भगवान शिव से जुड़ा है प्रकृति का निर्माण और वही इसे तबाह कर सकते हैंः रविंद्र शर्मा
कला और भक्ति दोनों का मधुर संबंध। जिसे कलाकार रविंद्र शर्मा ने अपने ही अंदाज में बयां किया।
By Edited By: Published: Fri, 03 May 2019 08:59 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 03:04 AM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। कला और भक्ति, दोनों का मधुर संबंध। जिसे कलाकार रविंद्र शर्मा ने अपने ही अंदाज में बयां किया। अकसर अपनी पेंटिंग में शिव की स्तुति करने वाले रविंद्र ने अपनी कला में उनके महत्व और भक्ति पर चर्चा की। वहीं पंजाब कला भवन सेक्टर-16 में आयोजित फर्स्ट फ्राइडे फोरम में आयोजित मैं शिव भक्त क्यों हूं पर वह बातचीत करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि शिव से प्रकृति का निर्माण जुड़ा है। शिव ही इसे तबाह कर सकते हैं। ऐसे में वह कुदरत का एक प्रचंड रूप हैं। जिसमें कई ताकत है, जो सृजन और तबाही भी ला सकती है। मैंने इसे धरती और जल से जोड़ते हुए शिव को अकसर अपनी पेंटिंग में दिखाया है, जिसमें अकसर शिव से जुड़े भगवान गणेश, नंदी बैल और आदि देवी-देवता भी दिखाई देते हैं। मेरे अनुसार मेरी कला कुदरत से जुड़ी है, ऐसे में इसने मुझे सीधे तौर पर शिव से मिलवाया है। मेरी पेंटिंग का एक तरह से आधार ही शिव हैं। ऐसे में मेरी पेंटिंग उनकी स्तुति जैसी ही है।
कई कलाकार पहुंचे रविंद्र को सुनने
फर्स्ट फ्राइडे फोरम में रविंद्र के शिव भक्ति से जुड़े विचार सुनने के लिए कई कलाकार भी पहुंचे। इसे में फोरम के संस्थापक डॉ. एसएस भट्टी, चंडीगढ़ ललित कला अकादमी के अध्यक्ष भीम मल्होत्रा, गुरमीत गोल्डी भी शामिल हुए। डॉ. भट्टी ने कहा कि इस फोरम का निर्माण कला और जीवन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के लिए हुआ था। जो करीब 12 वर्षों से ऐसे ही चल रहा है। हमारा मकसद युवाओं और शहरवासियों को ज्यादा से ज्यादा इससे जोड़ना है। इस फोरम में शहर की कला और इसके आर्किटेक्चर से जुड़े मुद्दे भी प्रमुखता से उठाए गए हैं। इसमें सभी शहरवासियों को स्वागत है, जो शहर और यहां की कला और आर्किटेक्ट को लेकर बातचीत करना चाहते हैं। ये हर महीने के पहले शुक्रवार को पंजाब कला भवन-16 में आयोजित होती है, जो शाम 5.00 बजे से शुरू होकर 6.30 बजे तक रहती है।
कई कलाकार पहुंचे रविंद्र को सुनने
फर्स्ट फ्राइडे फोरम में रविंद्र के शिव भक्ति से जुड़े विचार सुनने के लिए कई कलाकार भी पहुंचे। इसे में फोरम के संस्थापक डॉ. एसएस भट्टी, चंडीगढ़ ललित कला अकादमी के अध्यक्ष भीम मल्होत्रा, गुरमीत गोल्डी भी शामिल हुए। डॉ. भट्टी ने कहा कि इस फोरम का निर्माण कला और जीवन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत के लिए हुआ था। जो करीब 12 वर्षों से ऐसे ही चल रहा है। हमारा मकसद युवाओं और शहरवासियों को ज्यादा से ज्यादा इससे जोड़ना है। इस फोरम में शहर की कला और इसके आर्किटेक्चर से जुड़े मुद्दे भी प्रमुखता से उठाए गए हैं। इसमें सभी शहरवासियों को स्वागत है, जो शहर और यहां की कला और आर्किटेक्ट को लेकर बातचीत करना चाहते हैं। ये हर महीने के पहले शुक्रवार को पंजाब कला भवन-16 में आयोजित होती है, जो शाम 5.00 बजे से शुरू होकर 6.30 बजे तक रहती है।
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