Bird Flu Alert: पौंग वेटलैंड क्षेत्र में पक्षियों की मौत से पंजाब में खतरे की आशंका
यह सामने आ रहा है कि यह बर्ड फ्लू ही है तो इससे न केवल अन्य वेटलैंड्स के पक्षियों को भी बचाना चुनौती होगी बल्कि इसके फैलने से कहीं इंसानी जिंदगी को खतरा न हो यह भी देखना होगा। राज्यों में पक्षियों की मौत को लेकर आपसी समन्वय होना चाहिए।
चंडीगढ़, जेएनएन। पौंग वेटलैंड क्षेत्र में पांच दिनों में लगभग 2400 प्रवासी पक्षियों की मौत से पंजाब में अब यह खतरा बढ़ गया है कि कहीं और वेटलैंड्स में ऐसा न हो। राज्य में छह वेटलैंड्स हैं जिनमें तीन रामसर साइट्स हैं। हर साल हजारों प्रवासी पक्षी इन वेटलैंड्स में मध्य एशिया एवं ट्रांस हिमालयन क्षेत्रों से आते हैं। हालांकि पहले भी कभी कभार कुछ पक्षी मरते रहे हैं, लेकिन इतनी बड़ी तादाद में लगातार पक्षियों की मौत होते जाना चिंताजनक है। तीन लैब्स से इन पक्षियों की विसरा रिपोर्ट आनी शेष हैं। चूंकि पौंग झील हिमाचल एवं पंजाब दोनों में पड़ती है, इसलिए इन दोनों राज्यों का प्रशासन चौकन्ना है। एक लैब की रिपोर्ट के मुताबिक तो यह बर्ड फ्लू ही लग रहा है।
इसी के मद्देनजर हिमाचल में तो चिकन और अंडे की बिक्री पर ही रोक लगा दी गई है। पंजाब में भी वेटलैंड के आसपास के एक किलोमीटर क्षेत्र में विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी गई है। यह खतरा इसलिए और भी बढ़ जाता है, क्योंकि राजस्थान, गुजरात तथा हरियाणा में भी पक्षियों के मरने की सूचना है। अब जबकि यह सामने आ रहा है कि यह बर्ड फ्लू ही है तो न केवल अन्य वेटलैंड्स के पक्षियों को भी बचाना चुनौती होगा, बल्कि इसके फैलने से कहीं इंसानी जिंदगी को खतरा न पैदा हो जाए, यह भी देखना होगा। इतनी बड़ी तादाद में पक्षियों का मरते जाना पारिस्थितिकी के लिए भी खतरा है। इसलिए लिए वन्य प्राणी विभाग को इस मामले को गंभीरता से लेना होगा। इसके कारण जानने होंगे। क्या यह बीमारी बाहर से आई है या फिर यहीं ये पक्षी संक्रमित हुए हैं।
पंजाब के बाकी वेटलैंड्स के क्षेत्रों पर भी न केवल निगाह रखनी होगी, बल्कि समय रहते एहतियाती कदम उठाने होंगे। इन दिनों इन वेटलैंड्स में पर्यटक भी इनके आकर्षण में आते हैं। एशिया के सबसे बड़े हरिके पत्तन वेटलैंड क्षेत्र में तो बेहद मनमोहक नजारा होता है और पर्यटकों की संख्या भी बढ़ती है। अगर इस बार पक्षियों के मरने का सिलसिला यूं ही जारी रहता है तो पौंग झील की तरह अन्य साइट्स में भी पर्यटकों के आने पर रोक लगाना ही बेहतर होगा। इस बारे में लोगों को समय रहते सचेत एवं जागरूक किया जाना जरूरी है, ताकि वे एहतियात बरत सकें। क्योंकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात की सीमाएं आपस में लगती हैं। इसलिए इस खतरे से निपटने के लिए साझी रणनीति बनाकर उस पर शीघ्रातिशीघ्र अमल किया जा सके।