इंग्लैंड में रेफरेंडम 2020 को लेकर पंजाब में अलर्ट, अमृतसर सहित सभी शहरों में कड़ी सुरक्षा
इंग्लैंड में रविवार को रेफरेंडम 2020 को लेकर होने वाले प्रदर्शन के मद्देनजर पंजाब पुलिस अलर्ट हो गई है।
जेएनएन, चंडीगढ़। रेफरेंडम 2020 को लेकर आज इंग्लैंड में प्रस्तावित कट्टरपंथियों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब पुलिस ने राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है। अमृतसर सहित राज्य के सभी शहरों में पुलिस और सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इसके साथ ही वाहनों की भी कड़ी तलाशी ली जा रही है। पूरे राज्य में कट्टरपंथियों और अराजक तत्वों पर नजर रखी जा रही है। पुलिस का कहना है कि पंजाब में इसका असर नहीं है, लेकिन ऐहतियातन सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में माहौल खराब करने के अलगावदियों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होने देंगे।
अमृतसर पर खास सुरक्षा, चप्पे-चप्पे में पुलिस की नजर
गुरुनगरी अमृतसर में शनिवार से ही पुलिस ने कड़ी सुरक्षा कर दी है और सभी संवेदनशील व प्रमुख स्थानों पर पुलिस बल तैनात है। शहर में सभी मार्गों पर वाहनों की तलाशी ली जा रही है। अमृतसर के पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव का कहना है कि शहर में पुलिस चेकपोस्ट बढ़ा दिए गए हैं। अब तक मिली सूचना के अनुसार अमृतसर में रेंफरेडम 2020 को लेकर किसी तरह की गतिविधि की संभावना नहीं है। इसके बावजूद हम सतर्क और मुस्तैद हैं। शहर में कानून-व्यवस्था के खिलाफ कोई गतिविधि नहीं होने दी जाएगी।
अमृतसर में सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी देते पुलिस कमिश्नर एसएस श्रीवास्तव।
उन्होंने कहा कि रेंफरेडम 2020 को लेकर शहर में किसी तरह की गतिविधि को लेकर कोई इनपुट नहीं हैं और पुलिस सुरक्षा 15 अगस्त के मद्देनजर भी की गई है। यह सामान्य प्रक्रिया है। यह सामान्य अलर्ट व सतर्कता है, जो आम तौर पर 15 अगस्त जैसे अवसरों के आसपास बरती जाती है।
प्रदर्शन में शामिल होने वाले सिख नेताओं पर रहेगी खास नजर
डीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) हरदीप सिंह ढिल्लों ने कहा कि पंजाब में रेफरेंडम का कोई असर नहीं है। जिन जिलों से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की गई थी, वहां सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। रेफरेंडम 2020 के तहत कट्टरपंथी विदेश में बैठकर इस तरह की बातों को हवा दे रहे हैं। पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था को कोई चुनौती नहीं दे सकता।
अमृतसर में रविवार तड़के से विभिन्न मार्गों पर वाहनों की चेकिंग हो रही है।
पुलिस हेडक्वार्टर के अनुसार, प्रदर्शन में विदेश में रहे कौन-कौन से सिख नेता शामिल होते हैं और पंजाब के खिलाफ क्या बोलते हैं, उस पर नजर रखी जाएगी। साथ ही पर्दे के पीछे से कौन-कौन से लोग रेफरेंडम का समर्थन कर रहे हैं, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। इनकी वीडियो फुटेज भी मंगवाने का इंतजाम कर लिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने इस संबंध में विदेश में अपने एजेंट्स को सक्रिय कर दिया है।
इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने व पंजाब में अशांति फैलाने को लेकर रेफरेंडम 2020 की आड़ में की जा रही सियासत को लेकर सरकार भी पूरी तरह सतर्क है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी स्पष्ट कर चुके हैं पंजाब की शांति को किसी भी कीमत भंग नहीं होने दिया जाएगा। खुफिया एजेसियों ने सतर्क कर दिया था कि रेफरेंडम के सहारे पंजाब में दोबारा हालात को खराब करने के लिए पाकिस्तानी एजेंसी आइएसआइ की साजिश है।
खुफिया एजेसियों के अनुसार, आइएसआइ ने पाकिस्तानी सेना के एक बड़े अधिकारी सहित आठ अफसरों को को इस साजिश के लिए लगाया है। आइएसआइ के इशारे पर ही कट्टरपंथी सिख संगठन विदेश में रेफरेंडम 2020 बात कर रहे हैं। रविवार को इसी सिलसिले में इग्लैंड में शांति पूर्ण प्रदर्शन रखा गया है। पं
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अलगाववादियों के मंसूबे किसी कीमत पर पूरे नहीं होने देंगे: डीजीपी
उधर, डीजीपी सुरेश अरोड़ा का कहना है कि रेफरेंडम का पंजाब के लिए कोई मायने नहीं है। यह हमारे बेरोजगार और धार्मिक युवाओं को सोशल मीडिया से गुमराह करने की साजिश है। हम विदेश में बैठे खालिस्तानी व अलगाववादियों के मंसूबे किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने देंगे। ऐसा करने वाले नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें।
डीजीपी ने कहा कि सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) की नीयत में खोट है और इसके पीछे खालिस्तानी जत्थेबंदियां काम कर रही हैं। एसएफजे अपराधियों व अलगाववादियों की मदद के लिए काम करती है और आतंकवादियों को कानूनी मदद देती है। कनाडा, पुर्तगाल, थाईलैंड और हांगकांग जैसे देशों में जब भी खालिस्तानी और अलगाववादियों को गिरफ्तार किया जाता है, तो एसएफजे की यह जत्थेबंदी उन को बचाने के लिए कानूनी मदद पहुंचाती है।
केंद्र करे कार्रवाई की सिफारिश
एक सवाल के जवाब में डीजीपी अरोड़ा ने कहा कि एसएफजे की तरफ से रेफरेंडम इंग्लैंड में करवाया जा रहा है, इसलिए केंद्र सरकार को एसएफजे के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानून के अंतर्गत कार्रवाई करनी की सिफारिश करनी चाहिए। हम भी इस संबंध में कानूनी राय लेंगे।
टारगेट किलिंग से जुड़े तार
डीजीपी ने दावा किया कि पंजाब में पिछले समय दौरान हुई टारगेट किलिंग और कुछ घटनाओं के तार एसएफजे के नेताओं के साथ जुड़े हैं। इसलिए कई लोगों को परेशानी हो सकती है।
सोशल मीडिया पर भी नजर
डीजीपी ने कहा कि विदेश में बैठीं पंजाब विरोधी ताकतों का एजेंडा हमारे पंजाब के यूथ को सोशल मीडिया से गुमराह करना है। युवा इससे गुमराह न हों। पंजाब पुलिस सोशल मीडिया पर भी नौजवानों को पंजाब विरोधी ताकतों के खिलाफ जागरूक करने के साथ तीखी नजर रख रही है।