जागरण टीम, जालंधर: पंजाब में अजनाला थाने पर हमले के आरोपित खालिस्तान समर्थक एवं अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ पुलिस ने बड़ा आपरेशन चलाया है। पुलिस ने उसके 13 साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें सात को जालंधर एवं छह को अमृतसर से पकड़ा गया है। जालंधर में अलग-अलग जगह से पकड़े गए आरोपितों से 315 बोर की एक राइफल, 12 बोर की सात बंदूकें, एक रिवाल्वर और 373 कारतूस बरामद किए गए हैं।
देर रात्रि पुलिस ने अमृतपाल की कर दी घेराबंदी
देर रात्रि तक पुलिस ने जालंधर से लगभग 33 किलोमीटर दूर सरींह गांव में अमृतपाल की घेराबंदी कर दी है। सूत्रों के अनुसार पुलिस द्वारा पीछा करने पर अमृतपाल अपनी गाड़ी छोड़ आटो से गांव सरींह पहुंचा। रविवार सुबह तक उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। अजनाला थाने पर हमले के मामले में पुलिस ने 24 फरवरी को अमृतपाल सहित ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद यह कार्रवाई की है। इस संगठन से जुड़े लोगों के खिलाफ अशांति फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस पर हमले आदि के आरोप में चार अलग-अलग केस दर्ज हैं।
हालांकि इसमें सदस्यों के नाम स्पष्ट नहीं हैं। पुलिस के अनुसार इस मामले में इससे पहले 78 अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इससे पहले, अमृतपाल व उसके 25 साथियों पर पहली एफआइआर 16 फरवरी को चमकौर साहिब के युवक की शिकायत पर थाना अजनाला में मारपीट व अपहरण मामले में दर्ज की गई थी। वहीं राज्य में माहौल बिगड़ने की आशंका को देखते हुए अर्धसैनिक बल तैनात करने के साथ ही रविवार 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
अमृतपाल के गांव को पुलिस ने किया सील
अमृतपाल के पैतृक गांव अमृतसर स्थित जल्लूपुर खेड़ा को सील करके यहां पुलिस और अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां तैनात कर दी गई हैं। अमृतपाल के स्वजनों सहित करीब 24 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने के अलावा उसके घर और उस डेरे में तलाशी ली गई है, जहां वह रहता है। उधर, अमृतपाल समर्थकों ने मोहाली में रोष व्यक्त किया जबकि कुछ सिख संगठनों ने बरनाला के भदौड़ में हाईवे पर जाम किया। इससे पहले शनिवार को अर्धसैनिक बलों के साथ पुलिस के 1200 जवानों की टीम ने जालंधर के शाहकोट के पास से इन लोगों को 20 किमी पीछा करके महितपुर से हिरासत में लिया।
शनिवार सुबह मोगा से शाहकोट तक नाकेबंदी की गई थी। सुबह 11:27 बजे अमृतपाल शाहकोट के टोल प्लाजा से निकला था। मोगा में नाकाबंदी देख काफिले के साथ शाहकोट की तरफ भागा। वहां बाजवा कलां गांव के पास नाका देख लिंक रोड की तरफ भगा लिया। चूहे-बिल्ली का यह खेल करीब दो घंटे जारी रहा। करीब 12 बजे महितपुर में दो एंडेवर कारें जैसे ही दोआबा अस्पताल के पास बाजार में पहुंचीं पुलिस ने घेर लिया। अमृतपाल के साथी गाड़ियों से उतरकर भागने लगे।
पांच को पुलिस ने धर दबोचा। एक को पास की कोठी के बाथरूम से हिरासत में लिया। वहीं, अमृतसर के खलचियां थाने की पुलिस ने अमृतपाल के छह साथियों को हथियारों के साथ देर रात पकड़ा। एलिवेटेड रोड पर आठ निहंगों को हिरासत में लिया गया है।
काफिले संग भागता रहा
अमृतपाल के भागते समय उसके समर्थकों ने गाड़ियों के अंदर वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों से अपील करनी शुरू कर दी कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में शाहकोट पहुंचें। यह जैसे ही इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने शुरू हुए पुलिस ने इंटरनेट सेवाएं बंद करवा दीं। एक कार में अमृतपाल था और उसका साथी वीडियो बना रहा था, जिसमें दिखाया गया कि कैसे पुलिस से डर कर वह भाग रहा है।
देने लगा था पुलिस को चुनौती
जल्लूपुर खेड़ा में 1993 में जन्मा अमृतपाल 12वीं की पढ़ाई के बाद 2012 में दुबई चला गया था। वह वहां ट्रक चलाता था। वह सितंबर 2022 में वापस आया और उसे दीप सिद्धू की मौत के बाद उसके संगठन वारिस पंजाब दे का प्रमुख बना दिया गया। वह हर संवेदनशील मुद्दे पर उकसाने वाली शैली में अलगाववाद को हवा देते हुए अमृतपाल केवल ‘जंग’, ‘खालिस्तान’, ‘आजादी’, ‘कुर्बानी’ और ‘मरजीवड़े’ (आत्मघाती दस्ते) की बातें करता रहा है। वह पुलिस और अदालतों पर निर्भर न होकर पंथ के दोषियों को ‘अपने दम पर दंडित’ करने का खुलेआम आह्वान भी करता रहा है।
आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाई जा सकती है पाबंदी
पंजाब में रविवार दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा की ओर से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि समाज के कुछ वर्गों की ओर से हिंसा और सांप्रदायिक तनाव भड़काने, कानून में बाधा डालने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया जा सकता है। इसलिए यह सेवाएं बंद की जा रही हैं। जरूरत पड़ने पर यह सेवाएं बंद रखने का समय बढ़ाया भी जा सकता है।
लोग शांति बनाए रखें: एडीजीपी
एडीजीपी (ला एंड आर्डर) अर्पित शुक्ला ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। शुक्ला ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। अलग-अलग जिलों में विशेष नाकेबंदी की गई है। इसका उद्देश्य नागरिकों को परेशान करना नहीं है, कानून व्यवस्था बनाए रखना है।