पटाखे कम जले लेकिन प्रदूषण का स्तर बढ़ा, एयर क्वालिटी इंडेक्स में इतना ज्यादा हुआ इजाफा...
चंडीगढ़ में दिवाली में पटाखे फोड़े जाने के बाद हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। बुधवार रात एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बढ़कर 300 के पार हो गया। एक सप्ताह पहले यह 150 तक था।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़ ः सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर और प्रशासन की सख्ती को देखते हुए इस बार चंडीगढ़ में पटाखे कम जलाए गए। रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे जलाने की मंजूरी थी। इन्हीं दो घंटों में सबसे ज्यादा पटाखे जलाए गए। 10 बजे के बाद शोर कुछ कम हो गया। हालांकि पटाखे जलने से शहर की हवा खराब हो गई। हवा में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया।
एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बढ़कर 300 के पार हो गया। सप्ताह पहले यह 150 तक था। जो मॉडरेट स्थिति होती है। लेकिन 300-400 एक्यूआई को खराब माना जाता है। यह सांस के रोगियों और बीमार लोगों के साथ सीनियर सिटीजंस के लिए भी काफी नुकसान दायक होती है। दिल्ली एनसीआर में स्थिति इससे कहीं ज्यादा बदतर है। वहां तो एक्यूआई लेवल 500 को पार कर चुका है।
अगले कुछ दिनों तक हवा में प्रदूषण का स्तर बना रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे वातावरण में अधिकतर समय घर में बिताना चाहिए। जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलना चाहिए। एक्सरसाइज, वॉक और शारीरिक गतिविधियां कम से कम करनी चाहिए। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सीपीसीसी) ने दिवाली और उससे पहले के प्रदूषण का स्तर पता करने के लिए शहर में 10 से अधिक जगहों पर मॉनीटरिंग की है। इन सभी जगहों पर दिवाली से सप्ताह पहले और दिवाली वाले दिन की मॉनीटरिंग की है। इस तुलना से यह भी स्पष्ट हुआ है कि पटाखों से चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर कितना प्रभावित हुआ है।
दस बजे के बाद पटाखे फोड़ने पर 38 के चालान
गत रात पटाखे फोड़ने को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों का पालन न करने वाले 38 लोगों के चंडीगढ़ पुलिस ने काटे चलान। इनमें से 20 चलान रात 10 बजे के बाद पटाखे चलाने वालों के काटे गए हैं। ऐसे सबसे ज़्यादा मामले ईस्ट डिवीज़न में सामने आए।