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चंडीगढ़ में मार्च में होगा आल इंडिया भास्कर राव नृत्य और संगीत सम्मेलन, देश-विदेश से जुटेंगे कला और संगीत प्रेमी

प्राचीन कला केंद्र सेक्टर-35 के संस्थापक एमएल कौसर और सोभा कौसर ने 1970 में आल इंडिया भास्कर राव नृत्य और संगीत सम्मेलन की शुरुआत की थी। साल 2020 में इसे 50 साल हो गए हैं। ऐसे में अब मार्च 2021 में सम्मेलन का आयोजन होगा।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Sat, 19 Dec 2020 12:51 PM (IST)Updated: Sat, 19 Dec 2020 12:51 PM (IST)
चंडीगढ़ में मार्च में होगा आल इंडिया भास्कर राव नृत्य और संगीत सम्मेलन, देश-विदेश से जुटेंगे कला और संगीत प्रेमी
राचीन कला केंद्र सेक्टर-35 के संस्थापक एमएल कौसर और सोभा कौसर।

चंडीगढ़, जेएनएन। भारतीय संस्कृति बहुत अमीर है। इसे संभालकर रखने के लिए विभिन्न प्रयास भी हो रहे हैं, लेकिन शहर के एमएल कौसर और सोभा कौसर का प्रयास आल इंडिया भास्कर राव नृत्य और संगीत सम्मेलन (All India Bhaskar Rao Dance and Music Conference) देश की कला, संगीत (music) और संस्कृति प्रेमियों को एक मंच पर खड़ा करता है। यह उत्तर भारत का पहला संगीत सम्मेलन (Music Conference) था जहां पर संगीत और वाद्य यंत्रों के साथ शास्त्रीय नृत्य को भी जगह मिली थी।

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इसे वर्ष 1970 के करीब प्राचीन कला केंद्र सेक्टर-35 के संस्थापक एमएल कौसर और सोभा कौसर ने शुरू किया था। दोनों ही संगीत की दुनिया से जुड़े कलाकार थे। एमएल कौसर का शिव तांडव देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। क्योंकि उन जैसा शिव तांडव भगवान शिव के साक्षात दर्शन कराता था, हालांकि एमएल कौसर देश के हर शास्त्रीय नृत्य के माहिर थे, जिसके चलते वह पूरे भारत में अकेले गुरु थे जो कि शिष्यों को शास्त्रीय नृत्य की शिक्षा भी देते थे।

शास्त्रीय नृत्य को करना चाहते थे प्रमोट

भारत में शास्त्रीय संगीत काे प्रमोट करने के अनेक मंच हैं। वर्ष 1970 तक उत्तर भारत में जालंधर में हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन एकमात्र संगीत सम्मेलन था जहां पर भारतीय शास्त्रीय संगीत को एक मंच पर पेश किया जाता था। लेकिन वहां पर सिर्फ संगीत और वाद्य यंत्रों की धुनों का ही मंचन होता था। उस समय एमएल कौसर ने निर्णय लिया कि उत्तर भारत में ऐसे सम्मेलन की शुरुआत की जाए जहां पर संगीत, वाद्य यंत्रों के साथ भारतीय शास्त्रीय नृत्य को भी पेश किया जाए। उसी सोच को पूरा करने के लिए आल इंडिया भास्कर राव नृत्य और संगीत सम्मेलन की शुरुआत हुई और पूरे देश के कलाकार सम्मेलन में शामिल होना शुरू हुए।

तीन से सात दिनों तक होता है सम्मेलन

आल इंडिया भास्कर राव नृत्य और संगीत सम्मेलन दो दिनों से शुरू हुआ था लेकिन आज के समय में यह सम्मेलन से तीन से सात दिनों तक चलता है। जिसमें अब तक देश के 90 प्रतिशत से ज्यादा शास्त्रीय संगीत के कलाकार भाग ले चुके हैं।

इस साल कोरोना के कारण टाल दिया गया था सम्मेलन

मार्च 2020 में आल इंडिया भास्कर राव और संगीत सम्मेलन के 50 साल पूरे हो रहे थे। सम्मेलन की गोल्डन जुबली मनाने की तैयारियां भी पूरी हो चुकी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया। ऐसे में अभी प्राचीन कला केंद्र सेक्टर-35 मैनेजमेंट का प्रयास है कि सम्मेलन का आयोजन मार्च 2021 में किया जाए। प्राचीन कला केंद्र के सेक्रेटरी सजल कौसर ने बताया कि हम सम्मेलन को करना चाहते हैं लेकिन कोरोना महामारी से कोई समझौता नहीं होगा। यदि कोरोना संक्रमण कंट्रोल में आता है तो ही सम्मेलन का आयोजन मार्च 2021 में किया जाएगा।


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