नाबालिग का अपहरण करने के आरोपितों को नहीं मिली जमानत
चार माह पहले मनीमाजरा से एक नाबालिग के अपहरण से जुड़े मामले में शुक्रवार को जिला अदालत ने दोनों आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चार माह पहले मनीमाजरा से एक नाबालिग के अपहरण से जुड़े मामले में शुक्रवार को जिला अदालत ने दोनों आरोपितों की जमानत याचिका खारिज कर दी।
अदालत में विशाल गुप्ता और पंकज गुप्ता ने जमानत याचिका लगाई थी। याचिका में दोनों आरोपितों ने कहा था कि इस मामले में एक आरोपित राहुल शर्मा को हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, इसलिए उन्हें भी जमानत दी जाए। इसके अलावा आरोपितों ने याचिका में कहा कि पुलिस ने उन्हें झूठे केस में फंसाया है। उन्होंने कहा कि बच्चे का परिवार उनके पड़ोस में ही रहता है और उनमें आपस में बनती नहीं है। पुलिस ने इस केस में आइपीसी की धारा 364ए इसीलिए जोड़ी थी ताकि केस गैर जमानती बन जाए। बाद में पुलिस ने 473 और 120बी धारा जोड़ी थी, जबकि सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने दलील दी कि अपहरण मामले में विशाल और पंकज दोनों ही मास्टरमाइंड थे। वे बच्चे के पड़ोस में ही रहते हैं और उन्हें पता था कि बच्चे की बहन की शादी है और घर में पैसा जरूर होगा। इसलिए उन्होंने किडनैपिग कर फिरौती मांगने की योजना बनाई।
बच्चा अपने दोस्तों के साथ साइक्लिंग कर रहा था तभी एक ब्रीजा कार आई और उन्होंने एक बच्चे को किडनैप कर लिया और उसके परिवार से 50 लाख रुपए मांगे। जानकारी के अनुसार चार महीने पहले मनीमाजरा में 15 साल के बच्चे को आरोपितों ने किडनैप किया था और उसके परिवार से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। हालांकि किडनैपिग के ढाई घंटे बाद उन्होंने बच्चे को सही सलामत छोड़ दिया था। बाद में किडनैपर पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे। विशाल और पंकज के खिलाफ पुलिस ने 364ए (फिरौती के लिए किडनैपिग) और 34 के तहत केस दर्ज किया। विशाल, पंकज और दो अन्य आरोपितों रजत व मुकेश को पुलिस ने 17 जून 2021 को गिरफ्तार कर लिया था।