शीरा मामले में रिपोर्ट पेश; वर्षो लगेंगे भरपाई में, कई अधिकारी तलब
-मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मनाली से लौटने पर होगा रिपोर्ट का खुलासा -शुगर मिल क
-मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मनाली से लौटने पर होगा रिपोर्ट का खुलासा
-शुगर मिल को सील कर 25 लाख रुपये की सिक्योरिटी राशि जब्त कर चुकी है सरकार
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कैलाश नाथ, चंडीगढ़: गुरदासपुर के कीड़ी अफगाना में चड्ढा शुगर मिल से ओवर फ्लो हुए शीरे के ब्यास दरिया में मिलने की जांच कर रहे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चीफ इंजीनियर जीएस मजीठिया ने अपनी रिपोर्ट पर्यावरण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रोशन सुंकारिया को सौंप दी है। वहीं, वाइल्ड लाइफ विभाग के चीफ वार्डन कुलदीप कुमार का कहना है कि प्रदूषित हुए पानी से केवल मछलियां ही नहीं मरी हैं, बल्कि सांप, मेंढक आदि भी मरे होंगे। जो मछलियां मर गई हैं, उनके दोबारा विकसित होने में कई वर्ष लग जाएंगे। नुकसान की भरपाई करने में काफी वक्त लगेगा। इस बीच घटना को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय बेहद गंभीर हो गया है। राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर की ओर से मागी गई रिपोर्ट पर कार्रवाई शुरू हो गई है।
राज्यपाल की ओर से इस मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को चिट्ठी लिखे जाने के चलते सीएम कार्यालय ने संबंधित विभाग के कई अधिकारियों को तलब कर लिया है। इनकी बुधवार को बैठक बुलाई है। उन्हें इस मामले पर स्टेटस रिपोर्ट देने के साथ-साथ यह भी बताने को कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए क्या किया जाना चाहिए। वहीं, मनाली में छुट्टियां बिता रहे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के वीरवार को लौटने की उम्मीद है। उनके लौटने के बाद ही राज्यपाल के पत्र का जवाब दिया जाएगा और रिपोर्ट का खुलासा भी होगा। मंत्री के पास आज जाएगी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चीफ इंजीनियर जीएस मजीठिया ने अपनी रिपोर्ट पर्यावरण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रोशन सुंकारिया को सौंप दी है। सुंकारिया ने कहा कि रिपोर्ट उन्हें मिल गई है। इसका अध्यन किया जा रहा है। संभवत: बुधवार को पर्यावरण मंत्री ओपी सोनी को यह रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। हालांकि, उन्होंने रिपोर्ट का खुलासा करने से मना कर दिया। उनका कहना है कि जब तक रिपोर्ट का अध्यन नहीं किया जाता तब तक इसके बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं है। रिपोर्ट मिलने के बाद होगी कार्रवाई: ओपी सोनी
पर्यावरण मंत्री ओपी सोनी का कहना है कि उन्हें अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट के बाद ही मिल मालिकों पर कार्रवाई की जाएगी। मिल को सील कर दिया गया है और 25 लाख रुपये की सिक्योरिटी राशि जब्त कर ली गई है। ऐसे सरकार की मंशा पर सवाल उठाना गलत है। इस पर जब उनसे पूछा गया कि जब गन्ने की पिराई ही नहीं हो रही है, तो मिल को सील करने का क्या फायदा? इस पर मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया।
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शिकायत दबाए जाने की संभावना पर भी जांच शुरू
बटाला (गुरदासपुर): करीब डेढ़ माह पहले ही मछली पालन विभाग के उच्च अधिकारियों को शिकायत की गई थी कि दरिया में प्रदूषित पानी छोड़े जाने से मछलियां मर रही हैं। अब इस संभावना की भी जांच की जा रही है कि कहीं शिकायत दबाई तो नहीं गई। डेढ़ माह पहले विभाग ने क्या कार्रवाई की। जांच जल्द पूरी हो जाएगी।