सिद्धू दंपती निशाने पर, संबित पात्रा बोले- अमृतसर हादसा भादसं की धारा 304ए का मामला
अमृतसर में हुए हादसे को लेकर विपक्ष ने कैप्टन सरकार भी निशाना साधा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह घटना भादसं की धारा 304ए का मामला है।
जेएनएन, अमृतसर/चंडीगढ़। दशहरा कार्यक्रम के दाैरान हुए अमृतसर के जोड़ा रेल फाटक के पास हुए हादसे पर राजनीतिक हमले भी शुुरू हो गए हैं। विपक्ष ने हादसे के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह हादसा बेहद दुखद है। इसमें साफ तौर पर प्रशासनिक विफलता व लापरवाही दिखती है। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने इसे नरसंहार करार दिया। उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सिद्धू को मंत्री पद से हटाकर गिरफ्तार किया जाए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह हादसा बेहद दर्दनाक और स्तब्ध कर देनेवाला है। जिस तरह यह हादया हुआ वह प्रशासन की विफलता को दिखाता है। यह पंजाब सरकार की प्रशासनिक विफलता का दिखाता है। यह भादसं की धारा 304ए के तहत लापरवाही से मौत का मामला है। भाजपा इस हादसे में मारे गए लोगों और घायल लोगों के लिए न्याय मांगती है।
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संपत पात्रा ने कहा कि पूरे मामले पर कैप्टन सरकार कोे जवाब देना चाहिए। जिस तरह यह हादसा हुआ वह बेहद चौंकने और स्तब्ध करने वाला है। इस तरह का कार्यक्रम रेलवे ट्रैक के पास हो रहा था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम तक नहीं किए गए थे। इसके साथ ही रेलवे को भी सूचित नहीं किया गया था।
हादसा स्थल जाेड़ा फाटक पर सुखबीर सिंह बादल।
सिद्धू को मंत्री पद से हटाकर गिरफ्तार किया जाए : सुखबीर
दूसरी अोर, शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल भी हादसे के शिकार हुए लाेगों का हाल जानने अमृतसर पहुंचे। वह अस्पतालों में घायल लोेगों से मिले और हादसा स्थल जाेड़ा फाटक भी गए। उन्होंने हादसे पर दुख जताया और इसमें मारे गए लोगों के प्रति शोक जताया।
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सुखबीर ने कहा कि यह अक्षम्य लापरवही का मामला है और इसे राेका जा सकता था। इस घटना को लेकर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, यह नरसंहार की तरह है। इसके लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद डॉ. नवजाेत कौर सिद्धू के हादसे के बाद वहां से चले जाने पर भी सवाल उठाए।
सुखबीर बादल ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह हादसे के दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू और उनके समर्थक पार्षद पति मिट्ठू मदान पूरी तरह दोषी हैं। पीडि़तों के बयान दर्ज कर आरोपितों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। मामले में दोषी नवजोत सिद्धू को तुरंत मंत्री पद से हटाया जाए। अगर सरकार पीडि़तों को न्याय देने में असफल रहती है तो अकाली दल पीडि़तों को न्याय दिलवाने के लिए आंदोलन करेगा।
सुखबीर ने कहा कि अकाली दल की मांग है कि मृतकों के परिवारों को एक- एक करोड़ की मुआवजा राशि और प्रत्येक मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। सुखबीर हादसे के शिकार लोगों का हाल पूछने सिविल अस्पताल, गुरु नानक देव अस्पताल के साथ घटनास्थल पर भी गए। मृतकों के परिवारों के साथ भी बातचीत की और श्री दुग्र्याणा श्मशानघाट में अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए।
आरोपितों को बचाने के लिए एफआइआर
सुखबीर ने कहा कि हैरानी की बात है कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने के लिए पीडि़तों व मृतकों के परिजनों के बयान पर नहीं, बल्कि एक पुलिस कर्मी के बयान पर एफआइआर दर्ज की है। इससे साबित होता है कि सरकार आरोपियों को बचाना चाहती है।
पुलिस ने सारे सुबूत खत्म कर दिए
सुखबीर ने कहा कि मंत्री की पत्नी बिना मंजूरी लिए प्रोग्राम में जाती हैं जो उनकी लापरवाही है। पीडि़त परिवार खुलेआम इस घटना के लिए नवजोत कौर सिद्धू और आयोजकों को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं, लेकिन पुलिस उनके बयान दर्ज नहीं कर रही है। सुबह होने के पहले ही पुलिस ने घटनास्थल पर सफाई करवा सारे सुबूतों को रेलवे ट्रैक से खत्म कर दिया है।
कई लोग अब भी लापता
सुखबीर ने कहा कि करीब 24 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। कई परिवारों के लोग उनको मिले हैं जिनके सदस्य लापता हैं, परंतु पुलिस और सरकार कोई जानकारी नहीं दे रही है। पीडि़तों ने आशंका जताई कि उनके परिवार के सदस्यों के शवों को पुलिस ने खुर्दबुर्द कर दिया है।
डॉ. सिद्धू के बयान को बताया झूठा
सुखबीर व बिक्रम मजीठिया ने डॉ. नवजोत कौर सिद्धू के उस बयान को सीसीटीवी कैमरों की फुटेज दिखाकर झूठा साबित कर दिया जिसमें नवजोत ने कहा था कि घटना उनके कार्यक्रम से जाने के बाद हुई है। मजीठिया के अनुसार नवजोत कौर 6.30 बजे पंडाल में आईं, 6.46 बजे स्पीच शुरू की। 6.53 बजे रावण दहन हुआ, 6 बजकर 53 मिनट और 36 सेकेंड पर ट्रेन वहां से गुजरी। चीख-पुकार मच जाने के बाद 6.57 बजे नवजोत कौर वहां से भाग गईं।