कालका-शिमला ट्रैक पर दौड़ने वाली ट्रेनों से रेलवे मालामाल, तीन महीने में कमाए 3.20 करोड़ रुपये
कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक पर दौड़ने वाली ट्रेनों में इन दिनों खूब भीड़ उमड़ रही है। आलम यह है कि पर्यटकों को टिकट तक नहीं मिल रही है। उन्हें लंबी वेटिंग लिस्ट का इंतजार करना पड़ रहा है ।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हर जगह सन्नाटा था, जैसे सब कुछ रुक गया। आसमान में जहाज नहीं, पटरी पर ट्रेन नहीं और सड़कें भी खाली थीं। जी हां, कोरोना काल में सब की दिनचर्या बदल गई। इसका असर पहाड़ों की रानी के नाम से विख्यात कालका-शिमला रेलवे सेक्शन पर भी पड़ा। हेरिटेज शिमला-कालका ट्रैक पर टॉय ट्रेन का सफर करने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी पर्यटक आते हैं, वहां पिछले साल पीक सीजन में भी कोरोना का असर देखने को मिला। सन्नाटे के चलते यात्रियों की संख्या 33 प्रतिशत तक गिर गई थी, जिसका सीधा असर आमदनी पर पड़ा। अब 2022 में इस सेक्शन पर रौनक लौट आई है।
तीन माह में ही अंबाला रेल मंडल ने करीब तीन करोड़ 20 लाख से अधिक रुपये की कमाई की है। आलम यह है कि इस हेरिटेज ट्रैक पर चलने वाली टॉय ट्रेन से सैर सपाटे के लिए जाने वाले यात्रियों को टिकट कंफर्म के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। मौजूदा समय में बारह ट्रेन अप एंड डाउन में चल रही है, जबकि एक रेल मोटर कार सेक्शन में दौड़ रही है।
कालका-शिमला की हसीन वादियों, बर्फ से ढके पहाड़ों का नजारा देखने के लिए अब पर्यटकों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इस सेक्शन में अब कंफर्म टिकट मिलना तक मुश्किल हो गया है। यात्रियों को वेटिंग टिकट मिल रहा है। पिछले तीन माह की में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जनवरी 2022 में 34 हजार 95 यात्रियों से 72 लाख 58 हजार 776 रुपये कमाई की गई। इसी फरवरी में 44 हजार 797 यात्रियों से एक करोड़ 16 लाख 94 हजार 370 रुपये कमाई और मार्च में 46 हजार 712 यात्रियों से एक करोड़ 32 लाख 83 हजार 942 रुपये की कमाई की गई। अब ग्राफ और बढ़ गया है। सीनियर डीसीएम हरिमोहन ने कहा कि यात्रियों की संख्या पहले से बढ़ रही है जिस कारण आमदनी पिछले साल से अधिक हुई है।
1927 में अंग्रेजों ने शुरू की थी रेल कार
कालका-शिमला रेलमार्ग पर जहां ट्रेन 103 सुरंगों से गुजरती हैं, वहीं 869 पुल इसका रोमांच बढ़ा देते हैं। यही नहीं इस रेलमार्ग पर 900 ऐसे तीव्र मोड़ हैं, जो यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यह रेल ट्रैक नौ नवंबर 1903 में शुरु हुआ था, जिस पर आज भी सफर जारी है। 7000 फीट समुद्र तट की ऊंचाई वाले मशहूर पर्यटन स्थल शिमला है, जबकि इसके मार्ग पर 18 रेलवे स्टेशन हैं। इसी रेल सेक्शन पर सन 1927 में अंग्रेजों ने रेल कार शुरू की थी। यह रेल लाइन 1898 से 1903 के बीच बिछाई गई थी। इसे विश्व धरोहर का दर्जा अगस्त 2007 में मिला था।
इस तरह गिरा था पर्यटकों का ग्राफ
कालका-शिमला विश्व धरोहर रेलवे ट्रैक पर ट्रेन का आनंद उठाने वाले पर्यटकों का ग्राफ कोरोना काल में करीब 33 फीसद तक गिर गया है। एक नवंबर 2019 से 28 फरवरी 2020 और फिर एक नवंबर 2020 से 28 फरवरी 2021 का आकलन किया गया, तो पर्यटकों की संख्या कम होने के कारण आमदनी पर भी इसका असर नजर आया। इन तीन माह की तुलना में करीब 35 फीसद पर्यटकों की संख्या कम रही है। कोरोना से पहले इस सीजन में जहां एक करोड़ 72 लाख 13 हजार 667 रुपये तीन माह की कमाई थी, वहीं यह कमाई 1 करोड़ 58 लाख 84 हजार 220 रुपये रह गई थी।