ऑडिट के बाद भी बाजाराें में आग से निपटने के इंतजाम नहीं कर पाया फायर विभाग Chandigarh News
करीब एक दशक पहले जनता रेहड़ी मार्केट जलकर राख हो गई थी। इस मार्केट के 302 खोखे जल गए थे। जिसके बाद गमाडा की ओर से पक्के बूथ बनाकर दुकानदारों को दिए गए थे।
मोहाली, जेएनएन। शहर की मार्केट्स आग के ढेर पर हैं। अगर आग लगे तो उससे निपटना आसान नहीं होगा। मोहाली फायर बिग्रेड की ओर से पिछले साल करवाए गए ऑडिट में ये खुलासा हुआ था। शहर की सात से ज्यादा छोटी-बड़ी मार्केट्स में ये सर्वे कराया गया था। किसी में भी आग से निपटने के इंतजाम नहीं हैं।
दो दिन पहले फेज-5 के विशाल मेगा मार्ट में लगी आग के बाद फिर से मार्केट्स के सर्वे की बात कही जा रही है। लेकिन फायर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसी भी मार्केट में आग से निपटने के इंतजाम नहीं हैं।
एक दशक पहले जली थी रेहड़ी मार्केट
करीब एक दशक पहले जनता रेहड़ी मार्केट जलकर राख हो गई थी। इस मार्केट के 302 खोखे जल गए थे। जिसके बाद गमाडा की ओर से पक्के बूथ बनाकर दुकानदारों को दिए गए थे। लेकिन अब भी मार्केट में व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है। आग से निपटने के कोई इंतजाम नहीं हैं। फेज-1 की खोखा मार्केट की स्थिति भी ऐसी है। इस मार्केट में भी आग से निपटने का कोई इंतजाम नहीं है। फेज-7 के बैंक स्क्वेयर में भी आग से निपटने के इंतजाम नहीं हैं। फेज-3बी 2, 7, 5, 2, 1 की मार्केट में कहीं पर भी आग से निपटने के पुख्ता इंतजाम नहीं मिले हैं।
पिछले साल हुई थी आग की दस घटनाएं
पिछले साल जिला मोहाली में आग की दस बड़ी घटनाएं हुई थी। ये घटनाएं जीरकपुर, डेराबस्सी व मोहाली में फैक्टरियों व गोदामों में लगी थी। इन आग की घटनाओं में दस से ज्यादा लोगों की जान गई थी। वहीं, कई लोग झुलसे थे। लेकिन इसके बावजूद जिले की मार्केट्स व फैक्ट्रियों में आग से निपटने के इंतजाम नहीं हो सके है। ये जिम्मेदारी नगर निगम की है।
इस मामले में निगम के मेयर कुलवंत सिंह ने कहा कि बाजाराें में आग के निपटने के इंतजाम होने चाहिए। इसके लिए मार्केट्स वेलफेयर एसोसिएशनों से भी बात की जाएगी। अब सिर्फ फायर विभाग नोटिस भेजने तक अपनी कार्रवाई सीमित नहीं रखेगा।