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शहर में मौत का दूत बन घूम रहे ऑटो, पांच की जगह बैठाते हैं 11 सवारियां Chandigarh News

शाम सात बजे के बाद शहर की सड़कों पर ट्रैफिक मुलाजिम दिखाई नहीं देते। रात दस बजे के बाद शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल की नंबरिंग बंद कर दी जाती है।

By Edited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 10:43 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 03:20 PM (IST)
शहर में मौत का दूत बन घूम रहे ऑटो, पांच की जगह बैठाते हैं 11 सवारियां Chandigarh News

मोहाली, [संदीप कुमार]। पुलिस के डर बिना ओवरलोड ऑटो मौत का दूत बनकर शहर में घूम रहे हैं जिसका खामियाजा रविवार को चार लोगों को अपनी जिंदगी गंवाकर भरना पड़ा। ऑटो चालक ने चंद पैसों के लालच में पांच लोगों की क्षमता वाले ऑटो में 11 सवारियां ठूंसकर भर ली। 11 सवारियों के अलावा वह खुद उसमें सवार था। जो खुद तो बच गया परंतु उसकी एक गलती ने चार घरों के बच्चे अनाथ कर दिए। कौन है उन चार लोगों की मौत का जिम्मेदार?

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प्रशासन को पहले ही कर दिया था आगाह

'दैनिक जागरण' ने सात सितंबर के अंक में ही प्रशासन को आगाह कर दिया था कि शहर में दौड़ रहे ओवरलोड ऑटो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। प्रशासन अगर समय पर इन ऑटोवालों के खिलाफ सख्ती दिखाता तो शायद चारों की जिंदगियां बच जाती। हैरत की बात तो यह है कि मोहाली ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों को यह तक नहीं पता कि शहर में कितने अवैध ऑटो चल रहे हैं। कार्रवाई करने के लिए यह पता होना भी जरूरी है कि क्या गैरकानूनी है और क्या कानूनी। बहरहाल इतना बड़ा हादसा देखकर अगर अब भी प्रशासन अपनी कुंभकर्णी नींद से नहीं जागा तो इस प्रकार के हादसे नहीं रुकेंगे।

शाम सात बजे के बाद नहीं दिखते मुलाजिम

बता दें कि शाम सात बजे के बाद शहर की सड़कों पर ट्रैफिक मुलाजिम दिखाई नहीं देते। रात दस बजे के बाद शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल की नंबरिंग बंद कर दी जाती है और उसके बाद ओरेंज लाइट लगातार बलिंक होती है, जो सुबह सात बजे तक रहती है। इस दौरान लोग सिग्नल पर नहीं रुकते, जिससे हादसे होते हैं। रविवार को हुए हादसे दौरान रेड लाइट होते हुए भी दोनों वाहनों ने सिग्नल तोड़ने की बात सामने आई है। अगर दोनों नियमों की पालना करते तो हादसा होता ही नहीं। ऐसा इसलिए भी हुआ कि इतनी सुबह ट्रैफिक लाइटों पर न मुलाजिम होते हैं और न ही लोग रूल फॉलो करते हैं।

एसपी ट्रैफिक ने दिया यह जवाब

एसपी ट्रैफिक पिछले तीन महीने में ओवरलोड ऑटो चालकों के कितने चालान हुए, यह एसपी ट्रैफिक केसर सिंह को पता ही नहीं। जब उनसे पूछा गया कि अब तक ओवरलोड ऑटो के कितने चालान किए गए हैं तो उन्होंने कहा कि मैं बाहर हूं, रीडर से पूछकर बताउंगा। जब उन्हें बताया गया कि एक ओवरलोड ऑटो के कारण चार लोगों की मौत हो गई तो उन्होंने कहा कि वेरी बैड।

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