खुद BJP नेता गांवों में Property Tax के विरोध में उतरे, भट्टी बोले- पार्टी को खत्म कर रही अफसरशाही Chandigarh News
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामवीर भट्टी का आरोप है कि प्रशासन की अफसरशाही गांवों से भाजपा को खत्म करना चाहती है। वह जल्द ही प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को मिलने जा रहे हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। प्रशासन की ओर से 13 गांवों में प्रॉपर्टी टैक्स लगाने के खिलाफ खुद भाजपा के नेता भी आ गए हैं। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामवीर भट्टी का आरोप है कि प्रशासन की अफसरशाही गांवों से भाजपा को खत्म करना चाहती है। वह जल्द ही प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को मिलने जा रहे हैं। अगर फिर भी राहत न मिली तो वह केंद्रीय मंत्री अमित शाह से भी मिलेंगे।
मालूम हो कि रामवीर भाजपा के अध्यक्ष पद की दौड़ में भी प्रबल दावेदार हैं। उनका कहना है कि जब से प्रशासन ने गांव में पंचायती राज को खत्म किया है तब से प्रतिदिन गांववासियों को अलग-अलग मुद्दों से तंग किया जा रहा है। विकास के नाम पर एक ईंट भी गांव में नहीं लगी है। गांववालों के हाल बदतर होते जा रहे हैं। सड़कों की हालत खस्ता है। ऐसे में गांवों की कमर्शियल प्रॉपर्टी पर टैक्स लगाना जनविरोधी फैसला है। प्रशासन ने सोमवार को 13 गांवों में प्रॉपर्टी टैक्स लगाने की अधिसूचना जारी की है।
कांग्रेस ने कहा- भाजपा पार्षदों ने साजिश के तहत लगवाया टैक्स
कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि भाजपा पार्षदों ने साजिश के तहत खुद प्रॉपर्टी टैक्स न लगवाकर प्रशासन से इसके लिए आदेश जारी करवा दिए। बिना भाजपा की सहमति से गांववालों पर प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगाया गया है। पंचायती राज समाप्त करके और टैक्स लगाकर गांववालों के साथ भाजपा ने धोखा किया है। इस समय गांववालों का कोई प्रतिनिधि भी नहीं है।
नए-नए टैक्स लगाकर लोगों को परेशान किया जा रहा: सतीश कैंथ
कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ का कहना है कि लगातार नए-नए टैक्स लगाकर लोगों को परेशान किया जा रहा है जबकि गांवों और कॉलोनियों की हालत दिन प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है। मेयर राजेश कालिया से कॉलोनी और गांववालों को इस साल काफी उम्मीद थी लेकिन इस एक साल के कार्यकाल में लोगों के साथ धोखा हुआ है। पहले गांववालों को शहर के बराबर सुविधाएं मिलनी चाहिए, उसके बाद टैक्स लगाना चाहिए था। जिन गांवों की कमर्शियल इमारतों में प्रॉपर्टी टैक्स लगेगा, उनमें गांव किशनगढ़, मौलीजागरां, दड़वा, रायपुर कलां, मक्खनमाजरा, बहलाना, रायपुर खुर्द, धनास, सारंगपुर, खुड्डा अलीशेर, खुड्डा जस्सू, लाहौरा और कैंबवाला शामिल है। मालूम हो कि जब तक यह गांव प्रशासन में शामिल थे, तब तक यहां के निवासियों पर हाउस और प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगता था।
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