550 करोड़ रुपये के STP टेंडर में हुई शर्तों की स्मार्ट गेम, देश की नामी कंपनियां भी हो गई बाहर
चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी की टेक्निकल कमेटी ने एसटीपी प्रोजेक्ट के टेंडर की शर्तें ही ऐसी रखी थी कि कोई अन्य कंपनी बिड भरने की योग्यता ही पूरी नहीं कर पा रही थी।
जेएनएन, चंडीगढ़। स्मार्ट सिटी के 550 करोड़ रुपये के एसटीपी टेंडर में स्मार्ट गेम हो रहा है। सोमवार को एलएंडटी और वाटेक ने ही एसटीपी प्रोजेक्ट का टेंडर भरा। दैनिक जागरण ने पहले ही खुलासा कर दिया था कि एलएंडटी और वाटेक कंपनी एसटीपी प्रोजेक्ट का टेंडर भरेगी। चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी की टेक्निकल कमेटी ने एसटीपी प्रोजेक्ट के टेंडर की शर्तें ही ऐसी रखी थी कि कोई अन्य कंपनी बिड भरने की योग्यता ही पूरी नहीं कर पा रही थी। सोमवार को टेंडर भरने की आखिरी डेट थी। शहर में पांच एसटीपी प्लांट्स का टेंडर स्मार्ट सिटी ऑफिस ने निकाला था। इस प्रोजेक्ट का टेंडर शुरू से ही विवादों में रहा। स्मार्ट सिटी ऑफिस में तीसरी बार यह टेंडर निकला था। एसटीपी प्रोजेक्ट चलाने वाली देश की कई नामी कंपनियां स्मार्ट सिटी की टेक्निकल कमेटी द्वारा रखी गई शर्तों के कारण पहले ही दौड़ से बाहर हो गई हैं। इन कंपनियों द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं कि चुनिंदा कंपनियों को फेवर करने के लिए इस तरह की शर्तें रखी गई।
सबसे अधिक प्लांट लगाने वाली कंपनी भी बाहर
स्मार्ट सिटी के एसटीपी प्रोजेक्ट की शर्तों पर इसलिए भी अंगुली उठ रही है क्योंकि देश में सबसे अधिक तथा सबसे बड़े एसटीपी प्लांट लगाने वाली कंपनी भी चंडीगढ़ में आवेदन नहीं कर पा रही। चंडीगढ़ में एसटीपी का सबसे बड़ा प्लांट 135 एमएलडी का तैयार होना है। देश में एक दर्जन से अधिक कंपनियां ऐसी हैं जोकि इससे बड़े प्लांट लगा चुकी है। लेकिन यह सभी कंपनियां चंडीगढ़ में दौड़ से बाहर हैं।
अफसरों ने नहीं सुनी
एसटीपी प्रोजेक्ट के टेंडर की शर्तों में बदलाव के लिए कंपनियों ने प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से लेकर एडवाइजर मनोज परिदा तक को ज्ञापन दिया था लेकिन कंपनियों की मांग पर गौर तक नहीं किया गया। इन कंपनियों में शापूरजी पालोनजी, खिलारी इंफ्रास्ट्रक्चर तथा यूनाइटेड फास्फोरस की सबसिडरी घारपोरे इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
टेक्निकल कमेटी पर सवाल
चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट्स के लिए टेक्निकल कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में प्रशासन और एमसी के चीफ इंजीनियर सहित सीनियर अफसर शामिल हैं। एसटीपी प्रोजेक्ट की शर्तों के कारण टेक्निकल कमेटी पर भी सवाल उठने लग गया है। टेक्निकल कमेटी के मेंबर्स को पता था कि एसटीपी प्रोजेक्ट की शर्तों के कारण दो कंपनियां ही इसके लिए आवेदन करेंगी इसके बावजूद टेंडर की शर्तों में बदलाव नहीं किया गया।
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