को उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा।
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