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APMC Act में संशोधन: कांग्रेस पर ऑल पार्टी मीटिंग का दबाव बढ़ा, विभाग ने शुरू की तैयारी

APMC Act में संशोधन के खिलाफ पंजाब की कांग्रेस सरकार पर ऑल पार्टी मीटिंग बुलाने का दबाव बढ़ता जा रहा है। विभाग ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 11:12 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 11:12 AM (IST)
APMC Act में संशोधन: कांग्रेस पर ऑल पार्टी मीटिंग का दबाव बढ़ा, विभाग ने शुरू की तैयारी
APMC Act में संशोधन: कांग्रेस पर ऑल पार्टी मीटिंग का दबाव बढ़ा, विभाग ने शुरू की तैयारी

जेएनएन, चंडीगढ़। केंद्र सरकार की ओर से एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) एक्ट में संशोधन के खिलाफ पंजाब की कांग्रेस सरकार पर ऑल पार्टी मीटिंग बुलाने का दबाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि, सरकार की ओर से अभी ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है, लेकिन खेतीबाड़ी विभाग ने इन ऑर्डिनेंस के खिलाफ अपना मत तैयार करना शुरू कर दिया है। वहीं, शिरोमणि अकाली दल ने 2017 में कांग्रेस सरकार के समय एपीएमसी एक्ट में किए गए संशोधन को लेकर लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देने की भी तैयारी शुरू कर दी है।

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विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि हमारी ओर से पूरी तैयारी है । अगर सरकार ने विपक्षी पार्टियों की मांग पर सर्वदलीय मीटिंग बुलाई तो इन अध्यादेश को लेकर सरकार का क्या मत है व राज्यों तथा किसानों को इसका क्या नुकसान हो सकता है, इसकी पूरी जानकारी मुहैया करवा दी जाएगी। मंडी बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि शिअद के प्रधान सुखबीर बादल सरकार पर 2017 में तीन संशोधन करने के जो आरोप लगा रहे हैं, उनका हाल ही में जारी किए गए ऑर्डिनेंस से कोई लेना देना नहीं है।

2017 में एपीएमसी एक्ट 1961 में संशोधन करके प्राइवेट कंपनियों को इस बात की अनुमति दी गई थी कि वे अपनी मंडियां स्थापित कर सकते हैं। प्राइवेट मंडियों में भी जो सामान बिकना था, उससे कंपनी को मिलने वाले रेवेन्यू का हिस्सा पंजाब सरकार को भी मिलना था। लाइसेंस भी कंपनियों को पंजाब सरकार से ही लेना था। संशोधन के बावजूद एक भी प्राइवेट कंपनी, व्यापारी ने प्राइवेट मंडी के लिए अप्लाई नहीं किया है।

केंद्र सरकार ने अब जो अध्यादेश जारी किए हैं, उससे खेती और मंडीकरण पर बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है। केंद्र ने मंडी से बाहर के एरिया को ट्रेड एरिया घोषित कर दिया है, जहां बिकने वाले सामान पर कोई टैक्स, मंडी फीस आदि देने की जरूरत नहीं है। अगर किसान व खरीदार में कोई विवाद छिड़ जाता है तो उसे एसडीएम व अंत में डीसी के पास लेकर जाया जा सकता है।

जाखड़ कैप्टन के खिलाफ शुरू करें जन आंदोलन

शिअद ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ से कहा है कि वे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ जन आंदोलन करें, जिन्होने 2017 में एपीएमसी एक्ट में संशोधन किया था। वह किसानों को मूर्ख बनाने का प्रयास न करें। वह इस तथ्य को को क्यों छिपा रहे हैं कि कांग्रेस सरकार ने अगस्त 2017 में संशोधन कर प्राइवेट यार्ड, ई-ट्रेडिंग व डायरेक्ट मंडीकरण की अनुमति दी थी। डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि जाखड़ को यह बताना चाहिए कि उनकी सरकार में किया गया संशोधन सही है या गलत। यदि उन्हें लगता है कि यह एक किसान विरोधी कदम था तो उन्हें चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास के सामने जन आंदोलन शुरू करना चाहिए।

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