बोटिंग के बाद सुखना पर एंटरप्रिन्योर सेंटर भी होगा शुरू; झील, पक्षियों व वन्यजीवों की मिलेगी जानकारी
सुखना लेक के रेगुलेटरी एंड पर बर्ड वॉचिंग प्वाइंट भी नवंबर में बर्ड लवर्स के लिए खोल दिया जाएगा। बर्ड लवर्स सुखना लेक के बैक साइड ट्रैक पर जाकर पक्षी देख सकेंगे। सर्दियों में सुखना लेक पर लाखों मील दूर से दुर्लभ प्रजाति के पक्षी आते हैं।
चंडीगढ़ [बलवान करिवाल]। साढ़े सात महीने बाद सुखना लेक की रौनक फिर से लौट आई है। लेक में बोटिंग शुरू हो गई है। इसके बाद अब लेक पर बाकी सभी एक्टिविटीज भी होंगी। महीनों से बंद पड़ा एंटरप्रिन्योर सेंटर फिर से खोला जाएगा। सेंटर बंद होने से पर्यटकों को निराश लौटना पड़ता था। अब वह लेक संबंधी सभी जानकारी इस सेंटर से ले सकेंगे। एंटरप्रिन्योर सेंटर में लेक किस मौसम में कैसी दिखती है, जलवायु, वाइल्डलाइफ आदि की जानकारी मिलती है। यहां पक्षियों की आवाज पहचानने के लिए भी इक्यूप्मेंट लगाया गया है। शिवालिक हिल्स में मिलने वाली वनस्पतियों की जानकारी भी दी जाती है। सुखना लेक पर आने वाला हर पर्यटक रेगुलेटरी एंड पर एंटरप्रिन्योर सेंटर जरूर देखता है। इसमें एंट्री निःशुल्क है।
बर्ड वॉचिंग प्वाइंट भी होगा शुरू
सुखना लेक के रेगुलेटरी एंड पर बर्ड वॉचिंग प्वाइंट भी नवंबर में बर्ड लवर्स के लिए खोल दिया जाएगा। बर्ड लवर्स सुखना लेक के बैक साइड ट्रैक पर जाकर पक्षी देख सकेंगे। सर्दियों में सुखना लेक पर लाखों मील दूर से दुर्लभ प्रजाति के पक्षी आते हैं। यह उन एरिया से लेक पर भोजन की तलाश में आते हैं जहां तापमान माइनस में जाने की वजह से नदी, नाले, झरने सब जम जाते हैं। चीन और रूस के साइबेरिया से पक्षी यहां आते हैं। इसी तरह अन्य दूर दराज स्थानों के पक्षी भी यहां पहुंचते हैं। वे नवंबर, दिसंबर में आने के बाद मार्च, अप्रैल तक यहां रुकते हैं। इसके बाद लौट जाते हैं। इन पक्षियों के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने सिटी फॉरेस्ट में शैलो वाटर बॉडी भी बनाई है ताकि पक्षियों को कम पानी में आसानी से भोजन उपलब्ध हो सके।
पैडल बोट पर दो और क्रूज में 15 पैसेंजर बैठ सकेंगे
लेक में बोटिंग के लिए प्रशासन ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया है। फिलहाल, पहले की तरह बोट में पूरी क्षमता से सवारी नहीं बिठाई जाएगी। अभी 50 फीसद क्षमता के साथ ही इन्हें चलाया जाएगा। पैडल चार सीट वाली बोट में दो ही पैसेंजर बोटिंग कर सकेंगे। परिवार में चार सदस्य हैं तो उन्हें दो बोट लेनी होंगी। इसी तरह बड़ी क्रूज 30 सीटर बोट में 15 पैसेंजर ही बिठाने की मंजूरी दी गई है। एक सीट छोड़कर पैसेंजर को बिठाया जाएगा। पर्यटक शिकारा बोट का आनंद भी ले सकेंगे। शिकारा बोट की क्षमता पांच सीट है। इसमें तीन पैसेंजर बैठाने की अनुमति रहेगी।
पहले जितना ही लगेगा टिकट
भले ही बोट में बैठने की क्षमता को 50 फीसद किया गया है लेकिन टिकट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। टिकट पहले जितनी लगती थी उतनी ही अब भी लगेगी। पैडल बोट में 30 मिनट के लिए 200 रुपये और इतनी ही सिक्योरिटी जमा होगी जो बाद में वापस हो जाएगी। क्रूज बोट में प्रति पैसेंजर 300 रुपये टिकट लगेगी। टिकट रेट और समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सुबह आठ बजे से ही बोटिंग शुरू हो जाएगी और शाम को सूरज छिपने तक बोटिंग की जा सकती है।
टेंपरेचर से लेकर हर डिटेल की जा रही दर्ज
कोरोना को देखते हुए एसओपी और गाइडलाइंस का पालन किया जा रहा है। सबसे पहले टेंपरेचर नोट किया जा रहा है। पर्यटक का नाम पता मोबाइल नंबर भी दर्ज किया जा रहा है। टेंपरेचर मानकों के अनुसार होने पर ही बोटिंग के लिए भेजा जा रहा है। इसके बाद टिकट काउंटर पर भी दो गज की दूरी बनाकर खड़े होना पर टिकट मिल रही है।
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