राजनीतिक अखाड़े में बंसल के ये 6 दांव तय करेंगे हार-जीत
बंसल राजनीतिक अखाड़े के पुराने खिलाड़ी रहे हैं।
विशाल पाठक, चंडीगढ़ : शहर के कद्दावर नेता पवन कुमार बंसल राजनीतिक अखाड़े के पुराने खिलाड़ी रहे हैं। चंडीगढ़ लोकसभा सीट से इस बार कांग्रेस की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल को उम्मीदवार घोषित किया गया है। 19 मई को चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर मतदान होगा। 23 मई को नतीजे आएंगे। इन सबके बीच चंडीगढ़ कांग्रेस ने अपना प्रचार तेज कर दिया है। चंडीगढ़ में चुनाव इसलिए भी रोमांचक हो जाता है, क्योंकि इस बार बंसल का मुकाबला दूसरे दिग्गज और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन और सत्ता में मौजूद केंद्र की मोदी सरकार के प्रत्याशी के साथ होगा। हम आपको बंसल के राजनीतिक अखाड़े के उन 6 दांव को बता रहे हैं, जिनके बलबूते वे जीत की उम्मीद करते हैं। बंसल के इन 6 दांव की अगर बात करें, तो इनमें प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का नाम सबसे ऊपर आता है। दूसरे दांव वरिष्ठ नेता और पूर्व मेयर सुभाष चावला हैं। उनका तीसरा दांव विक्रम बंसल, चौथा पत्नी मधु बंसल, पांचवां दांव शशिशंकर तिवारी और छठा व आखिरी दांव उनके बेटे मनीष बंसल हैं। इन 6 दांवों के बलबूते बंसल इस बार भी लोकसभा चुनाव में जुटे हैं। प्रदीप छाबड़ा (बंसल के राइट हैंड) : चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा, जोकि पवन कुमार बंसल के राइट हैंड माने जाते हैं। उनका इस चुनाव में पवन कुमार बंसल को जिताने के लिए एक अहम रोल रहेगा। जोकि कार्यकर्ताओं के बीच में ग्राउंड लेवल पर जाकर पवन कुमार बंसल के लिए वोट जुटाने का अहम रोल अदा करते हैं। छाबड़ा बंसल के आंख व कान की तरह भी काम करते हैं। बंसल के लिए प्रदीप छाबड़ा शहर में जगह-जगह कार्यकर्ताओं और सपोर्ट्स के बीच में जाकर चुनाव रैली से लेकर हर गतिविधि पर नजर रखते हैं। सुभाष चावला ( बंसल के लिए चाणक्य का रोल अदा करते हैं) : चंडीगढ़ कांग्रेस इकाई के वरिष्ठ नेता और पूर्व मेयर सुभाष चावला पवन कुमार बंसल के लिए चाणक्य की तरह अहम किरदार निभाते हैं। सुभाष चावला को कांग्रेस का बेस्ट स्ट्रेटेजी मेकर माना जाता है। इस बार बंसल को चंडीगढ़ लोकसभा सीट से जिताने के लिए चावला ग्राउंड लेवल पर जाकर चुनाव की रणनीति तैयार कर रहे हैं। चावला अपने विपक्षियों की हर चाल को भी भलिभांति भांपने में सक्षम माने जाते हैं। विक्रम बंसल (प्रचारक के रूप में करते हैं काम) : विक्रम बंसल पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल के पारिवारिक सदस्य हैं। जोकि बंसल के लिए उनके प्रचारक और पब्लिसिटी का काम करते हैं। बंसल की रैलियों से लेकर बूथ लेवल पर कार्यकर्ताओं और जनता को अपने प्रचार-प्रसार के जरिये जोड़ने का काम करते हैं। विक्रम बंसल सोशल मीडिया से लेकर जनता के बीच तक बंसल के लिए पब्लिसिटी का काम देखते हैं। शशिशंकर तिवारी (पूर्वाचल के लोगों का वोट जुटाने का करते हैं काम) : शशिशंकर तिवारी चंडीगढ़ कांग्रेस में एक अहम किरदार निभाते हैं। चंडीगढ़ शहर में करीब ढाई लाख लोग उत्तरप्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं। तिवारी पवन कुमार बंसल के लिए शहर में स्थित कॉलोनियों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों का वोट जुटाने का काम करते हैं। शहर के पूर्वाचल के लोगों के बीच में तिवारी का कद बेहद अहम माना जाता है। मधु बंसल (बंसल के लिए महिला वोट बैंक) : पवन कुमार बंसल की पत्नी मधु बंसल शहर की महिलाओं के बीच बहुत ही लोकप्रिय हैं। मधु बंसल पति के लिए शहर का महिला वोट बैंक इकट्ठा करने का काम करती हैं। मधु बंसल चंडीगढ़ कांग्रेस महिला सेल के साथ मिलकर शहर के गांवों, कॉलोनियों और सेक्टरों में जाकर महिला समर्थकों को जोड़ने में जुटी हैं। मनीष बंसल (बंसल के लिए युवा वोटर और फाइनेंशियल हेल्पर) : मनीष बंसल पवन कुमार बंसल के बेटे हैं। चुनाव अखाड़े की अगर बात करें तो मनीष बंसल अपने पिता के लिए युवाओं को जोड़ने का काम करते हैं। इसके अलावा प्रचार से लेकर बूथ लेवल तक पूरे खर्च का जिम्मा इन्हीं के कंधों पर होता है। एक बिजनेसमैन भी हैं। मनीष अपने पिता के लिए एक बैकबोन की तरह काम करते हैं।