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सेक्टर-50, 39 और 17 में एयर पॉल्यूशन सबसे ज्यादा, ये है मुख्य कारण

सेक्टर-50 39 और 17 में एयर पॉल्यूशन सबसे ज्यादा है। अगर उस सेक्टर के लोगों ने सावधानी नहीं बरती तो उन्हें सांस और अन्य एलर्जी की समस्या तेजी से होगी।

By Edited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 11:19 PM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 01:47 PM (IST)
सेक्टर-50, 39 और 17 में एयर पॉल्यूशन सबसे ज्यादा, ये है मुख्य कारण
सेक्टर-50, 39 और 17 में एयर पॉल्यूशन सबसे ज्यादा, ये है मुख्य कारण

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सेक्टर-50, 39 और 17 में एयर पॉल्यूशन सबसे ज्यादा है। वहां बढ़ रहे पॉल्यूशन लेवल का मुख्य कारण व्हीकल्स और धूल की अधिकता है। सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गेनाइजेशन की हालिया रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। अगर उस सेक्टर के लोगों ने सावधानी नहीं बरती, तो उन्हें सांस और अन्य एलर्जी की समस्या तेजी से होगी। इससे बचना है तो मास्क का प्रयोग करना होगा, ताकि हवा के प्रदूषित कण कम से कम मात्रा में फेफड़े तक पहुंचे। यह बातें पीजीआइ के पूर्व पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सुरिंदर कुमार जिंदल ने व‌र्ल्ड एलर्जी वीक 7-13 अप्रैल के संदर्भ में दी। उन्होंने बताया कि एलर्जी का कारण कुछ भी हो सकता है। बहुत से मरीजों में जेनेटिक कारण जिम्मेदार होते हैं, किसी में वातावरण का असर पड़ता है। ऐसी स्थिति में खुद को लेकर सचेत रहने की जरूरत है।

ग्रीनरी की अधिकता भी बढ़ाती है एलर्जी
आमतौर पर ग्रीन एरिया को हेल्दी एरिया माना जाता है, लेकिन वहां एलर्जी का खतरा सबसे ज्यादा होता है। डॉ. जिंदल ने बताया कि उस क्षेत्र में सबसे ज्यादा पॉलिम्स पाए जाते हैं, जो एलर्जी का सबसे बड़ा कारण है। इसलिए वहां के लोगों को खांसी-सर्दी, जुकाम, स्किन एलर्जी और सांस की समस्या ज्यादा होती है। ऐसे क्षेत्र के लोगों को एलर्जी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि इलाज में देरी से एलर्जी और गंभीर होती जाती है। जिसे एक समय के बाद इलाज से भी रोकना मुश्किल होता है।

देश के 60 प्रतिशत घरों की हवा प्रदूषित
डॉ. जिंदल ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की हालिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि देश के 60 प्रतिशत घरों की हवा प्रदूषित है। इसका मुख्य कारण अब भी उन घरों में अंगीठी और उपले के प्रयोग से भोजन बनाया जाना है। डॉ. जिंदल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उज्जवला योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे स्तर के जिन लोगों को एलपीजी दी गई है, वे महंगाई के कारण उसका प्रयोग नहीं कर रहे। सिलेंडर और चूल्हा उनके घरों में शोपीस बनकर पड़ा है। जिसके कारण अंगीठी व अन्य ऐसे उपायों के प्रयोग से उनके घर की हवा में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। घर की हवा ही घर के सदस्यों को बीमार कर रही है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हो रहे हैं।

 

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