सतिंदर सरताज बाेले-शौक के लिए कर रहा हूं अभिनय, सुक्खा काहलवां पर बनी फिल्म पर कही यह बात
मैं कैसा अभिनेता हूं किस तरह अभिनय कर रहा हूं इन बातों पर गौर नहीं करता। जो किरदार मिलता है उसके बारे में जानने की कोशिश करता हूं। यह बात सतिंदर सरताज ने कही।
चंडीगढ़, जेएनएन। मैं कैसा अभिनेता हूं, किस तरह अभिनय कर रहा हूं, इन बातों पर गौर नहीं करता। जो किरदार मिलता है, उसके बारे में जानने की कोशिश करता हूं। इसके बाद वो कैसे चलता होगा या कैसे बोलता होगा, इस पर गौर करता हूं। बस इसी को अपने अंदाज में पेश करता हूं।
दरअसल, मैं एक्टिंग करने की कोशिश ही नहीं करता। गायक सतिंदर सरताज कुछ इन्हीं शब्दों में अपनी पहली पंजाबी फिल्म इक्को मिक्के पर बात करते हैं। शुक्रवार को वह एलांते मॉल, इंडस्ट्रियल एरिया में फिल्म पर बात करने पहुंचे।
92 फिल्म रिजेक्ट कर इस स्क्रिप्ट को चुना
सरताज ने कहा कि मुझे फिल्म शौक के रूप में पसंद है। इसलिए बहुत कम ही इसे करता हूं। द ब्लैक ¨प्रस अंग्रेजी थी जिसे हिंदी और पंजाबी में डब किया गया। इसके बाद मेरे पास कुल 92 स्क्रिप्ट आई। जिन्हें मैंने रिजेक्ट किया। इसके बाद मुझे इक्को-मिक्के की स्क्रिप्ट मिली। इसे पंकज वर्मा ने लिखा।
मगर फिल्म करने के लिए मैं पंकज के साथ थोड़ा समय बिताना चाहता था। ऐसे में मासूमियत गीत के दौरान, उसे वीडियो डायरेक्ट करने को कहा। इसके बाद हमारे विचार मिले और हमने फिल्म पर काम किया। फिल्म की स्क्रिप्ट मुझे बहुत पसंद आई जिसमें पति और पत्नी की आत्मा एक-दूसरे से बदल जाती है।
फिल्म बनाना ही एक अच्छा प्रयास
फिल्म में सरताज पति के शरीर में एक पत्नी की आत्मा जी रहे हैं, क्या किरदार ने उन्हें और बेहतर पति बनने में मदद की? इस पर सरताज ने कहा कि ये फिल्म हमने की और इसके बारे में सोचा यही एक अच्छा प्रयास है। इसका मतलब हम पहले से ही अच्छे हैं। ऐसे विचारों पर आपने फिल्म कितनी देखी हैं जहां पुरुष महिला की नजर से देखता हो। ऐसे में अपने इस प्रयास को मैं बहुत अच्छा मानता हूं।
सामाजिक जिम्मेदारी भी कलाकाराें को लेनी चाहिए
हाल ही में गैंगस्टर सुक्खा काहलवां पर बनी फिल्म शूटर पर बैन के सवाल पर सतिंदर ने कहा कि पंजाबी लोग अपने को बहुत मानते हैं। हमारे यहां से कोई भी लड़का विश्व के किसी भी स्तर पर काम करता है, तो सब उसे प्रोत्साहित करते हैं। ऐसे में एक गैंगस्टर की छवि को सिनेमा में दिखाकर हम शायद युवा पीढ़ी को भी इसी ओर भेजने का संदेश दे रहे हैं। ऐसे में मेरे अनुसार प्रोड्यूसर ने जो पैसा लगाया है, वो तो कभी भी कमाया जा सकता है मगर जीवन एक ही बार मिला है और इसे अच्छे कामों को करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। हालांकि मैं फ्रीडम ऑफ स्पीच के खिलाफ नहीं हूं मगर कलाकार की सामाजिक जिम्मेदारी भी बनती है कि वो समाज को बेहतर बनाए।
सिडनी ओपेरा हाउस में गाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे
सरताज ने कहा कि वह अगले महीने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी ओपेरा हाउस में प्रस्तुति देंगे। बोले कि स्वर्गीय जगजीत सिंह के बाद दूसरे भारतीय होंगे जो यहां प्रस्तुति देंगे। बोले कि ये मेरे लिए फख्र की बात है। इसके अलावा मुझे दोबारा मौका मिल रहा है कि मैं लंदन के प्रतिष्ठित रॉयल अलबर्ट हॉल में प्रस्तुति दूं जिसके लिए मैं कुछ ही दिनों में वहां जाउंगा।