हाउसिंग स्कीम के लिए जमीन आवंटन की मंजूरी के बाद भी फ्लैट मिलने में लग जाएंगे 5 साल
सेल्फ हाउसिंग स्कीम के तहत चंडीगढ़ में जमीन आवंटन को मंजूरी के बावजूद कर्मचारियों को उनका आशियाना मिलने में अभी पांच साल तक का वक्त लग सकता है।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : कैबिनेट कमेटी ने भले ही सेल्फ हाउसिंग स्कीम के लिए जमीन आवंटन की मंजूरी दे दी हो लेकिन अभी भी कर्मचारियों के आशियाने का सपना कई सालों बाद पूरा होगा। सीएचबी को जमीन की पजेशन मिलने के बाद इसकी ड्राइंग और पूरा प्लान तैयार होने में दो साल से अधिक लग जाएंगे। ड्राइंग और प्लान तैयार होने के बाद टेंडर प्रक्रिया में छह महीने से ज्यादा वक्त लगेगा। उसके बाद कहीं जाकर कंस्ट्रक्शन की शुरुआत होगी और इसमें भी तीन साल से कम वक्त लगने वाला नहीं है। अगर कहा जाए कि कर्मचारियों को यह मकान पांच साल बाद मिलेंगे, तो गलत नहीं होगा।
बुधवार को कैबिनेट कमेटी से अप्रूवल के बाद अभी उसकी मिनट्स तैयार होनी हैं। फिर इसकी गजट नोटिफिकेशन होगी। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स आधिकारिक तौर पर यूटी प्रशासन को नोटिफिकेशन और ऑर्डर जारी करेगा। इस पूरी प्रक्रिया में महीना लग सकता है। उसके बाद ही यूटी प्रशासन चिह्नित जमीन को सीएचबी को हैंडओवर करेगा। बदले में सीएचबी को कलेक्टर रेट के हिसाब से यूटी प्रशासन को प्रति एकड़ कीमत अदा करनी होगी।
900 फ्लैटों की कंस्ट्रक्शन मार्च 2020 से होगी शुरू
इससे पहले सीएचबी ने सेक्टर-53 की 11.79 एकड़ जमीन पर 900 फ्लैट बनाने का प्लान तैयार किया है। इसकी ड्राइंग भी फाइनल हो चुकी है। इन फ्लैट्स की कंस्ट्रक्शन मार्च 2020 से शुरू होगी। यह जानकारी बोर्ड पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दे चुका है। सालभर से बोर्ड इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था। ऐसे में बाकी 61.5 एकड़ जमीन पर 3 हजार फ्लैटों को बनाने की ड्राइंग तैयार होने में काफी समय लगेगा।
61 एकड़ का बढ़ेगा एफएआर, प्रति एकड़ बनेंगे 75 फ्लैट एक एकड़ पर 55 के बजाय बनेंगे 75 फ्लैट
11 एकड़ की साइट के हिसाब से ही बढ़ेगा एफएआर
पूरी स्कीम में एक ही रेट पर फ्लैट होंगे रेट, एक जैसा होगा साइज
सीएचबी ने 2008 में यह स्कीम लांच की थी जिसके लिए 7 हजार से अधिक आवेदन आए थे। 2010 में ड्रॉ के बाद 3930 सफल आवेदक रहे थे। लेकिन सीएचबी को इनके लिए फ्लैट बनाने को जमीन ही नहीं मिल पाई। हाईकोर्ट की फटकार के बाद जो 11.79 एकड़ जमीन थी, उस पर ही फ्लैट बनाने का प्लान तैयार किया गया। जमीन कम होने से फ्लैट अधिक बनाने के लिए फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) 1.50 से बढ़ाकर 2 कर दिया गया। एफएआर बढ़ने से प्रति एकड़ 55 के बजाय 75 फ्लैट बनेंगे। प्रति एकड़ 20 फ्लैट अधिक बनेंगे। अब बाकी फ्लैट के लिए जो 61.5 एकड़ जमीन सीएचबी को मिलेगी, उस पर भी इसी प्लान के तहत ही फ्लैट बनाए जाएंगे। इतना ही नहीं, फ्लैट के रेट एक जैसे ही होंगे।
इस स्कीम के लिए सेक्टर-52, 53 और 56 में 73.3 एकड़ जमीन चिह्नित है। सेक्टर-56 में दो साइट हैं। बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि जो 11.79 एकड़ के लिए जो प्लान तैयार किया गया है। वही बाकी जमीन पर फ्लैट कंस्ट्रक्शन के लिए होगा। स्कीम एक है तो प्लान अलग नहीं हो सकता। इतना ही फ्लैट के रेट भी एक ही होंगे। मार्केट रेट यानी कलेक्टर रेट के हिसाब से यह जमीन सीएचबी को मिलेगा। जमीन की कुल कीमत और कंस्ट्रक्शन लागत को जोड़कर फाइनल रेट निर्धारित हो जाएगा।
213 स्क्वेयर मीटर का होगा 3 बेडरूम फ्लैट
सीएचबी ने 11.79 एकड़ जमीन पर 900 फ्लैट के लिए जो प्लान तैयार किया है। उसमें इकनोमिक वीकर सेक्शन (ईडब्ल्यूएस) कैटेगरी के लिए 56 स्क्वेयर मीटर कवर्ड एरिया का फ्लैट होगा। 2 बेडरूम के लिए 164 स्क्वेयर मीटर और 3 बेडरूम के लिए यह 213 स्क्वयेर मीटर का फ्लैट होगा। इसमें पांच फ्लोर की जगह छह फ्लोर होंगे।