कांग्रेस को डराने लगा ARTICLE 370 का भूत, खिसक सकता है हिंदू वोट बैंक
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से कांग्रेस पार्टी में बेचैनी पाई जा रही है। कांग्रेस की चिंता यह है कि केंद्र सरकार के इस फैसले का असर पंजाब पर भी पड़ेगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से कांग्रेस पार्टी में बेचैनी पाई जा रही है। कांग्रेस की चिंता यह है कि केंद्र सरकार के इस फैसले का असर पंजाब पर भी पड़ेगा और हिंदू वोट बैंक कांग्रेस से खिसक सकता है। कांग्रेस के मंत्री भी मान रहे हैं कि इस फैसले से पंजाब में भाजपा को मजबूती मिलेगी। यह अलग बात है कि ये मंत्री सार्वजनिक तौर पर कुछ बोलने से बच रहे हैैं।
सबसे ज्यादा बेचैनी कांग्रेस के हिंदू मंत्रियों में देखने को मिल रही है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ हिंदू मंत्री बताते हैं, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस भले ही 13 में से आठ सीटों पर विजयी रही, लेकिन पंजाब में भी मोदी लहर दिखाई दे रही थी। ऐसे में अनुच्छेद 370 को लेकर जो फैसला केंद्र सरकार ने लिया है उसका सीधे असर पड़ेगा। बता दें कि आतंकवाद के बाद से ही पंजाब का हिंदू कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है। भाजपा भले ही पंजाब में चुनाव लड़ती रही, लेकिन हिंदुओं की सबसे पहली पसंद कांग्रेस ही रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पंजाब में भाजपा का प्रदर्शन 67 फीसद रहा है। पार्टी ने तीन में से दो सीटें जीती हैैं।
कांग्रेस के एक अन्य हिंदू मंत्री बताते हैं कि कुछ भी हो अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर देश भर में लोगों की जैसी भावनाएं सामने आई हैं वैसी ही पंजाब में भी हैैं। पंजाब सरकार ने अनुच्छेद 370 पर केंद्र के फैसले के बाद प्रदेश में जश्न मनाने पर रोक लगा दी है, इसका भी असर पड़ेगा। विगत सात दशक से यह समस्या थी। कांग्रेस के मंत्री कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी भले ही इसका विरोध करे, लेकिन सभी को पता है कि इसका राजनीतिक रूप से कितना बड़ा असर होने वाला है। जम्मू से पंजाब का क्षेत्र भी लगता है। पठानकोट व गुरदासपुर में बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जिनकी रिश्तेदारी जम्मू-कश्मीर में है।
पंजाब में भाजपा के अगले कदम का इंतजार
कांग्रेस में यह भी आकलन शुरू हो गया है कि पंजाब में भाजपा का अगला कदम क्या होगा? लंबे समय से पंजाब भाजपा में यह मांग उठती रही है कि अकाली दल से गठबंधन तोड़ देना चाहिए। भाजपा के प्रदेश प्रधान श्वेत मलिक पहले ही यह दावा कर चुके हैं कि 2022 के विधानसभा चुनाव में पंजाब में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होगी। हालांकि कांग्रेस यह भी मान रही है कि अगर भाजपा अकेले चुनाव लड़ती है तो पंजाब में चार कोणीय मुकाबला होगा जिसका लाभ कांग्रेस को हो सकता है। इस समय कांग्रेस के पास सिखों का भी समर्थन है। इस सबके बावजूद कांग्रेस में बेचैनी साफ देखी जा रही है।
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