नोटिस के बाद भी जांच में शामिल नहीं हुए पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी
पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी को सुप्रीम कोर्ट से मिली आरजी जमानत व जांच टीम के समक्ष पेश होकर एसआइटी (सिट) का जांच में सहयोग करने के निर्देश का उन पर कोई असर नहीं हुआ।
संदीप कुमार, मोहाली
पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी को सुप्रीम कोर्ट से मिली आरजी जमानत व जांच टीम के समक्ष पेश होकर एसआइटी (सिट) का जांच में सहयोग करने के निर्देश का उन पर कोई असर नहीं हुआ। बलवंत सिंह मुल्तानी अपहरण और हत्या के केस में पूछताछ के लिए एसआइटी ने सैनी को बुधवार को मटौर थाने में पेश होने के लिए नोटिस भेजा था। मगर सुमेध सैनी जांच में शामिल होने थाने नहीं पहुंचे।
एसआइटी की टीम में शामिल एसपी हरमन दीप सिंह हंस, डीएसपी विक्रम बराड़, डीएसपी जसविदर टिवाना व एसएचओ राजीव कुमार दोपहर एक बजे तक सैनी का मटौर थाने में इंतजार करते रहे। जब सैनी थाने नहीं पहुंचे तो एसआइटी की टीम को वहां से वापस लौटना पड़ा। जबकि बुधवार को मटौर थाने का मुख्य गेट सुबह से लेकर दोपहर तक अन्य लोगों के लिए बंद रखा गया था। किसी को भी थाने में जाने की इजाजत नहीं दी गई और मुलाजिमों को बाहर तैनात कर दिया गया था।
उधर, बुधवार को पूरे दिन यही चर्चा रही कि सुमेध सैनी इस डर से एसआइटी के सामने पेश नहीं हुए क्योंकि उन्हें डर था कि पंजाब पुलिस कहीं उन्हें गिरफ्तार न कर ले। वहीं दूसरी तरफ सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सुमेध सैनी के वकील की ओर से एक दिन पहले ही एसआइटी के समक्ष सैनी के पेश न होने संबंधी वाट्सएप पर मैसेज भेज दिया गया था। सूत्रों के अनुसार यह मैसेज एसआइटी की टीम के अलावा डीजीपी पंजाब दिनकर गुप्ता व एसएसपी मोहाली कुलदीप सिंह चाहल को भी भेजा गया है। मगर इस संबंध में जब एसआइटी के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। मैसेज में यह दिया तर्क
सैनी के वकीलों की ओर से जो एसआइटी को वाट्सएप मैसेज भेजा गया है, उसमें सुमेध सैनी के एसआइटी के समक्ष पेश न होने के लिए यह तर्क रखा गया कि सैनी 62 वर्ष के सीनियर सिटीजन हैं। ब्लड प्रेशर बढ़ने व घटने के कारण उनमें फ्लू/कोविड-19 के लक्षण बताए जा रहे हैं। इसलिए एसआइटी के समक्ष पेश होने के लिए उन्हें कुछ दिन की मोहलत और दी जाए। उन्होंने मैसेज के जरिये मांग की कि सैनी से पूछताछ के समय मेडिकल टीम पूरी तैयारी के साथ मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने यह भी कहा है कि सैनी आतंकवादियों की हिट लिस्ट पर हैं। उनसे एक आतंकी हमले के संबंध में भी पूछताछ करनी है, जिसमें तीन पुलिस मुलाजिम की जान चली गई थी और वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह भी कहा गया है कि सैनी के मामले का काफी चर्चित हो चुका है, जिस कारण उनको शरीरिक नुकसान से बचाने के लिए पूछताछ वाली जगह पर व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की जाए। उन्होंने दोहराया कि उनका क्लाइंट (सैनी) जांच में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है और पहले भी जांच में सहयोग कर रहा है।