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Cyber Crime : रिटायर्ड अधिकारियों के अकाउंट निशाने पर, पंजाब-हरियाणा से ज्यादा चंडीगढ़ में ऑनलाइन ठगी

सबसे बड़ी दिक्कत ऐसे मामलों को सुलझाने और इस पर लगाम लगाने में पुलिस की विफलता है। साइबर क्राइम के मामले में चंडीगढ़ देश में सातवें नंबर पर है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 08:59 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 04:36 PM (IST)
Cyber Crime : रिटायर्ड अधिकारियों के अकाउंट निशाने पर, पंजाब-हरियाणा से ज्यादा चंडीगढ़ में ऑनलाइन ठगी

चंडीगढ़, [कुलदीप शुक्ला]। शहर में रिटायर्ड अधिकारियों के बैंक अकाउंट पर साइबर अपराधियों की पैनी नजर है। जनवरी 2019 में साइबर क्राइम की 336 मामले दर्ज हुए थे जबकि साल जनवरी 2020 में एक माह में ही 667 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं।

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ऑनलाइन ठगी में चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा से भी आगे निकल चुका  है। सबसे बड़ी दिक्कत ऐसे मामलों को सुलझाने और इस पर लगाम लगाने में पुलिस की विफलता है। साइबर क्राइम के मामले में चंडीगढ़ देश में सातवें नंबर पर है।

इस वजह से ज्यादातर केस अनसुलझे

साइबर सेल के अत्याधुनिक तौर पर कम सशक्त और मैनपॉवर नहीं होने से अधिकतर मामले अनसुलझे हैं। सबसे ज्यादा साइबर की वारदातें डेबिट-क्रेडिट कार्ड अपडेट्स, क्लोनिंग और केवाइसी अपडेट्स के नाम पर हुई हैं। आंकड़ों के अनुसार इसी तरह 2017 में कुल 2,242 और 2018 में कुल 3,167 साइबर की शिकायतें दर्ज की गई थी। 2018 की 70 और 2019 की 58 शिकायतें विभाग के पास पेंडिंग हैं।

रिटा. जस्टिस, बैंक अधिकारियों से हुई ठगी

चंडीगढ़ में रहने वाले बाबरी मस्जिद विवाद पर पहली लिब्राहन अायाेग की रिपोर्ट तैयार करने वाले हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मनमोहन सिंह  के अकाउंट से ठगाें ने 2.25 लाख रुपये की ठगी की थी। इसके अलावा ठगों ने हाई कोर्ट की ही पूर्व जस्टिस बख्शीश कौर के अकाउंट से छह हजार रुपये ठगने के साथ दो अन्य रिटायर जजाें से ठगी की कोशिश की थी। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ पटियाला के रिटा. डीजीएम और मैनेजर से लाखों की ठगी हो चुकी हैं।

जागरूकता ही बचाव

अगर कोई व्यक्ति आपको फोन कर यह कहे कि आपका बैंक अकाउंट बंद होने वाला है। या फिर एटीएम कार्ड की वैलीडिटी खत्म हो गई है। ऐसे में किसी को अपना एटीएम कार्ड या पिन नंबर न बताएं। एटीएम कार्ड के सीवी नंबर की जानकारी न दें। एटीएम कार्ड की वैलीडिटी डेट न बताएं। इसके अलावा ओटीपी नंबर बताने से भी बचें।

ठगी होने पर उठाएं यह कदम

  • ऑनलाइन ठगी का शिकार होते ही तत्काल पुलिस को सूचना दें।
  • बैंक जाएं और खाता पर लेन-दने बंद कराएं।
  • बैंक से मिली जानकारी पुलिस या साइबर सेल को दें।
  • ठगी के बाद पुलिस को सूचना देने और बैंक से जानकारी लेने में जितनी देरी होगी, पैसे की रिकवरी उतनी कम रहेगी।

ठगी करने का यह तरीका इस्तेमाल करते हैं अपराधी

  • फर्जी बैंक अधिकारी बनकर एटीएम की जानकारी पूछना।
  • नौकरी लगाने के नाम पर।
  • सिमकार्ड अपडेट करने के बहाने।
  • ऑनलाइन शॉपिंग में डिस्काउंट के बहाने।
  • फर्जी ई-मेल के माध्यम से।
  • मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर।
  • मोबाइल मैसेज सर्विस के माध्यम से।
  • विदेश भेजने के नाम पर।

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