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Sidhu Moose Wala Murder: सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब में 424 वीवीआइपी की सुरक्षा होगी बहाल

पंजाब में 424 वीवीआइपी की सुरक्षा 7 जून तक बहाल कर दी जाएगी। पंजाब सरकार ने यह जानकारी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दी। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद राज्य सरकार वीवीआइपी सुरक्षा के मुद्दे पर घिर गई थी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 02 Jun 2022 04:22 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jun 2022 08:25 PM (IST)
Sidhu Moose Wala Murder: सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब में 424 वीवीआइपी की सुरक्षा होगी बहाल
पंजाब में वीवीआइपी की सुरक्षा बहाल। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। प्रख्यात पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब सरकार सतर्क हो गई है।पंजाब सरकार ने 424 से अधिक लोगों की जो सुरक्षा वापस ली थी वह उन्हें सात जून तक दोबारा उपलब्ध करवा दी जाएगी। यह जानकारी पंजाब सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दी। 

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सुनवाई के दौरान पंजाब के वकील ने कहा कि सुरक्षा वापस लेना अस्थायी था। यह फैसला आपरेशन ब्लूस्टार दिवस व घल्लूघारा दिवस को ध्यान में रखते हुए किया गया था। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फटकार के बाद पंजाब सरकार ने बैकफुट पर आते हुए यह जानकारी दी।

इसके साथ पंजाब सरकार ने सुरक्षा में कटौती के लिए बनाए गए आधार को लेकर एक सीलबंद रिपोर्ट पेश की। पंजाब सरकार ने कहा कि दो दिन जवाब दाखिल करने के लिए बेहद कम हैं। ऐसे में उन्हें और समय दिया जाए। इसके बाद हाई कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी।

हाई कोर्ट को बताया कि छह जून को घल्लूघारा दिवस के चलते यह सुरक्षा वापस ली गई थी। अब सात जून से पुरानी सुरक्षा बहाल कर दी जाएगी, जहां तक इस सूची के सार्वजनिक होने का मामला है, उसकी जांच की जा रही है। वीरवार को पंजाब सरकार की तरफ से हाई कोर्ट को यह जानकारी दी गई।

सूची के लीक होने पर हाई कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था इसकी जांच बेहद जरूरी है। वहीं इन 424 वीआइपी जिनकी सुरक्षा वापस ली गई थी वह किस आधार पर ली गई उसकी जानकारी पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार सीलबंद लिफाफे में हाई कोर्ट को सौंप दी है।

सरकार ने बताया है कि यह सुरक्षा अस्थाई तौर पर घल्लूघारा दिवस के चलते ही कुछ समय के लिए वापस ली गई थी। यह पूरी सुरक्षा सात जून से दोबारा बहाल कर दी जाएगी। इस पर कई अन्य वीआइपी भी अब अपनी सुरक्षा वापस लिए जाने के खिलाफ याचिकाएं दायर कर रहे हैं। इस पर पंजाब सरकार ने कहा कि अगर किसी को अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत है तो वह अपने खर्च पर सुरक्षाकर्मी ले सकता है। एक सुरक्षाकर्मी पर 67 हजार के करीब खर्च आता है, यह खर्च उठाएं और अतिरिक्त सुरक्षा ले सकते हैं।

बता दें, पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ओपी सोनी ने अपनी सुरक्षा बहाल करने की मांग को लेकर दायर याचिका में बताया है कि पंजाब में आतंकवाद के दौरान उनके द्वारा ही भारत-पाक सीमा पर तारबंदी की गई थी, उन पर दो बार आतंकी हमला हो चुका है, जिसमे वे बाल-बाल बचे थे। उन पर खतरे का आकलन कर पंजाब सरकार ने उन्हें जेड कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की गई थी, जिसे अब कम कर दिया गया है।

वीरवार को पूर्व विधायक बलबीर सिंह सिद्धू, गुरचरण सिंह बोपाराय, सुखविंदर सिंह, कृष्ण कुमार, देश राज दुग्गा ने भी अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर याचिकाएं दायर कर दी है। इनसे पहले परमिंदर सिंह पिंकी और कुलबीर सिंह जीरा याचिकाएं दायर कर चुके हैं। हाई कोर्ट ने वीरवार को बिना को अन्य निर्देश जारी किए सुनवाई 22 जुलाई तक स्थगित कर दी है।

कुछ वीआइपी ने जताई आपत्ति

वीरवार को ओपी सोनी के साथ ही कई अन्य वीआइपी की सुरक्षा में कटौती के मामले की भी सुनवाई साथ हो रही थी। इस दौरान कुछ वीआइपी द्वारा कहा गया कि उनकी जान को बेहद खतरा है और ऐसे में तत्काल उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। हाई कोर्ट ने इस पर सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि यदि इतनी ही जल्दी सुरक्षा चाहिए तो इसके लिए भुगतान करें और पंजाब सरकार सुरक्षा मुहैया करवा देगी। इसके बाद वीआइपी लोगों को बिना कोई राहत दिए हाई कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी।

बता दें, सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद सुरक्षा का मुद्दा उछला है। हालांकि जब सिद्धू मूसेवाला पर हमला हुआ तब वह बिना सुरक्षाकर्मी के थे, जबकि उन्हें दो पुलिस कर्मचारी सुरक्षा के लिए दिए गए थे। इसके अलावा वह अपने साथ निजी सुरक्षाकर्मियों को भी नहीं ले गए थे, लेकिन राजनीतिक दल सुरक्षा वापसी के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे थे। इसी को देखते हुए सरकार ने यू टर्न लिया है।


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