बेअदबी मामलाः दिल्ली में सिखों की कन्वेंशन में बादल पिता-पुत्र कौमी गद्दार घोषित
बेअदबी के मामले में आई जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर अकाली दल दिल्ली ने पंथक कन्वेंशन में प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर बादल को कौमी गद्दार घोषित किया।
जेएनएन, नई दिल्ली/चंडीगढ़। बेअदबी के मामले में आई जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर अकाली दल दिल्ली ने पंथक कन्वेंशन का आयोजन किया। इस कन्वेशन में दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के सिख नेताओं ने भी भाग लिया और आयोग की रिपोर्ट पर चिन्तन-मंथन किया। कन्वेंशन के दौरान सभी वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे और अंत में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनके पुत्र पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को 'कौमी गद्दार' करार दिया गया।
इसके अलावा यह भी मांग की गई कि बादल पिता-पुत्र अपने नाम से अकाली शब्द को तुरंत प्रभाव से हटाएं। प्रस्ताव में कहा गया कि उन्हें कौमी गद्दार वर्ष 2015 में हुई बेअदबी की घटनाओं और 13 अप्रैल 1978 की खूनी हिंसा के लिए करार दिया गया है। प्रस्ताव में बादल व सुखबीर दोनों का धार्मिक और सामाजिक बायकाट करने को भी कहा गया है।
कन्वेंशन में जहां जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की तारीफ की गई वहीं पर दिल्ली कमेटी की निंदा की गई। कहा कि जब अकाल तख्त साहिब से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को क्लीन चिट दी गई थी तो उस वक्त उन्होंने इसकी तारीफ की थी। हालांकि अभी हाल ही में अमेरिका में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजीत सिंह जीके पर हुए हमले की भी निंदा की गई और ऐसे कृत्य को गलत करार दिया गया।
कन्वेंशन में यह रहे मौजूद
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत सिंह सरना द्वारा कन्सीच्यूशनल क्लब के मावलंकर हाल में बुलाई गई कन्वेंशन में भाई मोहकम सिंह (यूनाइटेड सिख), बस्सन सिंह जफरवाल, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता केटीएस तुलसी, धर्म प्रचार कमेटी के पूर्व अध्यक्ष भाई तरसेम सिंह, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के महासचिव हरन्दिर सिंह सरना, दिल्ली के पूर्व मंत्री हरचरण सिंह बल्ली, अकाली दल दिल्ली के दर्शन सिंह इत्यादि विशेष तौर पर शामिल हुए। इसके अलावा पंजाब-हरियाणा समेत अन्य राज्यों से भी कई सिख नेताओं ने इस पंथक कन्वेंशन में शिरकत की और अपने विचार रखे।
सीबीआइ से नहीं करवाई गई बहिबलकलां व कोटकपूरा कांड की सीबीआइ जांच: फूलका
उधर, आम आदमी पार्टी के विधायक व पूर्व नेता प्रतिपक्ष एडवोकेट एचएस फूलका ने बेअदबी मामले में बादलों पर कार्रवाई न होने के विरोध में इस्तीफा देने का एलान किया है। चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में फूलका ने कहा कि विधानसभा में 101 विधायकों ने एकमत होकर प्रस्ताव पास किया है कि बेअदबी कांड की जांच को लेकर गठित रिटायर जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई की जाए।
रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर सिंह बादल व पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी दोषी हैं। सैनी ने लोगों पर बादलों के कहने पर ही पुलिस फायरिंग करवाई थी। यह बात आयोग की रिपोर्ट में सिद्ध हो गई है। फिर सरकार कारवाई के लिए किसका इंतजार कर रही है।
फूलका ने विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद भी इस बारे में चेतावनी दी थी कि अगर 15 तक सरकार ने बादलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, तो वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे। शनिवार को उन्होंने एक बार फिर अपनी बात यह कहकर दोहराई की बहरी सरकार को बार-बार चेतावनी देनी पड़ती है। उन्होंने आरोप लगाया कि बहिबलकलां व कोटकपूरा कांड की सीबीआइ जांच सरकार ने करवाई ही नहीं थी। फूलका ने कहा कि वह कानून की पूरी समझ रखते हैं। सरकार केस दर्ज करने में बहानेबाजी कर रही है। इस मामले में स्पष्ट तौर पर केस दर्ज होना चाहिए।
यह है मामला
अक्टूबर 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद बहिबलकलां में हुई पुलिस फायङ्क्षरग में युवकों की मौत हो गई थी। कैप्टन सरकार ने इस घटना समेत बेअदबी के सभी मामलों की जांच के लिए जस्टिस रणजीत सिंह आयोग का गठन किया था। आयोग की रिपोर्ट को सरकार ने हाल ही में मानसून सत्र के दौरान सदन में रखा था। रिपोर्ट के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल घटना की पूरी जानकारी थी। तत्कालीन डीजीपी सुमेध सैनी ने फायरिंग के आदेश दिए थे। फूलका इसी मामले पर बादल व सुमेध सैनी पर केस दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।