विश्व स्ट्रोक दिवस पर जागरूकता दौड़ का आयोजन
विश्व स्ट्रोक दिवस के मौके पर रन टू नो स्ट्रोक नाम से सुखना लेक लगाई रेस।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : विश्व स्ट्रोक दिवस के मौके पर रन टू नो स्ट्रोक नाम से सुखना लेक पर एक जागरूकता दौड़ का आयोजन किया गया। इस दौड़ का आयोजन जीआइ रैंडवूज की तरफ से किया गया। गौरतलब है कि विश्व स्ट्रोक संस्था द्वारा हर साल 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर ट्राईसिटी के स्ट्रोक न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. (प्रो.) धीरज खुराना (स्ट्रोक न्यूरोलॉजिस्ट, पीजीआइ) और डॉ. (प्रो.) विवेक गुप्ता न्यूरो-इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट ने करीब 200 लोगों को स्ट्रोक संबंधी जानकारी दी। इन लोगों में से ज्यादातर सुखना झील पर दौड़ लगाने वाले लोग थे। डॉक्टर्स ने इस दौरान लोगों को बताया कि स्ट्रोक एक खतरनाक और अक्षम बनाने वाली बीमारी है और विश्व स्तर पर हर चार व्यक्तियों में से 1 इसका शिकार हो रहा है। मेडिकल माहिरों के मुताबिक चेहरे में एक दम टेढ़ापन आना, बाजू या टांगों की कम•ाोरी और बोलने या बोली समझने में कठिनाई होना इसके मुख्य लक्षण माने जाते हैं। स्ट्रोक एक मेडिकल एमरजेंसी है और लक्षण के पता लगने से साढ़े चार घंटे के बीच इसका इलाज किया जा सकता है, इस समय (पहले साढ़े चार घंटे) को गोल्डन पीरियड या विडो पीरियड कहा जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आज कल नई पीढ़ी में भी स्ट्रोक की समस्या सामने आ रही है। डॉ. दीपक गुप्ता ने स्ट्रोक से बचने के लिए कुछ सलाह दी, जिनमें रोजमर्रा की कसरत करना, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर पर नियंत्रण करना, सिरगेट से परहेज, पोषक भोजन करना और तनाव रहित जीवन व्यतीत करना शामिल है। निगम कमिश्नर ने की सराहना
इस मौके पर कमिश्नर (नगर निगम) और खेल सचिव केके यादव ने कहा कि अच्छी सेहत का महत्वपूर्ण लक्ष्य प्राप्त करने के लिए जागरूकता ही सबसे सही विधि है। उन्होंने ऐसे साकारात्मक कार्यो में काम कर रहे लोगों और संस्थाओं की सराहना की और स्ट्रोक संबंधी संदेश को और आगे फैलाने के लिए वहां उपस्थित लोगों को भी प्रेरित किया। समारोह के दौरान सरकारी कॉलेज सेक्टर -11 के एनसीसी कैडिटों ने भाग लेने वालों की सहायता की। सरकारी कॉलेज सेक्टर -11 के ही डॉ राजेश ठाकुर ड्रामैटिक क्लब की टीम की तरफ से ब्रेन स्ट्रोक पर अधारित एक नुक्कड़ नाटक भी खेला गया।