पार्षद के पति ने नगर निगम कमिश्नर को फोन पर धमकाया, हाउस की मीटिंग में हंगामा
चंडीगढ़ निगम की बैठक शुक्रवार को जोरदार हंगामे के साथ शुरू हुई है। कमिश्नर केके यादव ने पार्षद चंद्रवती के पति पर उन्हें धमकाने का आरोप लगाया है।
चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल ]। शुक्रवार को चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक जोरदार हंगामे के साथ शुरू हुई है। नगर निगम कमिश्नर केके यादव ने भाजपा महिला पार्षद चंद्रवती शुक्ला के पति पर आरोप लगाया कि उनके पति ने फोन कर दस मिनट तक उन्हें धमकाया। उनसे कहा कि वह किस तरह से उनके वार्ड में आकर टुल्लू पंप हटा रहे हैैं। निगम बैठक में कमिश्नर ने कहा कि आगे से कोई सदस्य जो पार्षद नहीं है, उन्हें इस तरह से फोन करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इधर, पार्षद ने कहा कि उनके पति और वह मिलकर एरिया के लोगों की समस्याओं को सुनते हैैं। बैठक में इस पर 20 -25 मिनट तक हंगामा होता है। भाजपा के ही दूसरे पार्षदों ने बीच-बचाव भी किया। मामले में निगम कमिश्नर ने पार्षद को नोटिस जारी किया था।
गौरतलब कि पिछले महीने चंद्रवती शुक्ला ने अपने वार्ड में गंदी पाने आने का मामला उठाया था। इसके बाद नगर निगम की जनस्वास्थय टीम वार्ड में चेकिंग के लिए गई थी। टीम को घरों में टुल्लू पंप अवैध तौर पर लगे मिले थे। लोगों ने जमकर हंगामा किया था जिसके बाद टीम को बिना कार्रवाई किए लौटना पड़ा था।
पार्षद बबला से उलझे भाजपाई
इससे पहले पार्षद चंद्रवती अपने साथ उनके वार्ड में सप्लाई हो रहे गंदे पानी की बोतल लाई थी। जिसे हाउस के कारपेट पर फैला दिया गया। मामले को लेकर कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला के साथ भाजपा पार्षद उलझ पड़े। उनका आरोप था कि पानी असल में बबला ने गिराया था।
भाजपा पार्दष दूबे कमिश्नर से उलझे
मौलीजागरा में सीवरेज सिस्टम मजबूत करने के लिए लोगों से राशि वसूली किए जाने के प्रस्ताव पर भाजपा पार्षद अनिल दुबे कमिश्नर यादव के साथ उलझ पड़े। कमिश्नर ने कहा कि सीवरेज सिस्टम को वहां के लोग ही कमजोर कर रहे हैं। वहीं, अनिल दुबे का कहना था कि सीवरेज सिस्टम नए सिरे से डालना नगर निगम की जिम्मेवारी है। अंत में कमिश्नर ने कहा कि वह मौके मुआयना करके फिर से यह एजेंडा सदन में लाएंगे।