दीपावली पर नकली घी का यह धंधा उड़ा देगा होश, जांच में भी पकड़ना मुश्किल
बठिंडा में नकली घी बनाने के मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ में खुलासा किया है कि वह घी बनाने के लिए केमिकल दिल्ली से लाते थे।
जेएनएन, चंडीगढ़। त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों की सक्रियता बढ़ गई है। पुलिस ने बठिंडा के रामपुरा फूल में एेसे ही मिलावटखोरी के धंधे को पकड़ा है। इस दौरान भारी मात्रा में नकली देसी घी बनाने वाला सामान बरामद हुआ था। नकली देसी घी को बनाने वाले के तार दिल्ली से जुड़ रहे हैैं। आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि घी में इस्तेमाल किए जा रहे आरएम केमिकल दिल्ली से लाया गया था। इस केमिकल की खासियत यह है कि इसकी मौजूदगी से सामान्य जांच में भी नकली देसी घी असली लगता है।
रामपुरा फूल में पहली बार पुलिस और तंदरुस्त पंजाब मिशन की टीम ने तीन दिन पहले रेड की थी। इस दौरान भारी मात्रा में नकली देसी घी बनाने वाला सामान बरामद हुआ था। पुलिस ने नकली देसी घी बनाने वाली कंपनी और उनके मालिकों पर केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन अहम बात यह है कि अब तक देसी घी के नाम पर जितना भी माल बरामद किया गया है वह लैब में टेस्ट के बाद सही पाया गया है। अब इसकी जांच अमूल कंपनी के पास जो मशीन है उससे करवाई जा रही है।
पूरी छानबीन में पता चला है कि देसी घी के शुद्ध और अशुद्ध होने संबंधी आरएम केमिकल सबसे अहम भूमिका निभाता है। तैयार घी में आरएम केमिकल अगर पर्याप्त मात्रा में है तो टेस्ट करने वाली मशीनें उसे सही मानकर सुरक्षित करार दे देती हैं। नकली देसी घी बनाने वाली कंपनियां यही कर रही हैं। वे वनस्पति घी, फैट आदि के साथ एक खास मात्रा में आरएम केमिकल का प्रयोग करके इसे तैयार कर रही हैं। इसमें देसी घी की खुशबू बनाने के लिए सेंट अलग से डाला जाता है।
तंदरूस्त पंजाब मिशन की टीमों ने रामपुरा फूल में जिस फैक्टरी पर छापेमारी की उसमें से सौ क्विंटल आरएम केमिकल भी पकड़ा गया जो हजारों टन नकली देसी घी तैयार कर सकता था। तंदरूस्त पंजाब मिशन के डायरेक्टर काहन सिंह पन्नू ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि फैक्टरी में घी तैयार करके पैकेजिंग के लिए कोटकपूरा (फरीदकोट) भेजा जाता था। जांच टीम को वहां पर वेरका का देसी घी भी मिला जिससे साफ पता चलता है कि तैयार किए गए नकली देसी घी में कुछ मात्रा असली देसी घी की भी होती है।
पन्नू ने बताया कि कोटकपूरा में पकड़े गए लोगों से पता चला कि वे आरएम केमिकल लहरागागा (संगरूर) से लाते हैं और लहरागागा में ये सारा सामान दिल्ली से लाया जाता है। पन्नू ने कहा कि हमारी टीम ने सारी चेन को तोड़ दिया है। दिल्ली में बैठी कंपनियां ये केमिकल विदेश से आयात करती हैं। चूंकि इस पर भारत में पाबंदी नहीं लगी है, इसलिए इसे आयात करके इस गोरखधंधे में लगे लोग पंजाब समेत देश के अन्य राज्यों में सप्लाई कर देते हैैं।
पंजाब ने खरीदी देसी घी जांच के लिए तीन करोड़ की मशीन
पन्नू ने बताया कि देसी घी की जांच करने के लिए सरकार ने तीन करोड़ रुपये में मशीन खरीदी है। यह मशीन खरड़ (मोहाली) लैब में लगा दी गई है, लेकिन अभी इसने काम करना शुरू नहीं किया है। इससे पहले पंजाब के पास ऐसी मशीन नहीं थी। जब हमारे द्वारा पकड़े गए कई सैैंपल पास हो गए तो हमने इसके बारे में पता किया। दरअसल आरएम केमिकल को पकडऩे वाली मशीन केवल अमूल कंपनी के पास थी। हमने ये सैैंपल जब वहां भिजवाए तो सभी फेल हो गए।
आरएम केमिकल से हो सकता है कैंसर
अमृतसर के सिविल अस्पताल में कार्यरत डॉ संदीप अग्रवाल के अनुसार आरएम केमिकल युक्त दूध या घी के सेवन से किडनी, लीवर और दिल पर असर पड़ता है। पेट और स्किन के रोग हो जाते हैं। इससे कैंसर तक हो सकता है। यह केमिकल इतना खतरनाक है कि समय से पहले ही बुजुर्ग बना देता है। नकली घी तैयार करने वाले लोग इस केमिकल का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि यह घी की खुशबू व रंग प्राकृतिक बनाए रखता है। इसके दुष्प्रभाव इंसान पर बहुत शीघ्र दिखने लग जाते हैं।