बंसल के नाम पर मुहर लगने से आप को झटका, समर्थन मिलने के सपने हुए चकनाचूर
पूर्व केंद्रीय मंत्री और चंडीगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार पवन बंसल को पार्टी का टिकट मिलने के साथ ही आप के भी सपने टूटे गए हैं...
By Edited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 02:19 AM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 03:03 AM (IST)
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। पूर्व केंद्रीय मंत्री और चंडीगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार पवन बंसल को पार्टी का टिकट मिलने के साथ ही आप के भी सपने टूटे गए हैं, क्योंकि बंसल के कई करीबी नेता ऐसे थे, जिन्होंने आप उम्मीदवार हरमोहन धवन को यह आश्वासन दिया था कि यदि पार्टी बंसल को टिकट न देकर नवजोत कौर सिद्धू या मनीष तिवारी को उम्मीदवार बनाती है तो वह उनकी (धवन) की मदद करेंगे। इसी तरह से भाजपा के कई नेताओं ने भी धवन को सहयोग का भरोसा दिलाया है। हरमोहन धवन की दोनों प्रमुख दलों के नेताओं के बीच गहरी पैठ रही है। जनता के अलावा नेताओं से बेहतर ताल्लुकात का फायदा मिलने की संभावनाओं को देखते हुए ही आम आदमी पार्टी ने उन्हें चंडीगढ़ से अपना उम्मीदवार बनाया है। शहर के कुछ भाजपा नेताओं ने भी धवन को आश्वासन दिया है कि यदि उनके मनपसंद नेता को टिकट नहीं मिली तो वह चुनाव में अंदर खाने उनकी मदद जरूर करेंगे। ऐसे में अब आप उम्मीदवार की नजर भाजपा के उम्मीदवार के नाम की घोषणा पर भी टिकी है।
दूसरे दलों के नेताओं को भी अपना बनाएगी कांग्रेस
कांग्रेस के ही कुछ नेताओं की मानें तो यदि सिद्धू या तिवारी को चंडीगढ़ सीट से टिकट मिलती तो पार्टी में बिखराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। पवन बंसल के उम्मीदवार बनने पर जहां कांग्रेस अब जोड़तोड़ की राजनीति शुरू कर देगी। वहीं कांग्रेस की ओर से आप और भाजपा के कई नेताओं को भी अपनी पार्टी में शामिल कराने पर जोर दिया जाएगा, ताकि चुनाव में पार्टी का अलग-अलग नेताओं की जनता के बीच व्यक्तिगत साख का फायदा पार्टी के उम्मीदवार को मिल सके। इसीलिए पार्टी अब दूसरे दलों के असंतुष्ट नेताओं से संपर्क बढ़ा रही है। माना जा रहा है कि टंडन गुट के कई भाजपा नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं। भाजपा उम्मीदवार के नाम की घोषणा इस सप्ताह के अंत तक दूसरी ओर भाजपा की नजर भी दूसरे दलों के नेताओं पर है। उम्मीदवार तय होने के बाद पार्टी की कोशिश दूसरे दलों के नेताओं को भी अपना बनाने पर होगी। भाजपा में सांसद किरण खेर, भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन और पूर्व सांसद सत्यपाल जैन टिकट के दावेदार है। भाजपा इस सप्ताह के अंत तक अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगी।
कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं सतीश कैंथ
भाजपा से बागी होकर मेयर का चुनाव लड़ चुके सतीश कैंथ अभी तक किसी भी दल में शामिल नहीं हुए हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सतीश कैंथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि साल 2015 तक कैंथ कांग्रेस में ही थे। कैंथ ने अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू किया था। वे बंसल के करीबी रहे हैं। ऐसे में कैंथ भी पवन बंसल के उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार कर रहे थे। दूसरी ओर निर्दलीय पार्षद दलीप शर्मा भी हैं, जिन्होंने अभी तक अपना स्टैंड स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि दलीप शर्मा सांसद किरण खेर और आप के उम्मीदवार हरमोहन धवन के भी करीबी हैं।
छाबड़ा को विश्वास- अब कांग्रेस की जीत पक्की
कांग्रेस के चंडीगढ़ अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि पवन बंसल के उम्मीदवार बनने से शहर में पार्टी की जीत पक्की हो गई है। भाजपा और आप के कई नेता उनके संपर्क में हैं, जो कि कांग्रेस में आना चाहते हैं। अब कांग्रेस के नेता पूरी तरह से चुनाव प्रचार में जुट जाएंगे। धवन बोले- बंसल की कारगुजारियों से खुद कांग्रेसी ही असंतुष्ट चंडीगढ़ से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन का कहना है कि कांग्रेस के खुद के नेता ही पवन बंसल की कारगुजारी से संतुष्ट नहीं हैं। बंसल ने मंत्री रहते हुए न तो शहर के लिए कुछ किया और न ही कार्यकर्ताओं के लिए। ऐसे में इस बार बंसल जीत के कोसो दूर रहेंगे। कांग्रेसी नेताओं को भी पता है कि धवन ही शहर का विकास कर सकते हैं। उनका मानना है कि भाजपा ने पिछले पांच साल में शहर का स्वरूप बिगाड़ दिया है।
दूसरे दलों के नेताओं को भी अपना बनाएगी कांग्रेस
कांग्रेस के ही कुछ नेताओं की मानें तो यदि सिद्धू या तिवारी को चंडीगढ़ सीट से टिकट मिलती तो पार्टी में बिखराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती थी। पवन बंसल के उम्मीदवार बनने पर जहां कांग्रेस अब जोड़तोड़ की राजनीति शुरू कर देगी। वहीं कांग्रेस की ओर से आप और भाजपा के कई नेताओं को भी अपनी पार्टी में शामिल कराने पर जोर दिया जाएगा, ताकि चुनाव में पार्टी का अलग-अलग नेताओं की जनता के बीच व्यक्तिगत साख का फायदा पार्टी के उम्मीदवार को मिल सके। इसीलिए पार्टी अब दूसरे दलों के असंतुष्ट नेताओं से संपर्क बढ़ा रही है। माना जा रहा है कि टंडन गुट के कई भाजपा नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं। भाजपा उम्मीदवार के नाम की घोषणा इस सप्ताह के अंत तक दूसरी ओर भाजपा की नजर भी दूसरे दलों के नेताओं पर है। उम्मीदवार तय होने के बाद पार्टी की कोशिश दूसरे दलों के नेताओं को भी अपना बनाने पर होगी। भाजपा में सांसद किरण खेर, भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन और पूर्व सांसद सत्यपाल जैन टिकट के दावेदार है। भाजपा इस सप्ताह के अंत तक अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगी।
कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं सतीश कैंथ
भाजपा से बागी होकर मेयर का चुनाव लड़ चुके सतीश कैंथ अभी तक किसी भी दल में शामिल नहीं हुए हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि सतीश कैंथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, क्योंकि साल 2015 तक कैंथ कांग्रेस में ही थे। कैंथ ने अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू किया था। वे बंसल के करीबी रहे हैं। ऐसे में कैंथ भी पवन बंसल के उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार कर रहे थे। दूसरी ओर निर्दलीय पार्षद दलीप शर्मा भी हैं, जिन्होंने अभी तक अपना स्टैंड स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि दलीप शर्मा सांसद किरण खेर और आप के उम्मीदवार हरमोहन धवन के भी करीबी हैं।
छाबड़ा को विश्वास- अब कांग्रेस की जीत पक्की
कांग्रेस के चंडीगढ़ अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि पवन बंसल के उम्मीदवार बनने से शहर में पार्टी की जीत पक्की हो गई है। भाजपा और आप के कई नेता उनके संपर्क में हैं, जो कि कांग्रेस में आना चाहते हैं। अब कांग्रेस के नेता पूरी तरह से चुनाव प्रचार में जुट जाएंगे। धवन बोले- बंसल की कारगुजारियों से खुद कांग्रेसी ही असंतुष्ट चंडीगढ़ से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार व पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन का कहना है कि कांग्रेस के खुद के नेता ही पवन बंसल की कारगुजारी से संतुष्ट नहीं हैं। बंसल ने मंत्री रहते हुए न तो शहर के लिए कुछ किया और न ही कार्यकर्ताओं के लिए। ऐसे में इस बार बंसल जीत के कोसो दूर रहेंगे। कांग्रेसी नेताओं को भी पता है कि धवन ही शहर का विकास कर सकते हैं। उनका मानना है कि भाजपा ने पिछले पांच साल में शहर का स्वरूप बिगाड़ दिया है।
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