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ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाकर भूल गया प्रशासन

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ शहर के ट्रांसजेंडर हित में काम करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने व

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 01:53 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 01:53 AM (IST)
ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाकर भूल गया प्रशासन
ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाकर भूल गया प्रशासन

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़

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शहर के ट्रांसजेंडर हित में काम करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने वेलफेयर बोर्ड तो बना दिया, लेकिन उसका संचालन करना भूल गया। चौदह महीने में बोर्ड की कोई भी बैठक नहीं हुई है। जिसके कारण ट्रांसजेंडर की कोई भी मांग पूरी नहीं हो पा रही है। बोर्ड में कुल चौदह सदस्य बनाए गए थे। जिसकी अध्यक्षता प्रशासन के एडीसी को दी गई थी। अध्यक्ष के अलावा एक अधिकारी पुलिस विभाग से, डायरेक्टर सोशल वेलफेयर, लॉ विभाग के अधिकारी, जीएमसीएच-32 के प्रिंसिपल, डायरेक्टर स्वास्थ्य सेवाएं और पीयू के रजिस्ट्रार इस बोर्ड के सदस्य बनाए गए थे। इसके साथ ही ट्रांसजेंडर का प्रतिनिधित्व करने के लिए ट्रांसजेंडर धनजंय चौहान व काजल मंगलमुखी को शामिल किया गया था।

शिक्षा और नौकरी की है सबसे ज्यादा जरूरत

ट्रांसजेंडर में जागरूकता आने के बाद अब शिक्षा और नौकरी की मांग करने लगे है। इस समय शहर के करीब 80 ट्रांसजेंडर स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे है। इनकी सबसे बड़ी परेशानी पैसा है। बिना पैसे के यह आठवीं के बाद पढ़ाई को जारी रखने में नाकाम हो रहे हैं। इनकी मांग है कि हमें एजुकेशन फ्री कर दी जाए ताकि हम खुद का संपूर्ण विकास कर सके। बिना पढ़ाई के इन्हें कोई नौकरी भी नहीं मिल पा रही है।

रहने की परेशानी

ट्रांसजेंडर को कोई परिवार अपने साथ नहीं रखता। ऐसे में इनके रहने के लिए शहर में विभिन्न डेरे बने हुए है। जो स्टूडेंट पढ़ाई करना चाहते है वह डेरे में नहीं रहना चाहते है। ऐसे में उन्हें कॉलेज और यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने की परमिशन चाहिए, लेकिन न तो उनके पास पैसे है और न ही हॉस्टल में रहने के लिए कोई कोटा। जिससे वह आसानी से किसी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर सके।

नहीं बन पाए पहचान पत्र

ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड के निर्माण के समय ट्रांसजेंडर काजल मंगलमुखी ने मांग की थी कि रोजाना ट्रांसजेंडरों की तरफ से भीख मांगने या फिर लोगों के घरों में घुसकर बधाई मांगने के केस सामने आते है। इन्हें रोकने के लिए पहचान पत्र बनाने की जरूरत है। यदि हर ट्रांसजेंडर के पास पहचान पत्र होगा तो वह निश्चित तौर पर गलत काम करने से डरेगा इसके साथ ही जो लोग वेश बदलकर ट्रांसजेंडर बनने का दिखावा करते है वह भी रूक जाएंगे।

कोट्स

अपनी मांगों को लेकर कई बार एडीसी सचिन राणा और सोशल वेलफेयर सेक्रेटरी बंसी लाल शर्मा से मुलाकात की है। उनसे एजुकेशन फ्री करने और आई कार्ड बनाने की मांग उठाई गई, लेकिन वह पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे में बोर्ड बनाने का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।

काजल मंगलमुखी, ट्रांसजेंडर कोट-

ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की जल्द ही बैठक कराने की सिफारिश की जाएगी। ताकि ट्रांसजेंडर की मांगों को पूरा किया जा सके।

बंसी लाल शर्मा, सेक्रेटरी सोशल वेलफेयर


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