Punjab VIP Security Case: हिंदू अल्पसंख्यक को जान के खतरे की बात पर एजी पंजाब बोले- मैं भी हिंदू, ऐसी दलील न दें
Punjab VIP Security Case पंजाब में वीआइपीज की सुरक्षा मामले में दायर याचिकाओं पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने सरकार से कहा जितने भी आदेश दिए हैं उनकी पूरी जानकारी दी जाए। मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में 424 वीआइपी की सुरक्षा कम करने के खिलाफ दो दर्जन से अधिक याचिकाओं पर सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
बहस के दौरान पूर्व उप मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता ओपी सोनी के वकील ने कहा कि सोनी हिंदू हैं और उनकी जान को ज्यादा खतरा है, इसलिए उनकी सुरक्षा में बढ़ोतरी की जाए। सोनी के वकील की इस तरह दलील पर पंजाब के एडवोकेट जनरल (एजी) विनोद घई ने कहा कि इस तरह की दलील करना उचित नहीं है, क्योंकि वह खुद हिंदू हैं और ऐसी दलील के आधार पर सुरक्षा मांगना उचित नहीं है।
जस्टिस राज मोहन सिंह ने सुनवाई के दौरान सरकार को कहा कि इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है, जो हो चुका है, उसे कैसे ठीक किया जा सकता है। इस पर पंजाब सरकार ने कहा कि जिनकी पूरी सुरक्षा वापस ली जा चुकी है, उन्हें अगले आदेशों तक एक सुरक्षाकर्मी दिए जाने के आदेश अभी जारी रखे जा सकते हैं। सरकार इन सभी की सुरक्षा को रिव्यू करने को तैयार है।
कोर्ट ने कहा कि सुरक्षा के मसले को लेकर जितने भी आदेश सरकार ने अभी तक दिए हैं, उनकी पूरी जानकारी दी जाए। पंजाब के एजी विनोद घई ने कहा, सरकार सभी की सुरक्षा के लिए गंभीर है। बहस के दौरान पूर्व डिप्टी सीएम ओपी सोनी की वकील ने कहा, की पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा के पास 38 सुरक्षाकर्मी हैं, जबकि सोनी के पास केवल 18 कर्मी हैं।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिए थे सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश
पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने सरकार को कहा था कि जिनकी पूरी सुरक्षा वापस ली जा चुकी है और जिन्हें धमकियां मिल रही हैं, उनकी सुरक्षा पर सरकार को गौर करना चाहिए। सबकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी, पूर्व विधायक बलबीर सिंह सिद्धू, गुरचरण सिंह बोपाराय, सुखविंदर सिंह, कृष्ण कुमार, देश राज दुग्गा, सोहन सिंह ठंडल, मोहिंदर कौर जोश समेत दो दर्जन से अधिक नेताओं ने अपनी सुरक्षा बढ़ाने या बहाल किए जाने की मांग को लेकर याचिकाएं दायर की थीं।